Wednesday, July 26, 2017

कलारिपयट्टु की कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को पुरानी मार्शल आर्ट से जोड़ना है


कलारिपयट्टु हमारे देश की बहुत ही पुरानी मार्शल आर्ट है यह कला भगवान परशुराम के समय की है लेकिन जहाँ विदेशों में लोग इस कला को सीखने में ज्यादा रूचि रखते हैं वहीँ हमारे देश हमारी ही इस प्राचीन कला से लोग अनभिज्ञ हैं. इसीलिए आम लोगों को कलारिपयट्टु से परिचित कराने के लिए मारुति कलारी संघम, त्रिवेन्द्रम, केरल के गुरु अजिथ कुमार जी जान से जुटे हैं. गुरु थनकप्पन आसन द्वारा १९५७ में स्थापित किये गये मारुति कलारी संघम अलग - अलग राज्यों में वर्क शॉप आयोजित कर रहे हैं। पिछले दिनों पुणे में आयोजित वर्क शॉप काफी सफ़ल रही अब  २८, २९ और ३० जुलाई को मुंबई में कलारिपयट्टु की वर्क शॉप आम लोगों के लिये आयोजित हो रही है.      

 गुरु अजिथ कुमार ने अपने पिता और महान गुरु थनकप्पन आसन से दस वर्ष की उम्र में इस कला को सीखना शुरू कर दिया था. तब से लेकर अब तक मारुति कलारी संघम के माध्यम से गुरु अजिथ लोगों द्वारा भुला दी गयी कला को सम्मान दिलाने के लिए पिछले कई सालों से प्रयास रत हैं. 

  कलारिपयट्टु की कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को पुरानी मार्शल आर्ट से जोड़ना है, यह कला ऐसी कला है जिससे व्यक्ति का मस्तिष्क का जागरूक रहता है।  कलारिपयट्टु आजकल अस्तित्व में सबसे प्राचीन मार्शल कला है  यह न केवल लड़ाई की एक पूरी प्रणाली है, बल्कि श्वास, अभ्यास, चिकित्सा और ध्यान की अपनी आंतरिक प्रणाली के साथ जीवन का एक तरीका भी है। इसके अभ्यास से  शरीर में  ताकत, चपलता, लचीलापन, संतुलन और समन्वय होता ही है. मारुति कलारी संघम में आज भी गुरुकुल परम्परा कायम है. इस गुरुकुल में प्रशिक्षित होने के लिए देश - विदेश से विद्यार्थी आते हैं। लड़के -लड़कियाँ दोनों ही समान रूप से इसमें प्रशिक्षण हासिल करते हैं। ७० साल की मीनाक्षी अम्मा कलारिपयट्टु की विशेषज्ञ पिछले 6 दशकों से  अपनी परंपरा को कायम रखने के लिए आज भी लाठी, तलवार और भाला थामें मैदान में डटी हुई है। वह इस उम्र में भी अपनी से आधी उम्र के मार्शल आर्ट योद्धाओं के छक्के छुड़ाने का दम रखती हैं. 

  फिल्म अभिनेता विद्युत जामवाल ने भी कलारिपयट्टु  का प्रशिक्षण लिया है। अभिनेता  टाइगर श्रॉफ की फिल्म "बागी" में कलारिपयट्टु के बारें में दिखाया गया था. 

No comments:

Post a Comment

मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज़ के धनी अमीन सयानी की यादें

91 साल की उम्र में अमीन सयानी जी का निधन हो गया। उनको हम देश का पहला आर जे भी कह सकते हैं। रेडियो सिलोन में गीतों का कार्यक्रम ब...