Friday, October 27, 2017

हिंदी फिल्म --- रुख़

हिंदी फिल्म --- रुख़ 
रिलीज़ --- २७ अक्टूबर 
बैनर --- इरोज एंटरनेशनल और दृश्यम फिल्म्स।
निर्माता --मनीष मुंद्रा 
निर्देशक  -- अतानु मुखर्जी। 
लेखक --- अतानु मुखर्जी, आकाश मोहिमेन और वासन बाला।
कलाकार - मनोज बाजपेयी, स्मिता ताम्बे ,कुमुद मिश्रा और आदर्श गौरव। 
संगीत --- अमित त्रिवेदी 

लेखक, एडिटर, निर्माता और निर्देशक अतानु मुखर्जी  की बतौर निर्देशक तो "रुख " पहली ही फिल्म है लेकिन इससे पहले उन्होंने २ लघु फिल्मों और एक वृत्तचित्र का निर्देशन किया है। अभिनेता मनोज बाजपेयी की यूँ तो अनेकों फ़िल्में आ चुकी हैं लेकिन पिछले दिनों आयी फिल्म "सरकार -  ३" को कोई विशेष सफलता नहीं मिली। अभिनेत्री स्मिता ताम्बे ने अनेकों मराठी फिल्मों में अभिनय किया है और २०१४ में आयी हिंदी फिल्म "सिंघम रिटर्न्स " में काम किया है और उनकी यह फिल्म "रुख़ " दूसरी हिंदी फिल्म है। आदर्श गौरव ने अब तक माय नेम इज खान (२०१० ) मेडले (२०१६ ) और मॉम (२०१७ ) आदि फिल्मों में काम किया है।   
फिल्म "रुख " की कहानी घूमती है एक १८ वर्षीय लड़के के इर्द गिर्द। "रुख’ पिता के मौत की सच्चाई से अनजान एक बेटे के संघर्ष की कहानी है

 ध्रुव माथुर ( आदर्श गौरव ) जो की घर से दूर बोर्डिंग में अपनी पढ़ाई करता है और जिसे यह नहीं मालूम नहीं है उसके अपने घर में क्या -क्या घटित हो रहा है ? अपने घर परिवार पर छाये 
सकंट से अंजान ध्रुव की जिंदगी में अचानक एक नया मोड़ आता है जब उसे खबर मिलती है कि उसके पिता  दिवाकर माथुर ( मनोज बाजपेयी ) की मृत्यु एक कार दुर्घटना में हो गयी है। लेकिन उसे इस बात पर विश्वास नहीं होता।  ध्रुव कई तरीकों से पिता की मौत की सच्चाई जानने की कोशिश करता है लेकिन उसे कुछ भी पता नहीं चलता। ध्रुव अपने पिता के बारे में अपनी माँ नंदिनी माथुर (स्मिता ताम्बे ) से भी बात करने की कोशिश करता है लेकिन उसकी माँ कहती है कि उसे इन सब बातों से दूर ही रहना चाहिये। पिता की मौत के बाद जैसे-तैसे वो इस सदमे से उबरता है और पिता के मौत की सच्चाई पता लगाने की कोशिश करता है तब कहीं से उसे यह खबर मिलती है कि उसके पिता मृत्यु से पहले ही दिवालिया हो चुके थे।  यह जानकार ध्रुव और भी हैरान और परेशान हो जाता है कि उसे क्यों इन सब बातों के बारें में उसकी माँ ने नहीं बताया।जैसे जैसे ध्रुव अपने पिता की मृत्यु के बारें में पता लगाता है उसे अपने पिता के व्यक्तित्व के बारें में कई नई जानकारियां मिलती हैं जिनसे वो पूरी तरह अंजान था।   
क्या है ध्रुव के पिता की मौत का रहस्य ? क्या ध्रुव पिता की मृत्यु से जुड़ी सब घटनाओं के बारें में पता लगा पाता है या उसके सामने सब रहस्य ही रह जाता है ?  

