आचार्य रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराज सुरीजी का आर्शीवाद लेने के लिए दिवाकर रावते, अजय चौधरी, गीता जैन और हर्षवर्धन पाटील साहित्य सत्कार समारोह, यात्रा ३०० सायन स्थित सोमैया ग्राऊन्ड पर आए। आज साहित्य सत्कार समारोह का आठवा दिन था और आज के दिन वूमन डे मनाया गया। इस अवसर पर ५० हजार महिलाएं आचार्य जी का आर्शीवाद लेने के लिए आई थी। यह नजरा देखने के लायक था।
रिश्तों की अदालत के कार्यक्रम में निर्णायक स्थान पर विराजमान जैनाचार्य परमपूज्य रत्नसुंदरसूरीश्वरजी ने परिवारव्यवस्था की नीवं को सृदृढ़ बनाने के सटीक उपाय बताते हुए कहा कि तीन चीजों को संभालकर संपत्ति के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए – १. शारीरिक स्वस्थता २. मन की प्रसन्नता ३. परिवार का प्रेम। आचार्यश्री ने बताया कि बेटे को इतना लायक मत बनाइए कि वह आपको नालायक समझने लगे।
दोपहर में ‘फाइव स्टार ऑफ वूमन हार्ट’ विषय पर 6०,००० से अधिक महिलाओं के महासागर को संबोधित करते हुए कहा कि स्त्री को डब्ल्यू से वॉटर (water) जैसा समर्पणभाव आत्मसात करने चाहिए। ओ से आइन्टमेन्ट (Ointment) जैसा अर्थात दिल की घावों पर मलहम लगाने का काम करना चाहिए। एम से मीरर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। ए से अलार्रम (Alarm) कोई परिवारजन गलत मार्ग पर जाए तो रोकना चाहिए और एन से निडल (Niddle) सबको जोड़ने का काम करना चाहिए तभी आपका स्त्रीत्व सफल होगा।
परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने कहा कि आचार्य जी के दर्शन से मन प्रसन्न हुआ है। आज महिला दिवस पर इतनी भारी मात्रा में महिलाओं का आचार्य जी के दर्शन के लिए आने से मुंबईवासियों का उत्साह नजर आता है। रिश्ते कैसे होने चाहिए? इस बारे में आचार्य जी ने बहुत ही सरल शब्दों में बताया है। भारत देश साधु-संतों और महात्माओं का देश है।
अजय चौधरी ने बताया कि आचार्य जी का आर्शीवाद पाकर जीवन धन्य हो गया है। इस साहित्य सत्कार समारोह में युवा और महिला वर्ग को खास करके मार्गदर्शन किया गया है। यही सबसे बड़ा समाजसेवा है।
गीता जैन (मेयर, मीरा-भाईंदर) ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा आयोजन किया है, जिससे सही अर्थों में समाज की सेवा हुई है। समाज के लिए यह अच्छा कार्य हुआ है। आचार्य जी के वाणी का लाभ सबको मिला है। उनका आर्शीवाद और ज्ञान हमेशा मिलता रहेगा, उनके पास ज्ञान का अनमोल भंडार है। जिससे हर किसीका जीवन जरुर बदलेगा, क्योंकि उनकी वाणी में वह मिठास है।
हर्षवर्धन पाटील (सायन्स एंड हेल्थ मंत्री) ने बताया कि यह अदभूत साहित्य सत्कार समारोह है, जिसमें सात्विक और सकारात्मक उर्जा मिलती है। महिला दिन मनाया गया है और इस त्यौहार में भारी तादाद महिलाओं का प्रतिसाद देखने को मिला है। आज के आधुनिक जीवन में आचार्य जी की वाणी का जरुर समाज पर सकारात्मक असर होगा। मुंबई की धरती पर इस तरह के धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन होने की वजह से इसका फायदा निश्चित रुप से मुंबईवासियों को होगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।
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