इन दिनों स्टार प्लस पर हर रात ८ बजे "सिया के राम" नाम के धारावाहिक का प्रसारण हो रहा है। यह धारावाहिक दर्शकों को खासा पसंद भी आ रहा है क्योंकि यह धारावाहिक "सिया के राम" को सीता के दृष्टिकोण से दिखाया जा रहा है। साथ ही इस धारावाहिक में भरपूर एनिमेशन का प्रयोग भी किया गया है। अभी तक सभी कलाकारों का चयन भी निर्माता निर्देशकों ने अच्छे से किया है चाहे वो सीता (मदिराक्षी मुण्डले ) हो या राम (आशिष शर्मा ) हो या अन्य कलाकार। यह सप्ताह यानि १८ जनवरी से २३ जनवरी तक इस धारावाहिक में स्वयंवर सप्ताह के रूप में दिखाया जा है। सुनने में यह भी आया है कि सीता के स्वयंवर की बहुत ही भव्य शूटिंग हैदराबाद के प्रसिद्ध रामोजी राव स्टूडियो में हो रही है.
बाकी सब अच्छा ही किया "सिया के राम" के निर्माता - निर्देशक ने, लेकिन वो रावण के चयन में भूल कर बैठे क्योंकि रावण जैसे महत्वपूर्ण किरदार के लिए उन्होंने एक ऐसे कलाकार का चयन किया जिसके संवाद बोलते ही दर्शकों को समझ आ जाता है कि यह कलाकार दक्षिण का रहने वाला है ऐसा नही है कि रावण बने कार्तिक जयराम अच्छा अभिनय नही कर रहे लेकिन उनके संवाद बोलते ही दक्षिण भाषा का लहजा सुनाई देता है। हमने आज तक किसी भी रामायण में रावण को ऐसे बोलते नही सुना।
कार्तिक जयराम कन्नड़ फिल्मों के अभिनेता हैं। कातिक के चयन के बाद निर्देशक ने उन्हें हिंदी में संवाद अभ्यास क्यों नही कराया ?
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