Friday, February 28, 2020

कहानी -- हिंदी फिल्म -- थप्पड़

कहानी -- हिंदी फिल्म -- थप्पड़ 
रिलीज़ -- २८ फरवरी 
बैनर -- बनारस मीडिया वर्क्स , टी सीरीज़ 
निर्माता --- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार , अनुभव सिन्हा 
निर्देशक -- अनुभव सिन्हा 
लेखक -- अनुभव सिन्हा ,मृणमयी लागू   
कलाकार -- तापसी पन्नू, पावेल गुलाटी , रत्ना पाठक शाह , दिया मिर्ज़ा     
संगीत -- अनुराग सैकिया 
बैक ग्राउण्ड स्कोर -- मंगेश धाकड़े 
गीत -- शकील आज़मी 
आवाज़ -- राघव चैतन्य 

निर्माता , निर्देशक और लेखक अनुभव सिन्हा ने २००१ में लोकप्रिय फिल्म तुम बिन  २००३ में जग्गा अनलिमिटेड , २००५ में दस २०११ में रा वन २०१६ में तुम बिन - २, २०१८ में मुल्क  और २०१९ में आर्टिकल
१५ आदि फ़िल्में बनाई हैं ।
  
२०१३ में फिल्म 'चश्मेंबद्दूर" से हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय की शुरुआत करने वाली तापसी पन्नू ने  बेबी , पिंक , जुड़वाँ - २, नाम शबाना, मुल्क , मनमर्ज़ियाँ , बदला और साँड की आँख आदि फिल्मों में अभिनय किया है।   
"थप्पड़" कहानी है एक महिला के आत्म सम्मान की।  अमृता ( तापसी पन्नू ) और  विक्रम ( पावेल गुलाटी ) दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी से बेहद खुश हैं।  विक्रम बहुत महत्वाकांक्षी है जबकि अमृता होम मेकर बन कर बहुत खुश है।  दोनों ही एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं। लेकिन एक दिन दोनों की जिंदगी में भूचाल आ जाता है।  होता कुछ यूँ है कि पार्टी में  विक्रम की एक व्यक्ति से गरमा गर्मी हो जाती है ऐसे में  बीच बचाव करने आयी अमृता को विक्रम गुस्से में सबके सामने एक थप्पड़ मार देता है। इस थप्पड़ से अमृता बहुत आहत होती है और विक्रम से तलाक लेने का फैसला करती है।    

क्या अमृता विक्रम से तलाक ले पाती है ? या अमृता अपने अपमान को भूलकर फिर से विक्रम के साथ रहने का फैसला करती है। यही इस फिल्म में दिखाया गया है। 

Thursday, February 20, 2020

बृहन्मुम्बई महानगर पालिका द्वारा आयोजित फूलों की प्रदर्शनी में इस साल चार लाख से ज़्यादा लोग आये


जीतेन्द्र सिंह परदेसी जो बृहन्मुम्बई महानगर पालिका के अधीक्षक हैं ,इन्होने पाँच दिन की जिजामाता उद्यान में फूलों और फलों की प्रदर्शनी रखी जहाँ इस साल चार लाख से ज़्यादा लोग आये . इस प्रदर्शनी में जानेमाने एक्टर रवीना टंडन , पद्मिनी कोल्हापुरे  ,वर्षा उसगाओंकर , शिवाजी साटम ,श्रेयस तलपड़े , एकता जैन , फ़िल्म द हंड्रेड बक के कलाकार - कविता त्रिवेदी ,दुष्यन्त प्रताप सिंह और संतोक सिंह ने शिरकत की। बृहन्मुम्बई महानगर पालिका का गार्डन डिपार्टमेंट हर साल ये शो करता है जहाँ लोग अलग अलग प्रकार के फूल देखने आते हैं । इस साल फूलों से फिल्मसिटी बनाई , ट्राम बनाया , तितली बनाई ,जूता घर बनाया और कई मुंबई का डब्बेवाला बनाया।  ये सारे विभिन्न 
प्रका   
र के फूलों से बनाया गया। 