Friday, October 20, 2017

हिंदी फिल्म --- गोलमाल अगेन

हिंदी फिल्म --- गोलमाल अगेन 
रिलीज़ -- २० अक्टूबर 
बैनर --- रोहित शेट्टी प्रोडक्शंस और मंगलमूर्ति फिल्म्स 
निर्माता --- रोहित शेट्टी और संगीता अहीर 
निर्देशक --- रोहित शेट्टी 
कहानी -- रोहित शेट्टी 
संवाद --- साज़िद - फ़रहाद 
पटकथा -- यूनुस सजावल 
कलाकार-- अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर,श्रेयस तलपड़े, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, कुणाल खेमू, संजय मिश्रा, जॉनी लीवर,प्रकाश राज , बृजेश हीरजी और नील नितिन मुकेश।      
संगीत --- अमाल मलिक, एस थमन और डीजे चेतस। 
बैक ग्राउंड संगीत -- अमर मोहिले  
गीतकार -- कुमार 
गायक और गायिकायें -- नीरज श्रीधर, सुकीर्ति कक्कड़,अमित मिश्रा,अदिति सिंह शर्मा, अरमान मलिक और बृजेश शाँडिल्य।

फिल्म "गोलमाल अगेन"  गोलमाल सीरीज़ की चौथी फिल्म है. सबसे पहले २००६ में पहली फिल्म आयी थी "गोलमाल -- फन अनलिमिटेड , २००८ में गोलमाल - रिटर्न्स,२०१० में गोलमाल ३ और अब यह २०१७ में "गोलमाल अगेन"।  "गोलमाल"सीरीज़ की पहली फिल्म से लेकर "गोलमाल अगेन" तक सभी फिल्मों का निर्देशन रोहित शेट्टी ने कियाऔर इन सभी  फिल्मों में अजय देवगन , अरशद वारसी, तुषार कपूर, संजय मिश्रा और मुकेश तिवारी ,अश्विनी कालसेकर, मुरली शर्मा तो हैं ही लेकिन बाकी फिल्मों कुछ कलाकार बदलते चले गये. पहली फिल्म 'गोलमाल" में नायिका थी रिमी सेन जबकि दूसरी और तीसरी में करीना कपूर थी और चौथी फिल्म में नायिका हैं परिणीति चोपड़ा।  परिणीति चोपड़ा के अलावा तब्बू, सचिन खेडेकर और प्रकाश राज आदि नये चेहरे हैं फिल्म "गोलमाल अगेन " में.
जैसा कि फिल्म के पोस्टर में ही लिखा है कि लॉजिक नहीं सिर्फ मैज़िक तो फिल्म की कहानी में भी दर्शकों को लॉजिक नहीं मिलेगा बस जैसे कि पिछली गोलमाल सीरीज़ की फिल्मो में देखने को मिला था वैसा ही कुछ मैजिक इस फिल्म में भी देखने को मिलेगा यानि हँसना , हँसाना और  लोट पोट कर देने वाले संवाद। 
 
  हॉरर और कॉमेडी के तड़के वाली फिल्म " गोलमाल अगेन" की कहानी एक भूत बंगले के इर्द गिर्द है. गोपाल ( अजय देवगन ) लक्ष्मण प्रसाद आप्टे ( श्रेयस तलपड़े ) माधव ( अरशद वारसी ) लकी (तुषार कपूर ) लक्ष्मण (कुणाल खेमू ) के साथ एक बँगले में रहने आता  है। जिस दिन वो खूबसूरत बँगले में रहने आता है  उसी रात गोपाल को आवाज़ कुछ आवाजें सुनाई देती है और वो डर कर सोते से जाग जाता है और वो अपने पास में सोने वाले लक्ष्मण को जगाता है लेकिन लक्ष्मण गोपाल से कहता है कोई भूत नहीं है ऐसे ही आवाज़ आ रही है लेकिन कुछ दिनों के बाद उन्हें पता चलता है कि जिस बँगले में वो रह रहे  हैं उस बँगले में १५ दिन पहले ही किसी मृत्यु हो गयी थी.उसी की आत्मा बँगले में गोपाल को दिखाई देती है और कुछ दिनों के बाद गोपाल को दिखाई देने वाला भूत बारी - बारी से लक्ष्मण , माधव और लकी को भी दिखाई देने लगता है और आखिरी में तो भूत लकी के अंदर ही घुस जाता है और गूँगा लकी जोर जोर से बोलने लग जाता है. ऐसे में सारे लोग बहुत डर जाते हैं और वो भूत को भगाने के लिए रुक्मणी ( तब्बू ) को बुलाते हैं जो कि एक तांत्रिक हैं।  दूसरी तरफ गोपाल को ख़ुशी ( परिणीति चोपड़ा ) से प्यार हो जाता है लेकिन वो उसे अपने दिल की बात कहने में हिचकता है तो गोपाल के दोस्त उसकी मदद करते हैं दोनों को मिलवाने में।  

क्या तांत्रिक रुक्मणि बंगले से भूत को भगाने में कामयाब हो जाती है ? क्या गोपाल ख़ुशी को अपने दिल की बात बताने में कामयाब हो जाता है ? शेरू भाई ( प्रकाश राज ) वसूली भाई ( मुकेश तिवारी ) पप्पी भाई (जॉनी लीवर ) और बबली भाई ( संजय मिश्रा ) तीनो ही जब बँगले में आ जाते तब क्या होता है ? जानने के लिए देखिये हॉरर कॉमेडी फिल्म "गोलमाल अगेन ".. 


