Wednesday, October 21, 2015

चार्ल्स जैसे इंसान के तो बहुत सारे लव इंट्रेस्ट होते हैं --- रिचा चड्डा


अभिनेत्री रिचा चड्डा  ने मात्र १२  फिल्मों में अभिनय करके ही खुद को अच्छी अभिनेत्रियों की श्रेणी में शामिल कर लियाहै। एक ओर जहाँ उनकी फिल्म वो "मसान"  कांन्स फिल्म फेस्टिवल में सराही गयी वहीं वो "फुकरेजैसी फिल्म मेंवो भोली पंजाबन का बोल्ड किरदार अभिनीत करके दर्शकों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा रही हैं। जल्दी ही उनकी फिल्म आने वाली है "मैं और चार्ल्स ". सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज के जीवन पर बनी इस फिल्म में उनका महत्वपूर्णकिरदार है।  बातचीत में रिचा ने अपने किरदार और अन्य दूसरी फिल्मों  में विस्तार से बताया -----

Displaying Richa Chadda.jpgऐसा क्या अच्छा लगा आपको इस फिल्म में कि आपने इसमें काम किया ?                               
     सबसे पहले तो इस फिल्म का विषय ही ऐसा है जो कि सबको अपनी ओर आकर्षित करता है और उस पर मेराकिरदार।  मैं मीरा का किरदार अभिनीत कर रही हूँ जो  कि कानून की पढाई कर रही है और चार्ल्स को जेल से बाहरनिकालने में उसकी मदद करती है। 

 आपकी हर भूमिका आने वाली नयी फिल्म में अलग और प्रभावशाली  होती जा रही हैतो क्या कुछ फोकस  किया है आपने  इसके लिये  ? 
सुनने में बहुत अच्छा लगता है यह सबलेकिन मैंने ऐसा  कुछ ख़ास तो नही किया बस होता चला गयामुझे अच्छी औरअलग तरह की भूमिकायें मिलती गयीजो की दर्शकों को पसंद भी आयी।  शायद अब दर्शकों को मुझसे उम्मीदें हो गयीहैंअब मेरी भी यही कोशिश है कि मैं उन्हें निराश  करूँ। 

क्या आप हमेशा अलग तरह की या यूं कहें कि फिल्म फेस्टिवल वाली कला फ़िल्में ही करती रहेगीं  ? 
नहीऐसा नही है कि  मैं  सभी तरह की फ़िल्में कर ही हूँ जहाँ मैंने "मसानजैसी फिल्म की है वहीं दूसरी ओर "कैबरेजैसीफिल्म कर रही हूँ जो कि  पूरी तरह से कमर्शियल है जिसमें बस नाच गाना है। इससे पहले मैंने 
संजय लीला भंसाली की "गोलियों का रास लीला राम लीलाभी की वो तो पूरी तरह से बड़े बजट की कमर्शिल  फिल्मथी हालाँकि मैं मुख्यभूमिका में नहीं थी लेकिन अच्छी भूमिका थी मेरी। भूमिकाओं के बारें में मैं दूसरी हीरोइनों से कुछ अलग हूँ शायद क्योंकिजहाँ पहले दूसरी हीरोइनें ग्लैमरस फ़िल्में करती है और फिर बाद में 
मीनिंग फुल फ़िल्में करती हैं जबकि मैंने पहले मीनिंगफुल फ़िल्में की और अब ग्लैमरस भूमिकायें कर रही हूँ.  Displaying images (1).jpg

कैबरे की बात करें तो हेलन जी नाम सबसे पहले दिमाग में आता है तो आपने कितना उनको फॉलो किया उनको इसफिल्म में ?
 यह फिल्म हेलन जी पर नही है। जिस तरह हमेशा की तरह भट्ट  कैंप की फिल्मों में गीत - संगीत का एक अलग औरमहत्वपूर्ण भाग  होता है ऐसा ही कुछ फिल्म में भी है  

आप बिग बजट फिल्मछोटी फ़िल्में सभी तरह की फ़िल्में  कर चुकी हैं  तो कुछ ख़ास क्या प्रभाव पड़ा आप पर इनफिल्मों का ?
 मुझे पर हर फिल्म का प्रभाव होता है मैं हर फिल्म  से कुछ  कुछ सीखती हूँ "फुकरेसे मैंने कॉमेडी टाइमिंग सीखीरामलीला बड़े बजट की फिल्म थी उसमें काम करते वक्त सीखा बड़े बजट की फिल्मों के बारें में , अनुराग कश्यप की फिल्मोंसे सीखा कम बजट में फिल्म कैसे बनती हैं। 

इस फिल्म मैं और चार्ल्स से क्या सीखा ? 
कि कैसे लड़कियाँ लड़कों के द्वारा उल्लू  बनें। 

रणदीप की बात करें तो उनकी इमेज लेडीज़मैन की हैआपके साथ कैसे रिलेशन रहें उनके ?
अच्छा ऐसा है क्या ? मेरे साथ तो सब बहुत ही अच्छा रहारणदीप अच्छे अभिनेता है सेट पर बहुत ही अनुशासन में रहतेहैं।  
   
 क्या  आप चार्ल्स शोभराज से मिली ? 
नहीं - नहीं मिल पायी मैंने  बोला था निर्देशक से , लेकिन निर्देशक ने स्क्रिप्ट पर ही बहुत रिसर्च कर रखी थी।  साथ हीइस  फिल्म से आमोद कांत भी जुड़े हुए हैं उन्होंने  बहुत सालों तक पुलिस में काम किया हैहाँ मुझे कुछ होम वर्क दियाथानिर्देशक ने  डी वी डी दी थी जिसे मैंने देखा। जब आप फिल्म देखेगें तो तो आपको समझ में आएगा किनिर्देशक प्रबाल ने फिल्म में  इतनी डिटेल दिखाई है कि बहुत ही अच्छे से समझ में आती है फिल्म . 

आज का समय महिला कलाकारों के लिये कैसा चल रहा है ?
मुझे तो यह समय महिला कलाकारों  के लिये बहुत ही लग रहा  है क्योंकि बहुत ही अच्छी भूमिकायें लिखी जा रही हैं उनके लिये  

 और कौन सी फ़िल्में आपकी आने वाली हैं ?
एक फिल्म है "जिया और जिया", निर्देशक हॉवर्ड रोज़मेयेर की इस फिल्म में  कल्कि हैं मेरे साथ जबकि दूसरी है "एक और देवदास " सुधीर मिश्रा की इस फिल्म में मैं पारो की भूमिका में हूँ। फिल्म  राहुलभट्ट बने हैं देवदास

No comments:

Post a Comment

मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज़ के धनी अमीन सयानी की यादें

91 साल की उम्र में अमीन सयानी जी का निधन हो गया। उनको हम देश का पहला आर जे भी कह सकते हैं। रेडियो सिलोन में गीतों का कार्यक्रम ब...