रिलीज़ --- २ मई
निर्माता --- करन अरोरा
निर्देशक --- विजय राज
कहानी --- असीम अरोरा
कलाकार --- विजय राज , मनु ऋषि ,विश्वजित प्रधान , राज जुत्शी।
संगीत --- सन्देश शांडिल्य।
इस फिल्म का फर्स्ट लुक भी अमृतसर के बाघा बॉर्डर पर ज़ारी किया गया था। इस फिल्म की कहानी १९४७ में हुए भारत और पाकिस्तान के बीच हुए बटँवारे से पहले की है। यह बहुत ही भावुक कहानी है जो कि हर दर्शक के दिल को छू लेगी। वैसे भी जब भी कोई फिल्म भारत - पाकिस्तान के सम्बन्धों पर बनती हैं उससे दर्शक भावानात्मक रूप से जुड़ ही जाते हैं. यह फिल्म कई मायनों में अहम स्थान रखती है क्योंकि एक तो इस फ़िल्म के माध्यम से अभिनेता विजय राज निर्देशन के क्षेत्र मे कदम रख रहे हैं और दूसरा यह की इस फ़िल्म को प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता, निर्देशक, लेखक और गीतकार गुलज़ार ने प्रस्तुत किया है, और वो इस फिल्म के प्रोमो में भी दिखाई दिए थे.
इस फिल्म की कहानी इस प्रकार है ----
सन १९४८ में भारत पाक सीमा मे जब क्रॉस फॉयर हुआ उस समय इतने सारे सैनिको के बीच केवल दो ही सैनिक ही जिन्दा बचते हैं जिनमें से एक है भारतीय सैनिक, जो की मूल रूप से पाकिस्तानी है जबकि दूसरा पाकिस्तानी सैनिक है जो कि मूल रूप से भारतीय हैं. फिर वहाँ दोनो सेनिकों के बीच एक दूसरे से बचने और एक दूसरे के टक्कर के प्रयास मे गौरव और अस्तित्व की कहानी शुरु होती है. गोलियों और आपसी झगड़ों के बीच उत्पन्न हुई परिस्थितियों और मानवीय संबंधों के बीच किस तरह अप्रत्याशित यात्रा का अंत होता है.
यही है इस फ़िल्म की भावनात्मक कहानी। जो की हर दर्शक के दिल को छू जायेगी।
यह फिल्म भारत पाकिस्तान संबंधो पर एक व्यंग्य है. फिल्म में दोनों देशों की सीमा पर मौजूद सैनिकों के बीच रिश्तों को बहुत ही भावुक तरीके से पेश किया गया है।
No comments:
Post a Comment