Friday, October 3, 2014

हिंदी फिल्म -- तमंचे

हिंदी फिल्म -- तमंचे 
रिलीज़ --- १० अक्टूबर 

बैनर -- फैशन टी वी फिल्म्स और ए वाइल्ड एलीफैंट मोशन पिक्चर्स 
निर्माता --  सूर्यवीर सिंह भुल्लर 
निर्देशक -- नवनीत बहल 
कलाकार --  निखिल द्विवेदी, ऋचा चड्ढा 
संगीत -- कृष्णा , आर डी बर्मन , डी जे ख़ुशी और इक्का।

अभिनेता निखिल द्विवेदी ने अपना अभिनय सफर सन २००८ में आयी फिल्म "माय नेम इज एंथोनी गोंजाल्विस " से  शुरू किया और बेस्ट मेल डेब्यू का फिल्म फेयर अवार्ड भी जीता था।  इस फिल्म के बाद रावण , शोर इन द सिटी और हेट स्टोरी आदि फिल्मों में भी वो दिखाई दिये। 
 ऋचा चड्ढा ने भी सन २००८ में अपना अभिनय सफर शुरू किया फिल्म "ओये लकी लकी ओये से " . इसके बाद गैंग्स ऑफ़ वासेपुर , फुकरे , गोलियों की रास लीला -- राम लीला आदि फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया।  फिल्म 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' के लिए उन्हें काफी सराहना भी मिली। 

क्राइम और रोमांस से भरपूर इस फिल्म 'तमंचे'  के बारें में यह भी कहा जा रहा है कि इसकी कहानी  अंडरवर्ल्ड के डॉन अबू सलेम और मोनिका बेदी की  विवादास्पद प्रेम  कहानी पर आधारित है.

इस फिल्म की कहानी है मुन्ना मिश्रा ( निखिल द्विवेदी ) जो कि उत्तर प्रदेश का एक देहाती अपहरणकर्ता  है और बाबू ( ऋचा चड्ढा ) जो की दिल्ली की सड़कों पर दवाईयाँ बेचती है। पुलिस की हिरासत में इन दोनों की पहली मुलाक़ात होती है. पुलिस की नज़रों से खुद को बचाने के लिए जब दोनों को कुछ दिनों के लिए साथ रहना पड़ता है तब उन दोनों के बीच प्रेम कहानी शुरू हो जाती है. लेकिन एक दिन बिना मुन्ना को बताये बाबू वापस अपनी पुरानी जिंदगी में लौट जाती है.  उदास प्रेमी मुन्ना बाबू को ढूंढता हुआ उसके पीछे दिल्ली पंहुच जाता है वहां जाकर उसे पता चलता है कि बाबू तो गैंग के लीडर राणा की रखैल है।  मुन्ना बाबू को फिर से पाने और उसे अपने साथ भगाने के इरादे से  राणा के गिरोह में शामिल हो जाता है और फिर शुरू होता है खतरनाक राणा के नाक के नीचे इन दोनों का प्रेम प्रसंग। 

मुन्ना और बाबू की प्रेम कहानी का अंत होता दिखाई देने लगता है क्योंकि राणा बाबू के साथ देश छोड़ने का निर्णय लेता है अब इन दोनों के सामने अपने प्रेम को बचाने के लिए कोई दूसरा रास्ता नही सूझता  सिवाय राणा को जान से मारने के. लेकिन दोनों राणा को मारने में असफल तो होते ही हैं साथ में सारे गिरोह के सामने इनकी प्रेम कहानी भी उजागर हो जाती है अब ये दोनों अपराधी पुलिस से तो खुद को बचाते ही हैं साथ में राणा से भी उन्हें खुद को बचाना है क्योंकि दोनों हो इनकी जान के पीछे हैं।   

कानून और खतरनाक अपराधी राणा दोनों ही मुन्ना और बाबू के पीछे हाथ धोकर पीछे हैं ऐसे में इन दोनों के आगे कुछ नही बचता तो ये सोचते हैं कि कम से कम वो राणा को मार कर तो उससे अपना पीछा छुड़ाये कब तक आखिर ऐसे ही चूहे बिल्ली का खेल चलता रहेगा।  इन दोनों प्रेमियों ने ऐसी जिंदगी तो नही मांगी थी। 

क्या होता है आखिरी में ? क्या पुलिस मुन्ना और बाबू को पकड़ने में कामयाब हो पाती है ? क्या पुलिस इन दोनों का एन काउंटर कर देती है ?

निखिल का किरदार जहां फिल्म में कूल है, वहीं ऋचा का रोल एक मुंहफट और सड़कछाप भाषा बोलने वाली लड़की का है। फिल्म के प्रमोशन में कहा गया है कि यह ‘कमीनों की लव स्टोरी’ है। फिल्म में ऋचा का किरदार काफी बोल्ड बताया जा रहा है। 

 "प्यार में दिल पर मार दे गोली "  ८० के दशक में अमिताभ बच्चन और जीनत अमान  की आयी फिल्म "महान" का  यह गीत 'तमंचे' में रीमिक्स रूप में है जो की श्रोताओं में ख़ासा लोकप्रिय है।  इसे गाया है  बप्पी लाहिरी ने।

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