फ़िल्म और टीवी जगत के लोगों को टॉप ५० इंडियन आइकॉन अवार्ड्स से सम्मानित किया गया










" टॉप 50 इंडियन आइकन अवार्ड" एक बहुत प्रतिष्ठित पुरस्कार है, . माननीय नामांकित व्यक्ति को सम्मान किया गया है। उनके संबंधित कार्य श्रेत्रो में योगदान करने के लिए। हम कृतज्ञ हैं हमारी सभी जूरी सदस्यों का ,उनका आभार व्यक्त करते हुए प्रमुख जूरी सदस्य डॉक्टर रितू सिंग,  सिमर भाटिया,  विभव तोमर, कुमार गणेश, विवेक जैन, संतोष भारतीय, राजेन्द्र जैन, अतुल मोहन, स्वीटी वालिया, मनीष अवस्थी, डॉक्टर खुशबू कादरी, महामंडलेश्वर मार्तंड पुरी, व उपरोक्त अवार्ड के निर्देशक दुष्यंत प्रताप सिंह।  अर्चना कोचर, भाभी जी घर पे हैं सीरियल की शुभांगी अत्रे, तरनजीत कौर, जानवी सिंह, शाहिद सैयद, ब्राईट आउटडोर के डॉक्टर योगेश लखानी,  पवन शर्मा,  त्विशा शर्मा, टीवी स्टार फैसल खान,  संजय खंडूरी,  प्रदीप शाह, संगीतकार समीर सेन, एक्ट्रेस एकता जैन, रवि धनकर,  राजकुमार कनोजिया,  वेद प्रकाश, डॉक्टर शवेता गर्ग, डिस्ट्रीब्यूटर मनोज नंदवाना, ज्योति श्रिपाठी, राजू गवली, जय विजय सरैया,  मुक्ता दुबे,  सोना खान, डॉक्टर स्वराज्य सिंह, बिजेन्द्भ प्रताप मिश्रा, राज दत्त, सीमा कुमार, इंडिया न्यूज़ के अभिषेक शर्मा, केशर सिंह बिष्ट,  मुहम्मद मुजफ्फर, आजतक के टीवी शो सास बहु और बेटियां के अमित त्यागी, डॉक्टर श्रीदेवी रेड्डी  डूंपा, संगीतकार संतोख सिंह, विजय सुरसे, निर्माता गोविन्द उभे, डॉक्टर मोनिका साईं, राज विश्वकर्मा, राजेश कुमार, खुशी हेगड़े, अर्श मोहम्मद, नीरज पांडे और अन्य लोगों की अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अवार्ड में संतोख सिंह और दुष्यंत सिंह ने अपनी आनेवाली फ़िल्म द हंड्रेड बक्स का गीत भी गाया। फ़िल्म २१ फरवरी को रिलीज़ होगी। 

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने शीर्ष हेयर स्टाइलिस्ट शिवराम भंडारी की किताब का मराठी अनुवाद जारी किया


महाराष्ट्र के टूरिज्म और पर्यावरण मंत्री श्री आदित्य ठाकरे ने पिछले दिनों मुंबई के मंत्रालय में आयोजित एक समारोह में, शीर्ष हेयर स्टाइलिस्ट शिवराम भंडारी की एक किताब स्टाइलिंग एट द टॉप के मराठी संस्करण का विमोचन किया, शिवराम भंडारी को शिवा के रूप में जाना जाता है। 
श्री अमिताभ बच्चन द्वारा अंग्रेजी संस्करण के सफल लांच के बाद यह तीसरी ऐसी पुस्तक है। आपको बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के धर्मशाला के पद्म विभूषण श्री वीरेन्द्र हेगड़े द्वारा इसका कन्नड़ अनुवाद भी जारी किया गया था।

