रिलीज़ -- १ ८ अगस्त
निर्माता -- जंगली पिक्चर्स और बी आर स्टुडिओज़
निर्देशक -- अश्विनी अय्यर तिवारी
लेखक -- नितेश तिवारी, श्रेयस जैन और रजत नोनिया
कलाकार -- आयुष्मान खुराना , राजकुमार राव और कीर्ति सेनन।
संगीत -- तनिष्क बागची , अर्को प्रवो मुखर्जी और वायु
गीतकार ---शब्बीर अहमद, तनिष्क बागची , अर्को प्रवो मुखर्जी और वायु .
गायक - गायिका --- देव नेगी, श्रद्धा पंडित, हर्षदीप कौर ,अर्को प्रवो मुखर्जी, पावनी पाण्डेय, यासिर देसाई और तनिष्क बागची।
अश्विनी अय्यर तिवारी की पिछली फिल्म "निल बटे सन्नाटा" को समीक्षकों और दर्शकों दोनों ने पसंद किया था। उनकी इस फिल्म को लिखा है दंगल फेम निर्देशक नितेश तिवारी ने। नितेश अश्विनी के पति हैं। नितेश ने अश्विनी की पिछली फिल्म को भी लिखा था। आयुष्मान खुराना ( मेरी प्यारी बिंदु ) और कीर्ति सेनन (दिलवाले और राब्ता ) दोनों की पिछली फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा सकी थी और ऐसा ही कुछ हाल राजकुमार राव का भी है। उनकी बहन होगी तेरी , ट्रैप्ड आदि फ़िल्में असफल रही हैं
जिस तरह फिल्म "दंगल" में गीता फोगट के चचेरे भाई ओमकार (अपारशक्ति खुराना) ने कहानी को वर्णित किया था, ठीक उसी तरह इस फिल्म "बरेली की बर्फी" में भी गीतकार जावेद अख़्तर फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाते हैं
फ्रेंच उपन्यास "द इंग्रेडिएंट्स ऑफ़ लव " पर आधारित फिल्म "बरेली की बर्फी " कहानी घूमती है बिट्टी ( कीर्ति सेनन ) के चारों ओर। बिट्टी घर से अपनी माँ के २००० रुपये लेकर भाग जाती है लेकिन जब वो रेलवे प्लेट फार्म पर जाती है तो उसे वहाँ बुक स्टॉल पर "बरेली की बर्फी " नाम का एक उपन्यास मिलता है. बिट्टी उसे खरीदती है और उसे पढ़ती है जब वो किताब पढ़ती है तो उसमें बिल्कुल वैसा ही लिखा होता है जैसी कि असली जीवन में बिट्टी होती है यानि बिट्टी जैसी ही लड़की नायिका है किताब "बरेली की बर्फी" में । किताब "बरेली की बर्फी" की नायिका बिट्टी की तरह मस्त बिन्दास जीवन जीती है अँग्रेजी पिक्चर देखती है , ब्रेक डांस करती है. बिट्टी किताब लेकर घर आ जाती है और उस किताब को लिखने वाले लेखक प्रीतम विद्रोही ( राजकुमार राव ) को ढूँढती है यह सोचकर कि कोई तो है जो उसके जैसे स्वाभाव वाली लड़की को पसंद करता है। प्रीतम विद्रोही को ढूँढने के सिलसिले में बिट्टी प्रिंटिंग प्रेस के मालिक चिराग दुबे ( आयुष्मान खुराना ) से भी मिलती है क्योंकि एक वो ही है जो उसे प्रीतम से मिलवा सकता है। लेकिन चिराग को बिट्टी से प्यार हो जाता है और वो नहीं चाहता कि बिट्टी प्रीतम से मिले इसके लिये वो प्रीतम से कहता है कि वो बिट्टी से रोमियो बन कर मिले और फिर बाद में बिट्टी का दिल तोड़ दे जिससे चिराग बिट्टी को अपना कन्धा दे सके फिर चिराग और बिट्टी का प्रेम कहानी शुरू हो सके लेकिन उसकी यह योजना तब उल्टी पड़ जाती है जब न केवल बिट्टी, बल्कि उसका पूरा परिवार विद्रोही का मुरीद हो जाता है और फिर चिराग बिट्टी की ज़िंदगी से बाहर हो जाता।
क्या प्रीतम और बिट्टी की शादी होती है ? क्या चिराग अपने टूटे दिल को लेकर ऐसे ही चुपचाप चला जाता है या अपने प्यार को पाने के लिए कुछ चक्कर चलाता है। यही है फिल्म "बरेली की बर्फी" की कहानी।
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