Sunday, November 30, 2014

ऊँची वाली हील पहन कर डांस बसंती

"डांस बसंती" आज कल यह  गाना श्रोताओं में बहुत लोकप्रिय हो  रहा है।  एक समय वो था जब सन  १९७५ में आयी फिल्म "शोले' में वीरू  बसंती से कहता है  "बसंती इन कुत्तों के सामने मत नाचना " और आज यह समय है जब फिल्म "ऊँगली " में   बसंती से यह कहा जा रहा है कि "ऊँची वाली हील पहन कर डांस बसंती ". हालांकि बसंती ने उस समय  वीरू की बात नही मानी थी और वो कुत्तों यानि डाकू गब्बर (जिस पर ५० हज़ार का  ईनाम  सरकार ने रखा था ) और उसके  साथियों  के सामने नंगे पैर कांच के  ऊपर नाची थी जिससे  उसके पैर में कांच  चुभ जाता है  इसके बावजूद भी वो भरी धूप और  गर्मी में पूरे गाने पर  डांस करती है.


जमाना कितना बदल गया  है  और लोगों की डिमांड भी।  उस समय गब्बर का  साथी खाली दारू की  बोतल फेंकता है उस पर बसंती  नाचने  कहता  है और बसंती को नाचना पड़ता है।  आज फिल्म का नायक बसंती को ऊँची वाली हील पहन कर नाचने को कहता है और बसंती ख़ुशी - ख़ुशी डांस भी करती है।

हो सकता है आज  के नायक ने पुरानी बसंती का दर्द देख कर ही  आज की बसंती को चप्पल पहन कर नाचने के लिए ही कहा हो।  


     

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