आदित्य ने शिवाज के ब्रांड नाम के तहत 20 सैलून की श्रृंखला चलाने वाले शिव की बेजोड़ और विनम्र विशेषताओं की प्रशंसा की, और उम्मीद की कि युवा इनसेप्रेरित और प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने अपने दादा, श्री बालासाहेब ठाकरे के समय से ठाकरे परिवार के साथ साझा किए गए उनके जुड़ाव को याद किया। 
आदित्य ने नए उद्यमियों को सलाह दी कि  "काम करते रहो, ज़मीन पर जमे रहो और आगे बढ़ो।" उन्होंने कहा, "इस तरह की आत्मकथाएं लिखी जानी चाहिए ताकि लोगों को उस संघर्ष के बारे में पता चले जो तरक्की में लगता है, सिर्फ ग्लैमर देखा जाता है, लेकिन लोग उस कठिन परिश्रम से अनजान होते हैं जो यहां तक पहुंचने से पहले लगता है।" उन्होंने इस मराठी पुस्तक की सफलता की कामना की।
यह पुस्तक लगन और दृढ़ संकल्प के बारे में है कि किस तरह शिवा को असंख्य बाधाओं के खिलाफ कई संघर्षों से गुजरना पड़ा। यह कहानी बताती है कि कैसे शिवा ने एक छोटी सी नाई की दुकान से अपना रास्ता बनाया, जिसे उन्होंने लगभग 32 साल पहले मुंबई में स्थापित किया था। आज शिवा के सिग्नेचर सैलून एक ब्रांड बना गए है जहां सेलिब्रिटीज भी आते है और त्वचा और बालों की देखभाल करने वाले प्रोडक्ट्स भी हैं जिन्हें शिवा का ट्रेंड्स कहा जाता है।
स्टाइलिंग ऑफ द टॉप, द जर्नी ऑफ शिवा, बॉलीवुडस सेलिब्रेटेड हेयरस्टाइलिस्ट नामक पुस्तक पत्रकार जयश्री शेट्टी द्वारा लिखी गई है और मराठी में डॉ सुचिता नंदापुरकर-फड़के द्वारा अनुवादित है। अंग्रेजी संस्करण मंजुल पब्लिशिंग हाउस की एक शाखा, एमारिलिस द्वारा प्रकाशित किया गया है, जिससे मराठी अनुवाद हुआ है। अंग्रेजी, मराठी और कन्नड़ तीनों संस्करण किताबों की दुकानों में और ऑनलाइन उपलब्ध हैं। हिंदी और गुजराती संस्करण भी जल्द सामने आने वाले हैं।

कहानी -- हिंदी फिल्म -- शुभ मंगल ज़्यादा सावधान

कहानी -- हिंदी फिल्म -- शुभ मंगल ज़्यादा सावधान 
रिलीज़ -- २१ फरवरी 
बैनर -- टी सीरीज़ , कलर येलो प्रोडक्शन्स 
निर्माता -- भूषण कुमार , कृष्ण कुमार ,आनंद एल राय , हिमांशु शर्मा 
लेखक और निर्देशक -- हितेश कैवल्य 
कलाकार -- आयुष्मान खुराना , जीतेन्द्र  कुमार , गजराज राव, नीना गुप्ता   
संगीत -- तनिष्क बागची , वायु 
बैक ग्रॉउंड संगीत -- करन कुलकर्णी 
गीत -- वायु 
आवाज़ --रोमी , आयुष्मान खुराना , बप्पी लाहिरी ,इक्का 

लेखक ,गीतकार और  निर्देशक हितेश कैवल्य की पहली ही निर्देशित फिल्म है "शुभ मंगल ज़्यादा सावधान " । इससे पहले हितेश आगे से राईट , सिद्धार्थ : द प्रिज़नर ,शुभ मंगल सावधान आदि फिल्मों से गीतकार और लेखक के रूप में जुड़े रहे हैं। गायक  और अभिनेता आयुष्मान खुराना ने २०१२ में फिल्म "विकी डोनर " से फिल्मों में अपनी शुरुआत की।  इसके बाद  नौटंकी साला , बेवकूफियाँ , हवाईज़ादा ,दम लगा के हईशा , मेरी प्यारी बिंदु ,बरेली की बर्फी , शुभ मंगल सावधान, बधाई हो , अंधाधुन,ड्रीम गर्ल,बाला  आदि फ़िल्में आयुष्मान की आयीं। हर फिल्म की तरह इस फिल्म में भी आयुष्मान ने एक गीत गाया है।  अभिनेता जीतेन्द्र कुमार अपने किरदारों जीतू भैया , मुन्ना जज्बाती , गिट्टू और अर्जुन केजरीवाल से दर्शकों के बीच ज्यादा लोकप्रिय हैं।  जीतेन्द्र ने फिल्मों और वेब सीरीज दोनों में अभिनय किया है।  उनकी कुछ फिल्में और शो इस प्रकार हैं --- शुरुआत का इंटरवेल , परमानेंट रूममेट्स , टी वी एफ पिचेर्स,  टी वी एफ बैचलर्स सीजन - २,गॉन केश , कोटा फैक्ट्री, चीज़केक आदि।  छोटे और बड़े परदे की सशक्त अभिनेत्री नीना गुप्ता ने  यूँ तो उन्होंने अनेकों फिल्मों में अभिनय किया है लेकिन पिछले दिनों आयी उनकी फ़िल्में कुछ इस प्रकार हैं --बधाई हो , लास्ट कलर और पंगा आदि। इस फिल्म में दो लोकप्रिय गीतों "गबरु " ( यो यो हनी सिंह -- इंटरनेशनल विलेजर ) "यार बिना चैन कहाँ रे अरे प्यार कर ले " ( साहेब -- १९८५ ) को रीक्रिएट किया गया है।  
  
 शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ की कहानी एक समलैंगिक जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है।   कार्तिक सिंह (आयुष्मान खुराना) और अमन त्रिपाठी  (जीतेन्द्र कुमार)  दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है लेकिन उनके इस प्यार में दोनों के परिवार और समाज आड़े आता है। अमन के घरवाले अमन की शादी एक लड़की से तय कर देते हैं। 

क्या कार्तिक और अमन के प्यार को घर वाले समझ पाते हैं ? क्या दोनों का प्यार अंजाम तक पंहुच पाता है ? यही इस  फिल्म में दिखाया गया है।  

Wednesday, February 19, 2020

अमीषा पटेल ,उदित नारायण ,प्रेम चोपड़ा ,धीरज कुमार और अन्य को ड्रीम अचीवेरस अवार्डस से नवाज़ा गया







श्याम सिंघानिया जो एनार ग्रुप के चेयरमैन हैं और राजेश श्रीवास्तव जो फ़िल्म्स टुडे मैगज़ीन के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं ,दोनों ने मिलकर ड्रीम अचीवर्स अवार्ड का आयोजन मुंबई के द क्लब में रखा जहाँ फ़िल्मी सितारे ,मेहमान और समाज सेवक को आमंत्रित किया गया। महाराष्ट्र के गवर्नर श्री भगत सिंह कोश्यारी मुख्य अतिथि थे अवार्ड फंक्शन में।  इन्होने कलाकारों और अलग अलग क्षेत्र में सामाजिक कार्य करने वाले लोगों को अवार्ड देकर उनका सम्मान किया। जी डी बक्शी ( रिटायर्ड मेजर ), बोलके जिनगुबाई ( समाज सेवक ), पदमश्री डॉक्टर सोमा घोष , शाहिदा गांगुली (एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ), कवि दीपक गुप्ता , पाखी हेगड़े ,धीरज कुमार , वासु मंतेना ,उदित नारायण ,राम शंकर ,स्नेहा शंकर ,अमीषा पटेल , सुमित्रा पाटिल (जी एस टी डिप्टी कमिश्नर ), सुनील सैतुअल ,सैंडी कम्बोज , भावेश सिंह ,राजू कारिया ,प्रेम चोपड़ा ,डॉक्टर सामंत ,ब्रह्मानंद सिंह , संग्राम सिंह ,ज्योतिका टांगरी , हेमंत ताँतिया (जॉइंट कमिश्नर कस्टम ) और विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों को अवार्ड से नवाज़ा गया। लिज़ा मलिक , हर्षिता चौधरी ,डॉक्टर सोम घोष ,राम शंकर ,उदित नारायण और अन्य कलाकारों ने अवार्ड में परफॉर्म किया। नाना नानी फाउंडेशन एक पब्लिक चैरिटी ट्रस्ट है जो मुंबई में नाना नानी पार्क का देखभाल करती है और सीनियर सिटीजन का भी ख्याल रखती है। 

