Wednesday, August 24, 2016

फिल्म "मजाज़"

   नाज़िया और मजाज़ दोनों के परिवार बचपन में लखनऊ में एक दूसरे के पड़ोस में  रहते हैं।  मजाज़ की दोस्ती नाज़िया  से हो   जातीहै लेकिन किन्ही कारणों से नाज़िया का  परिवार लखनऊ से बाहर चला जाता  है। ऐसे ही समय गुज़रता जाता है,  मजाज़ आगरा केकालेज में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं वहीं नाज़िया अलीगढ़ में पढ़ाई कर रही है।  अलीगढ़ छात्रावास की लड़कियों का एक ग्रुप ताज महलजाता है वहीं नाज़िया की मुलाक़ात मजाज़ से होती है लेकिन बचपन के दोस्त एक दूसरे को पहचान नहीं पाते। कुछ दिनों के बाद एकअखबार में कविता के साथ जब मजाज़ की तस्वीर छपती है जिसे देखकर नाज़िया समझ जाती है यह  तो मजाज़ है जिससे उसकी मुलाक़ात ताज महल में हुई थी।

 आगरा में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मजाज़ का अलीगढ़ के  उसी कालेज में दाखिला  होता है  जिसमें नाज़िया पढ़ती है।  दोनों कीमुलाक़ात परवान चढ़ती है और बचपन की मुहब्बत शादी तक बढ़ती है दोनों  के  घरवाले भी इस रिश्ते के लिए तैयार है  बस  नाज़ियाके पिता की एक शर्त होती है शादी की और वो यह कि मजाज़ की जब अच्छी नौकरी लग जायेगी तभी दोनों की शादी होगी। मजाज़की  ऑल इंडिया रेडियो दिल्ली में एक पत्रिका के संपादक के रूप में नौकरी लग जाती है। लेकिन मजाज़ के कुछ अलग रवैये की वजह सेजल्दी ही उसकी  नौकरी छूट जाती है और बस फिर क्या होता है नाज़िया का निकाह उसके पिता किसी अमीर लड़के से कर देते हैं। 

क्या होता है नाज़िया के निकाह के बाद ? क्या फिर कभी नाज़िया और मजाज़ मिल पाते हैं ? या  मुहब्बत ऐसे ही दम तोड़ देती है यादोनों प्रेमी मिल जाते हैं ?

 ड्रीम मर्चेंट फिल्म्स  के बैनर में बनी इस फिल्म के लेखक और निर्माता हैं शक़ील अख्तर निर्देशक हैं रविन्दर सिंह ,  कलाकार हैं प्रियांशुचटर्जी , रश्मि शर्मा , नीलिमा अज़ीमशाहाब खान और अनस खान आदि।  इस फिल्म में कुल १२ गीतग़ज़ल और नज़्म हैं जिन्हें सोनूनिगमअल्का याज्ञनिक और खुद तलत अज़ीज़ ने गाया है संगीत भी तलत अज़ीज़ ने ही दिया है 

No comments:

Post a Comment

मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज़ के धनी अमीन सयानी की यादें

91 साल की उम्र में अमीन सयानी जी का निधन हो गया। उनको हम देश का पहला आर जे भी कह सकते हैं। रेडियो सिलोन में गीतों का कार्यक्रम ब...