Saturday, March 24, 2018

समाज के लिये प्रेरणास्रोत होगी "मुझे भी यह दुनिया देखनी है"


सिनेमा को समाज का दर्पण कहा गया है। क्योंकि सिनेमा सिर्फ लोगों का मनोरंजन ही नहीं बल्कि उन्हें काफी कुछ सिखाता भी है। बॉलीवुड इन दिनों बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यहां न केवल मनोरंजन करने वाली फिल्में बन रही हैं बल्कि समाज को जागरुक कर रही हैं, जिन्हें दर्शक भी पसंद कर रहे हैं। जिसका ताजा उदाहरण अक्षय कुमार की फिल्म टायलेट एक प्रेम कथा और पैडमैन है। वैसे ही कुछ मुझे भी ये दुनिया देखनी है फिल्म भी है। सत्यप्रकाश मंगतानी की यह फिल्म समाज में फैली ऐसी कुरीति को उजागर करती है, जिसके बारे में सोचकर रोंगटे खड़े हो जाते है। दरअसल, उनकी यह फिल्म कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित है। डॉक्टरों से पता चलने पर जिन्हें पेट में ही मार दिया जा रहा है। फिल्म कैसी होगी यह फिल्म के टायटल से ही पता चल जाता है। फिल्म में आठ गाने है सारे गाने काफी खूबसूरत हैं। फिल्म का टायटल सांग अलका याज्ञनिक ने गाया है। मुझे भी दुनिया देखनी है लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोडऩे वाली है। जिसका अहसास फिल्म के ट्रेलर को देखकर मिले इस अवॉर्ड से होता है। दिलचस्प बात तो यह है कि मुझे भी यह दुनिया देखनी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से भी प्रेरित है। इसलिये सत्य प्रकाश मंगतानी चाहते हैं कि प्रदेश की सरकारें अपने-अपने राज्य में फिल्म को टैक्स फ्री करे, जिससे यह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक यह अपनी पहुंच बना सके। बता दें कि जेनुइन एंटरटेनमेंट कार्पोरेशन के बैनर तले बनी इस फिल्म को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड कंसल्टिंग कॉरपोरेशन यूएसए द्वारा सर्वश्रेष्ठ सामाजिक जागरूकता फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार यशराज फिल्मस के साथ मुझे भी यह दुनिया देखनी है को मिला है। इसी के संदर्भ में गुरुवार को मुंबई प्रेस क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें राजेश वनजारा, जयश्रीटी, सत्यप्रकाश मंगतानी आदि उपस्थित रहे। इस दौरान फिल्म से जुड़ी और भी कई बातें जयश्रीटी ने साझा की, उन्होंने कहा कि इस फिल्म से जुडक़र वह काफी खुश हैं।

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