अपनी नई पुस्तक "कलयुग" की सफलता से बेहद उत्साहित हैं लेखक जतिन गुप्ता



आपको वास्तव में बेस्टसेलर्स में जगह  बनाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर रिलीज़ की आवश्यकता नहीं है! यदि एक मोहक और उम्दा पुस्तक है, तो यह अपनी योग्यता से पाठकों के हाथो तक पहुंच जाएगी! यही कारण है कि कोई भी आगामी लेखक वर्तमान लोकप्रिय पुस्तक कलयुग : द असेंशन के लेखक जतिन गुप्ता से सीख सकता है। लेखक जतिन गुप्ता अपनी हालिया फिक्शन की किताब की सफलता से बेहद उत्साहित हैं। हालांकि उन्होंने गैर-फिक्शन से फिक्शन की ओर कदम बढ़ाया है।
मेगा लॉन्च इवेंट नहीं होने के बावजूद, यह पुस्तक हॉट केक की तरह बिक रही है। क्या आपने इस तरह की प्रतिक्रिया की आशा की थी? इस सवाल पर जतिन गुप्ता कहते हैं "हमने कलियुग की 2500 प्रतियां एक महीने में बेचीं और यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। वह भी तब जब यह साल के अंत में स्टॉल पे आई थी; उस समय जब लोग ज्यादातर छुट्टियां मना रहे होते हैं या परिवार के साथ व्यस्त होते हैं, इस पुस्तक ने रिकॉर्ड बनाए। क्या मुझे ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी? सच कहूँ तो, हाँ, जब मैं इस कहानी को विकसित कर रहा था तो किताब ऐसी निकली जैसी मैंने पहले कभी नहीं पढ़ी हो और हर बार जब मैंने इसे पढ़ा तो मुझे लगा कि हमारे हाथ में कुछ खास है।"
पुस्तक के मोशन पोस्टर को भी सनसनीखेज प्रतिक्रिया मिली है। ये कैसे हुआ? इस बारे में जतिन गुप्ता ने बताया "हम पुस्तक को अलग तरीके से देखना चाहते थे और जब यह प्रकाशन प्रक्रिया में थी, हमने पुस्तक के कई पात्रों और दृश्यों को एक आयाम देने का साहसिक निर्णय लिया। हमने रेखाचित्रों का उपयोग किया और उन्हें 8 मोशन पोस्टर और ट्रेलर में परिवर्तित किया। दिलचस्प बात यह है कि विजुअल्स ने शानदार प्रभाव उत्पन्न किया, जिसके कारण फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 2 मिलियन से ज़्यादा व्यूज, 2500 शेयर और 25000 रिएक्शन सामने आ गए।"
किताब कलियुग के बारे में जतिन गुप्ता ने बताया कि जैसा कि नाम से ही पता चलता है यह किताब कलयुग के बारे में है। कलियुग हमारे लिए क्या है और यह कैसे होगा, इस पर एक कल्पना है। कई अन्य कहानियों के विपरीत यह कहानी बिल्कुल पौराणिक नहीं है, बल्कि इसमें कहीं फैंटेसी भी है और पौराणिक कथाओं से बहुत कम तत्व हैं।"
नॉन फिक्शन के साथ एक लेखक के रूप में डेब्यू करने से लेकर हाल की फिक्शन रिलीज़ तक, दोनों के लेखन में क्या अंतर था? इस पर जतिन गुप्ता कहते हैं "सेल्फ हेल्प और मैनेजमेंट बुक्स वास्तविक्ता पे आधारित होती है और इसमें कांसेप्ट के इर्दगिर्द खेलने की गुंजाइश बहुत कम होती है। हालांकि फिक्शन के मामले में ऐसा नहीं है, यह एक अनंत कैनवास है जहां आपकी कल्पना सीमा से आगे तक जा सकती है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे काल्पनिक लेखन पसंद है क्योंकि मैं अपने दिमाग में वास्तव में दुनिया का निर्माण कर सकता हूं, तभी मुझे एहसास हुआ कि मैं आसानी से शैलियों को बदल सकता हूं और ऐसा मेरे पेशेवर पृष्ठभूमि के कारण हो सकता है।"
जतिन गुप्ता फिलहाल GVC नामक एक वैश्विक गेमिंग कंपनी के साथ काम कर रहे हैं। इससे पहले वह इनवेसको नामक एक एसेट मैनेजमेंट कम्पनी के साथ काम कर रहे थे, उनके पेशेवर जीवन का प्रमुख हिस्सा मैनेजमेंट कंसल्टिंग और मार्केटिंग
में गुजरा है।
कहा जा रहा है कि यह किताब एक फिल्म के लिए एकदम सही मेटेरियल है, जतिन गुप्ता चाहते हैं कि जिस तरह बड़े पैमाने पर किताब को लिखा गया है उसी तरह कहानी के साथ न्याय करने के लिए भी बड़े स्तर पर फिल्म को बनाना होगा।

ब्राइट आउटडोर के योगेश लखानी ने कमलेश शाह और भावेश शाह के साथ ट्रैवल बैग की नई रेंज लॉन्च की