Thursday, October 12, 2017

हिंदी फिल्म --- राँची डायरीज

हिंदी फिल्म --- राँची डायरीज 

रिलीज़ --- १३ अक्टूबर 
बैनर -- कोकोनट मोशन पिक्चर्स प्रेजेन्टस और एक्टर प्रेपरेस मुम्बई  
निर्माता --- अनुपम खेर, सात्त्विक मोहंती  और  रश्मिन मजीठिया 
लेखक और निर्देशक --- सात्त्विक मोहंती 
संगीत --- जीत गाँगुली 
कलाकार -- अनुपम खेर,सतीश कौशिक,  जिमी शेरगिल, ताहा शाह, हिमांश कोहली और सौंदर्या शर्मा।     

फिल्म "राँची डायरीज" सात्त्विक मोहंती की एक निर्देशक के रूप में पहली ही फिल्म है. इससे पहले सात्त्विक ने सहायक निर्देशक के रूप में २०११ में आयी फिल्म "माय फ्रैंड पिंटो " और २०१५  में आयी फिल्म "मेरठिया गैंगेस्टर" में काम किया।  एक निर्माता के रूप में अभिनेता अनुपम खेर की भी यह पहली ही फिल्म है. अभिनेत्री सौंदर्या शर्मा की "राँची डायरीज" दूसरी फिल्म है इससे पहले उन्होंने २०१५  में आयी फिल्म "मेरठिया गैंगेस्टर" में काम किया था. ताहा शाह ने २०११ में फिल्म "लव का द एन्ड ", २०१३ में गिप्पी, २०१५ में बरखा और २०१५ में फिल्म "बार बार देखो " में काम किया है। अभिनेता हिमांश कोहली ने २०१४ में फिल्म " यारियाँ", २०१६ में फिल्म "अभी नहीं तो कभी नहीं" और "जीना इसी का नाम है" और जून, २०१७ में आयी फिल्म "स्वीटी वेड्स एन आर आई" में भी काम किया है.  
फिल्म "रांची डायरीज"  पूरी तरह से रांची के युवाओं पर आधारित है. कहानी है उन युवाओं की , जो राँची जैसे एक छोटे से शहर में रहते हैं लेकिन उनके सपने बहुत ही बड़े हैं ,अपने इन सपनों को पूरा करने के लिए वो क्या - क्या करते हैं। 
फिल्म की कहानी है गुड़िया (सौंदर्या शर्मा) की, जो रांची में रहती है, युवा है, जिसे गीत - संगीत का बेहद शौक है और जो शकीरा की तरह लोकप्रिय बन कर अपना एक मुक़ाम बनाना चाहती है. दूसरी तरफ है मनीष ( हिमांश कोहली ) जो गुड़िया से प्यार करता है और  उसके साथ घर बसाने के सपने देखता है। ठाकुर भैया (अनुपम खेर)  भी इन दोनों की मदद करते हैं।  कम समय में ज्यादा पैसे जमा करने के लिए दोनों एक लोकल गुंडे पिंकू ( ताहा शाह ) का सहारा लेते  हैं और  फिर उसके साथ मिलकर एक बड़े आदमी के बेटे का अपहरण करते हैं लेकिन फिर सभी इस अपहरण के चक्कर में बुरी तरह फँस जाते हैं और उसमें से निकलने का उन्हें कोई भी रास्ता नहीं मिलता। अपहरण के मामले को रफ़ा दफ़ा करने के लिए उनसे पुलिस अधिकारी (सतीश कौशिक) 7 लाख रूपये मांगता है। जिसका जुगाड़ करने के लिए गुड़िया और मनीष अपने दोस्तों के साथ  मिलकर बैंक में डकैती की योजना बनाते हैं. एक ओर भ्र्ष्ट पुलिस अधिकारी (सतीश कौशिक ) है और दूसरी ओर लल्लन सिंह (जिमी शेरगिल ) जैसा अच्छा पुलिस अधिकारी है जो गुड़िया और मनीष को पकड़ने के लिए जोर - शोर से तैयारी में हैं.  
कैसे गुड़िया , मनीष और उसके दोस्त गुंडों और पुलिस के बीच से खुद को बचा पाते हैं ? क्या गुड़िया शकीरा की तरह कामयाब बन पाती है ? क्या मनीष और गुड़िया शादी कर घर बसा पाते हैं ?
 इन सबके अलावा और भी बहुत कुछ है फिल्म "रांची डायरीज " में।  

