Thursday, September 18, 2014

हिंदी फिल्म --- दावत - ए - इश्क़

हिंदी फिल्म --- दावत - ए - इश्क़ 
रिलीज़ --- १९ सितम्बर 
बैनर --- यश राज फिल्म्स 
निर्माता -- आदित्य चोपड़ा 
लेखक , निर्देशक -- हबीब फैज़ल 
कलाकार -- परिणीति चोपड़ा , आदित्य रॉय कपूर, अनुपम खेर  और करन वाही 
संगीत -- साज़िद - वाज़िद 
गीतकार -- कौसर मुनीर 
गायक - गायिका --- सुनिधि चौहान , जावेद अली , सोनू निगम , श्रेया घोषाल , शाल्मली घोड़गडे , शादाब साबरी और कीर्ति सगठिया 


हैदराबाद के माहौल में रची गयी है इस फिल्म "दावत - ए - इश्क़ " की कहानी।  जिसमें दर्शकों को रोमांस , ड्रामा और भरपूर हास्य देखने को मिलेगा।  और साथ में देखने को मिलेगी परिणीति और आदित्य की आकर्षक जोड़ी। ये दोनों पहली ही बार एक साथ परदे पर दिखाई देंगे।  लेकिन अलग - अलग दोनों ही दर्शकों में बहुत लोकप्रिय हैं.


 परिणीति की पहली फिल्म "इशकज़ादे "  भी हबीब ने ही निर्देशित की थी। प्रियंका चोपड़ा की चचेरी बहन परिणीति ने अपने अभिनय सफर की शुरुआत "लेडीज़ वर्सेज़ रिकी बहल " (२०११ ) से की।  इसके बाद २०१२ में इश्कज़ादे, २०१३ में शुद्ध देसी रोमांस , २०१४ हंसी तो फंसी और अब यह "दावत -ए - इश्क़ " है। 

अभिनेता आदित्य रॉय कपूर निर्माता सिद्धार्थ रॉय कपूर के छोटे भाई और अभिनेत्री विद्या बालन के देवर हैं। आदित्य ने चैनल वी के वी जे अपने कैरियर की शुरुआत की।  उनकी सबसे पहली फिल्म थी "लंदन ड्रीम्स " (२००९ ) इसके बाद एक्शन रीप्ले (२०१० ) गुज़ारिश (२०१० ) और फिर आयी सुपर हिट फिल्म आशिकी - २ (२०१३ ) में।  इस फिल्म में आदित्य ने पहली बार मुख्य भूमिका अभिनीत की।  अब आपके सामने हैं उनकी दूसरी मुख्य भूमिका वाली फिल्म  "दावत - ए - इश्क़ ". 

निर्देशक हबीब फैजल ने कई फिल्मों के संवाद और कहानी लिखी जिनमें ता रम पम पम, दो दूनी चार , बैंड बाजा बारात , लेडीज़ वर्सेज़ विकी बहल , बेवकूफ़ियाँ और दावत - ए - इश्क़ प्रमुख हैं।  एक निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म थी दो दूनी चार , इसके बाद इश्कज़ादे और यह फिल्म उनकी तीसरी फिल्म कही जा सकती है।  


इस फिल्म की कहानी इस प्रकार है ----
तारिक़ तरु हैदर ( आदित्य रॉय कपूर ) लखनऊ का कुक है जो की  अपनी बनाई हुई बिरयानी और कबाब की खशबू और लज़्ज़तदार स्वाद से हर किसी को अपना दीवाना बना लेता है। जबकि दूसरी ओर गुलरेज़ गुल्लू (परिणीति ) जो की हैदराबाद की रहने वाली और जूतों की दूकान में  सेल्स गर्ल का काम करती है और थक चुकी है शादी के लिए दहेज़ लेने वाले पुरुषों से मिल कर।  शादी और प्यार से उसका मोह भंग हो चुका है. 

क्या होता है जब ये दोनों आपस में मिलते हैं ? क्या इन दोनों की दावत - ए - इश्क़ पूरी हो पाती है ? क्या तारिक़ अपने लज़ीज़ व्यंजनों से गुलरेज़ को प्रभावित कर पाता है ? क्या गुलरेज़ को इश्क़ की दावत रास आती है ? क्या  उसे तारिक के बेहतरीन पकवानों की तरह उसकी मोहब्बत भी पसंद आती है ?

हैदराबाद और लखनऊ के रहने वाले ये दोनों जब आपस में मिलते हैं तो क्या इश्क़ के कौन से गुल खिलते हैं ये जानने के लिए आप भी आइये दावत - ए - इश्क़ में और लुत्फ़ उठाइये। 

इश्क़ की दावत हो और गीत - संगीत न हो ऐसा तो ही नही सकता।  इस फिल्म के गीत भी पूरी तरह से चटपटे मसालों में भीगे हुए हैं। दावत - ए - इश्क़, मेरी मन्नत तू ,रंगरेली , शायराना हुई सभी गाने रोमांस की चाशनी में डूबे हुए हैं। 

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