"हाल ही में, हमने 2Strap ब्रांड का अधिग्रहण किया है। ब्रांड 2strap का हमारा मकसद नए फैशन और सस्ती कीमतों वाले उत्पाद देना है। ब्रांड का स्लोगन जीवन की यात्रा से जुड़ता है, जहां हम में से प्रत्येक एक यात्री है और यात्रा करते समय हम आवश्यक चीजों को रखते हैं। यात्रा का अलग अलग उम्र में अलग अलग अर्थ होता है। एक बच्चे के रूप में, हम एक बैग में पुस्तकों का भार लेकर स्कूल की यात्रा करते हैं। कॉलेज में, हम न केवल किताबें बल्कि फैशन और पर्सनालिटी भी ले जाते हैं। काम के दौरान, हम अपने आवश्यक सामान को यात्रा में ले जाते हैं जो बहुत अनुभव के साथ आता है और हम 2strap के साथ उस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं।
हमें हाल ही में जर्मनी के ब्रांड "एयरलाइन" का पेटेंट लाइसेंस मिला है। यह जर्मन ब्रांड 1948 से फैशन डिजाइन और नए अविष्कार के लिए जाना जाता है। जर्मनी के प्रोडकट अपने परफेक्शन के लिए
जाने जाते है।" ऐसा कहना है कमलेश शाह का।
हाल ही में एक बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी "न्यूकमर ग्रुप" ने इस जर्मन कंपनी में हिस्सेदारी खरीदी है। न्यूकमर ग्रुप और ट्रैवलर्स फैशन प्राइवेट लिमिटेड के पास भारत में रिटेल बिजनेस की बड़ी योजना है जहां भारतीय उपभोक्ता को अच्छी गुणवत्ता वाले फैशनेबल प्रोडक्ट मिलेंगे।
ट्रैवलर्स फैशन प्राइवेट लिमिटेड ने इंदौर स्थित एक कंपनी "ब्रांड कॉन्सेप्ट्स लिमिटेड" (BCL) के साथ हाथ मिलाया है, जो भारतीय बाजार के लिए टॉमी हिलफिगर और ग्लोबल देसी जैसे विभिन्न भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों का लाइसेंस रखती है। ट्रैवलर्स फैशन प्राइवेट लिमिटेड ने भारत के पश्चिमी क्षेत्र के लिए डिस्ट्रीब्यूशन अधिकार लिया है। ट्रैवलर्स फैशन संयुक्त रूप से BCL के साथ भारत के पश्चिमी भाग में इन ब्रांडों को लगेज और एसेसरीज के क्षेत्र में और प्रोमोट करेगी।
ट्रैवलर्स फैशन प्राइवेट लिमिटेड का नेतृत्व कमलेश शाह कर रहे हैं जो कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं और कंपनी के सीईओ पियूष पुष्कर अपने
वेंचर को न केवल लाभदायक बनाने के लिए तैयार हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था में योगदान देने का इरादा भी रखते हैं। ब्राइट आउटडोर प्राइवेट लिमिटेड के डॉ योगेश लखानी और मातोश्री जयाबेन हिम्मतलाल शाह चैरिटेबल ट्रस्ट के भावेश शाह इस कंपनी में निदेशक हैं। जैसे जैसे ट्रैवलर्स फैशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बढ़ेगी, यह कार्यालय, गोदाम, रिटेल स्पेस आदि खोले गी और यह भारत की बहुत सारी युवा प्रतिभाओं को अवसर देगी।

विष्णुप्रिया सिंह ने अपनी क़िताब द हंड्रेड बक्स फ़िल्म के कलाकारों के साथ लांच की



विष्णुप्रिया सिंह जो अभी १७ साल की हैं , इन्होने ये कहानी लिखी है.  संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी किताब के रिलीज़ होने से पहले ही किताब पर फ़िल्म बनाने के अधिकार बिक गए और यह कहानी द हंड्रेड बक्स के साथ प्रतीत हुई! दुष्यंत प्रताप सिंह द्वारा निर्देशित द हंड्रेड बक्स डबल धमाल के लिए बिल्कुल तैयार है। फ़िल्म के कलाकारों कविता त्रिपाठी , जैद शेख , संगीतकार संतोख सिंह के साथ ये क़िताब का विमोचन हो चूका है और 21 फरवरी को फिल्म भी रिलीज हो रही है.

