Friday, January 30, 2015

हिंदी फिल्म -- खामोशियाँ

हिंदी फिल्म -- खामोशियाँ
रिलीज़ -- ३० जनवरी 
बैनर -- विशेष फिल्म्स 
निर्माता -- महेश भट्ट और मुकेश भट्ट 
निर्देशक -- करन दर्रा 
लेखक --- विक्रम भट्ट 
कलाकार --- गुरमीत चौधरी, अली फ़ज़ल और सपना पब्बी 
संगीत - अंकित तिवारी, जीत गांगुली , बॉबी इमरान ,नावेद ज़फर  
गीतकार -- रश्मि सिंह , सैयद कादरी, अभेन्द्र कुमार उपाध्याय , 
गायक  और गायिका -- अरिजीत सिंह , पलक मुछाल , नावेद ज़फर  ,प्रकीर्ति कक्कड़ , अनुपम आमोद , इमरान अली। 
अपनी पिछली फिल्मों की तरह इस बार भी भट्ट कैंप अपनी नई फिल्म "खामोशियाँ" को लेकर चर्चा में हैं। इस बार भी उनकी इस फिल्म में  कलाकार हैं  लेकिन स्टार नही हैं. गुरमीत चौधरी ने कई टी वी धारावाहिकों में काम किया  जिनमें "रामायण , गीत , पुनर विवाह और डांस रियल्टी शो झलक दिख ला जा , नच बलिए   और खतरों के खिलाडी आदि , लेकिन "खामोशियाँ "  उनकी पहली ही फिल्म है। 
इसी तरह लखनऊ , उत्तर प्रदेश के  अली फैज़ल ने शुरुआत में कई टी वी के विज्ञापनों में काम किया जिनमें पिज़्ज़ा हट , एल आई सी स्लाइस , युनियन बैंक ऑफ़ इंडया आदि मुख्य हैं  इसके बाद ्री इडियट्सऑलवेज कभी कभी , ुकरेबात बन गयी , बॉबी जासूस  और सोनाली केबल जैसी फिल्मों में काम किया है। 
सपना पब्बी ने इससे पहले अनिल कपूर के लोकप्रिय धारावाहिक "२४ " में उनकी बेटी का किरदार अभिनीत किया था।  इसके अलावा "घर आ जा परदेसी ' नाम के धारावाहिक में भी काम किया था।  "सत्रह को शादी है" फिल्म में काम किया , इस फिल्म का तो नाम शायद ही किसी  ने सुना होगा तो इस तरह से सपना की भी यह पहली ही फिल्म कही जा सकती  है. 
फिल्म को लिखा है विक्रम भट्ट ने , जिनका प्रिय विषय है हॉरर और रोमांस। इस फिल्म के बारें में उनका कहना है यह फिल्म "खामोशियाँ " को मैं हॉन्टेड -२ कह सकता हूँ। 
भट्ट कैंप की फिल्मों में फिल्म का विषय बहुत  बोल्ड और गीत - संगीत बहुत  बेहद कर्ण प्रिय होता है इस फिल्म के साथ भी  कुछ ऐसा ही है. महेश भट्ट अपनी इस फिल्म बारें में हैं. दर्शक को पसंद आती हैं ऐसी फ़िल्में और ट्रेड लिए भी अच्छी मानी जाती  है.
 निर्देशक कारन दर्रा पहले मोहित सूरी के सहायक  के रूप में काम कर चुके हैं। इस फिल्म  ही वो स्वतंत्र निर्देशक के रूप में पहचाने जाने लगेगें। 
 फिल्म ' खामोशियाँ' के  बारें में कहा जा रहा है कि  यह फिल्म दूसरी "राज़ " कही जा सकती है। क्योंकि इसमें त्रिकोणीय  प्रेम  कहानी है. 
 फिल्म  की कहानी कुछ इस तरह है --- 
युवा उपन्यासकार कबीर (अली फजल)एक असफल लेखक है वो खुद को जानने  और एक किताब लिखने के इरादे से एक हिल स्टेशन में  जाता है। एक गेस्ट हाउस को ढूँढ़ते वक्त  कबीर की  मुलाकात  मीरा ( सपना पब्बी ) से होती है।  मीरा बहुत ही खूबसूरत है ,उसकी ख़ूबसूरती की ओर कबीर आकर्षित होता है. वह उसके जानलेवा अंदाज पर फिदा हो जाता है। पर  मीरा की शादी  एक  पेपर मिल के  मालिक अमीर जयदेव  (गुरमीत) से हो चुकी है।  जयदेव  देखने में तो बेहद  आकर्षक है लेकिन अपनी पत्नी मीरा  से उसका व्यवहार बिलकुल एक राक्षस की तरह ही होता है। कबीर , मीरा और उसके पति जयदेव  के बारें में सुनी हुई सब  बातों के बारें में गंभीरता से सोचता है और हक़ीक़त क्या है ? पता  लगाने की कोशिश करता है।  कबीर जितना भी मीरा के बारें में सच्चाई जानने की कोशिश करता है उतना ही वो उसमें उलझता जाता है। 
क्या कबीर,  मीरा और जयदेव के रहस्य को सुलझा पाता है ? या खुद को इनके जाल में फंसा हुआ पाता है ?
फिल्म  के गीत हिट हो  चुके हैं ---शीर्षक गीत "खामोशियाँ ", तू हर लम्हा , बातें ये कभी न , भीग लूँ आदि 

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