Thursday, October 5, 2017

हिंदी फिल्म -- शेफ

हिंदी फिल्म -- शेफ 
बैनर -- टी सीरीज़,अबुंदन्त्या एंटरटेनमेन्ट्स और बांद्रा वेस्ट पिक्चर्स।  
रिलीज़ -- ६ अक्टूबर 
निर्माता -- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, राजा कृष्णा मेनन, विक्रम मल्होत्रा और जननी रविचंद्रन।    
निर्देशक -- राजा कृष्णा मेनन 
लेखक -- रितेश शाह ,सुरेश नायर और राजा कृष्णा मेनन।
२०१४ में आयी जॉन फवरो की फिल्म "शेफ" पर आधारित 
कलाकार -- सैफ अली खान, पद्मप्रिया और स्वर कांबले।       
संगीत -- अमाल मलिक और रघु दीक्षित। 

२०१४ में आयी अभिनेता जॉन फवरो की लोकप्रिय अमेरिकी फिल्म "शेफ " पर आधारित है निर्देशक राजा कृष्णा मेनन की यह फिल्म "शेफ ". फिल्म लेखक, निर्माता और निर्देशक राजा कृष्णा मेनन मलयाली अभिनेता टी पी माधवन के बेटे हैं।  इनकी २००९ में बारह आना और २०१६ में अक्षय कुमार की फिल्म "एयर लिफ्ट " आयी थी। इस फिल्म में तेलुगु, मलयालम,बंगाली , कन्नड़ और तमिल फिल्मों की अभिनेत्री पद्मप्रिया अभिनेता सैफ के साथ दिखाई देंगी।  पद्मप्रिया ने २००३ में तेलुगु फिल्म "वासंती लक्ष्मी " से फिल्मों में अभिनय करना शुरू कियाऔर  फिर एक - एक करके करीब ३० फिल्मों में अभिनय किया।अभिनेता सैफ अली को भी एक हिट फिल्म की जरुरत है क्योंकि उनकी पिछली फिल्मों को सफलता नहीं मिली है. हैप्पी एंडिंग, हमशक्लस,फैंटम और रंगून आदि सभी असफल रही हैं.    


 यह फिल्म एक अच्छे शेफ की कहानी है जिसके बेहतरीन पिता बनने के सफर को दिखाया गया है। एक पिता और बेटे के खूबसूरत रिश्तों की कहानी है फिल्म "शेफ" . अभिनेता सैफ अली इस फिल्म में शेफ की भूमिका में हैं।  इससे पहले सन २००५ में आयी फिल्म "सलाम नमस्ते " में उन्होंने शेफ की भूमिका अभिनीत की थी।   

रोशन कलरा (सैफ अली खान ) एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का शेफ है, अपने बेटे (स्वर कांबले )और पत्नी राधा ( पद्मप्रिया ) से दूर अपने कॅरियर में व्यस्त है बस बेटे की पढ़ाई के लिये पैसे भेजकर ही अपनी जिम्मेदारी निभाता है,लेकिन बाद में उसे समझ आता है कि सिर्फ पैसे से ही सब कुछ नहीं किया जा सकताऔर वो सोचता कि अगर वह अपने परिवार से प्यार करता है तो उन्हें समय देना भी जरूरी है।इसलिए वो अपनी नौकरी छोड़ कर अपने बेटे के पास कोच्चि आता है और वहाँ आकर वो एक डबल डेकर फूड ट्रक बनाता है यानि ट्रक को ही रेस्ट्रोरेंट बना देता है और स्वादिष्ट खाने की शौकीनों के बीच लोकप्रिय होता है। इस तरह से रोशन अपने बेटे और पत्नी के साथ समय भी बिता पाता है और अपने शौक को भी बरक़रार रख पाता है.
 


मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज़ के धनी अमीन सयानी की यादें

91 साल की उम्र में अमीन सयानी जी का निधन हो गया। उनको हम देश का पहला आर जे भी कह सकते हैं। रेडियो सिलोन में गीतों का कार्यक्रम ब...