“मेरी बेटी, विष्णुप्रिया सिंह, जो एक बेहतरीन लेखिका भी है, मुझे आश्चर्य था कि इतनी कम उम्र में वह एक ऐसे विषय पर लिख सकती है जो दिल छूने वाली, यथार्थवादी और शानदार हो। जब मैंने पहली बार कहानी सुनी तो मुझे यकीन था कि यह एक फिल्म में आने लायक है और जैसा कि कहावत है, बाकी सब इतिहास है।” ऐसा एक प्राउड फादर कहते हैं जो इस फिल्म के निर्माता भी हैं दुष्यंत प्रताप सिंह। व मुख्य निर्माता रजनीश राम पुरी है।
द हंड्रेड बक्स की कहानी मुम्बई में एक रात की स्टोरी है जो मोहिनी नाम की एक वेश्या और उसके ऑटोड्राइवर के इर्द-गिर्द घूमती है। वे पैसे के लिए ग्राहकों को खोजने में पूरी रात संघर्ष करते हैं, पुलिस, राजनेताओं आदि के साथ केवल 100 रुपये के लिए सौदा करते हैं, यह फिल्म इस बारे में है। यह उन महिलाओं के जीवन और दुखों की एक गंभीर कहानी है जो पैसे कमाने के लिए ऐसे साधनों का चयन करती हैं लेकिन उनके संघर्ष का कोई अंत नहीं है। इस फ़िल्म का सह-निर्माण संदीप पुरी, विभव तोमर, प्रतिमा तोतला और रीतू सिंह ने किया है।

Thursday, February 13, 2020

कहानी - हिंदी फिल्म -- लव आज कल

कहानी - हिंदी फिल्म -- लव आज कल 
रिलीज़ -- १४ फरवरी 
बैनर -- मैडॉक फिल्म्स , विंडो सीट फिल्म्स , रिलायंस एंटरटेनमेंट, जिओ स्टुडियोज  
निर्माता --  इम्तियाज़ अली , दिनेश विजन    
लेखक और निर्देशक -- इम्तियाज़ अली  
कलाकार -- कार्तिक आर्यन , सारा अली खान 
संगीत -- प्रीतम 
बैक ग्रॉउंड स्कोर -- ईशान छाबड़ा 
गीत --इरशाद क़ामिल 
आवाज़ -- अरिजीत सिंह ,शाश्वत सिंह 

"लव आज कल" इस  नाम से २००९ में निर्देशक  इम्तियाज़ अली ने एक फिल्म बनाई थी और अब २०२० में इसी नाम से एक दूसरी फिल्म " लव आज कल "  १४ फरवरी यानि वेलेंटाइन डे के दिन रिलीज़ हो रही है। पहली  फिल्म में सैफ अली खान , दीपिका पादुकोणे और गिसेल्ली मोंटेरो मुख्य भूमिका में थे जबकि इस  फिल्म में सैफ अली खान की बेटी सारा अली खान ,कार्तिक आर्यन और आरुषि शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। पहली फिल्म में भी प्रीतम का संगीत था और इस फिल्म में भी हैं साथ ही पहली फिल्म के लोकप्रिय संगीत को इस फिल्म में भी रीक्रिएट किया गया है। 

 अभिनेता कार्तिक आर्यन २०११ में आयी फिल्म "प्यार का पंचनामा "  दर्शकों के बीच लोकप्रिय हुए। इस फिल्म के बाद २०१३ में आकाश वाणी २०१ ४ काँची : द अनब्रेकेबल २०१५ में प्यार का पंचनामा - २ ,२०१७ में गेस्ट इन लंदन २०१८ में सोनू के टीटू की स्वीटी २०१९ में लुका छिपी  और पति पत्नी और वो आदि फ़िल्में उनकी आ चुकी हैं। सारा अली खान की यह  तीसरी फिल्म है। इससे पहले सारा ने केदारनाथ और सिम्बा आदि  फिल्मों में अभिनय किया है।  आरुषि शर्मा ने इस फिल्म से पहले निर्देशक इम्तियाज़ अली की ही फिल्म "तमाशा " में छोटी सी भूमिका अभिनीत की थी। इसके अलावा उन्होंने एक शार्ट फिल्म में भी काम किया है। 

 फिल्म में १९९० से २०२० तक की प्रेम कहानी दिखाई गयी है। दो दौर की प्रेम कहानी है फिल्म "लव आज कल " में  । एक दौर में स्कूल  जाने वाली लड़की से प्यार मोहब्बत दिखायी गयी है जबकि दूसरे दौर में कॅरियर से प्यार करने वाली लड़की से प्यार दिखाया गया है। पहले दौर में रघु ( कार्तिक आर्यन ) को  लीना ( आरुषि शर्मा ) से प्यार हो जाता है लेकिन दोनों के घर - परिवार वाले इस प्रेम की  इजाजत नहीं देते और लीना की  शादी किसी दूसरे लड़के से तय कर देते हैं।  दूसरे दौर में वीर (  कार्तिक आर्यन ) को जोई ( सारा अली खान ) से प्यार हो जाता है।  जोई जिसकी जिंदगी में महत्वकांक्षायें हैं वो प्यार में वक्त बरबाद नहीं करना चाहती है बल्कि जिंदगी में कुछ बनना चाहती है उसे अपने कॅरियर के सिवाय कुछ दिखाई नहीं देता। जबकि वीर उसे बेहद प्यार करता है। 

क्या रघु और लीना समाज की बंदिशें मान जाते है ? या फिर उनका प्यार जीत जाता है ?
क्या वीर जोई से दूर चला जाता है  या उसे अपने प्यार के लिये मना लेता है। 
यही फिल्म में दिखाया गया है। 

Thursday, February 6, 2020

कहानी -- हिंदी फिल्म -- हैक्ड

कहानी -- हिंदी  फिल्म -- हैक्ड 
रिलीज़ -- ७ फरवरी 
बैनर -- लोनरएंगर प्रोडक्शन्स 
निर्माता --  अमर ठक्कर , कृष्णा भट्ट  
निर्देशक -- विक्रम भट्ट 
लेखक --  विक्रम भट्ट  ,सैयफ जिलानी 
कलाकार -- हिना खान, रोहन शाह , मोहित मल्होत्रा , सिद  मक्कड़ 
संगीत -- अर्को , जीत गाँगुली ,चिरंतन भट्ट ,सनी एयर इन्दर बावरा , अमजद नदीम आमिर  
गीत -- अर्को ,  अमजद नदीम आमिर  , शकील आज़मी , मनोज यादव , कुमार   
आवाज़ --अर्को , यासिर देसाई , अपेक्षा दांडेकर ,स्टेबिन बेन , आकांशा शर्मा , निखिता गाँधी 

मुकुल आनंद , महेश भट्ट जैसे दिग्गज निर्देशकों के सहायक के रूप में काम करने वाले लेखक , निर्माता - निर्देशक विक्रम भट्ट ने अनेकों फिल्मों का निर्देशन किया है। उनकी कुछ मुख्य फ़िल्में इस प्रकार हैं --जानम , मदहोश  गुनाहगार, गुलाम , कसूर ,राज़ , आवारा पागल दीवाना , फुटपाथ ,एतबार , ऐलान , जुर्म , १९२० , शापित ,हन्टेड ३ डी , डेंजरस इश्क़ , राज़ ३ डी  क्रीचर ३ डी, मि एक्स , लव गेम्स , राज़ रिबूट ,१९२१ , घोस्ट आदि। टी वी धारावाहिक "ये रिश्ता क्या कहलाता है" से छोटे परदे पर लोकप्रिय हुई अभिनेत्री हिना खान ने  बिग बॉस ११ और खतरों की खिलाड़ी जैसे रियल्टी शो में भी हिस्सा लिया है। यह फिल्म उनकी पहली हिंदी फीचर फिल्म है। छोटे परदे का लोकप्रिय चेहरा रोहन शाह ने कई टी वी धारावाहिकों और फिल्मों काम किया है। जिनमे  ईशान , हमसे है लाइफ , गुमराह , द सीरियल, इतना न करो मुझे प्यार ,फना , स्टोरीज बॉय रवीन्द्रनाथ टैगोर , सावधान इंडिया  आदि  फिल्मों में आओ विश करें , कृश - ३ आदि प्रमुख हैं।

इस साइकोलॉजिकल फिल्म की कहानी घूमती है एक १९ साल के युवा ( रोहन शाह ) के इर्द गिर्द। युवा रोहन को अपने से बड़ी उम्र की शादी शुदा लड़की समीरा खन्ना ( हिना खान ) से प्यार हो जाता है। लेकिन जब समीरा रोहन के प्यार को अस्वीकार कर  देती है तो वो उससे बदला लेने लिये समीरा के सारे सोशल एकाउंट्स को हैक कर लेता है। जिससे समीरा उसके आगे झुक जाये। 
ऐसे में क्या समीरा रोशन के प्यार को स्वीकार कर लेती है  या  उसे पुलिस के हवाले कर देती है। यही इस फिल्म में दिखाया गया है। 

मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज़ के धनी अमीन सयानी की यादें

91 साल की उम्र में अमीन सयानी जी का निधन हो गया। उनको हम देश का पहला आर जे भी कह सकते हैं। रेडियो सिलोन में गीतों का कार्यक्रम ब...