Tuesday, August 28, 2018

मैंने सबसे वफ़ा की है -- धर्मेंद्र

फिल्म इंडस्ट्री का बदलाव कैसे देखते हैं ?
हर दौर अच्छा हैमुझे फिल्म शब्द से मोहब्बत हैहरेक दौर बढ़िया रहा हैआज के दौर की भी खूबियां हैंइसका अपना ही एक कलर हैजज्बात भरे हुए हैंऑडिएंस के हिसाब से फिल्में बनती हैंमुझेतो लगता है की अभी बहुत कुछ करना है .

कुछ मिस करते हैं ?
उस समय सब साथ शूटिंग के बाद सब साथ में बैठकर भजियेखाना खाते थेउस समय फेस्टिवल का माहौल हो जाता थामिडिल क्लास का होने की वजह से मुझे वैसा ही माहौल पसंद थामैं आजतक नहीं बदलामैं आज भी गाँव वाला धर्मेंद्र हूँमुझे मेहबूब साहब के साथ काम ना कर पाने का दुःख है ,  एक बार मैंने उन्हें वाशरूम मैन भी बात की थी , लेकिन उनके साथ काम नहीं कर पायावैसे ही के आसिफ साहब के साथ महंगा खूनसस्ता पानी फिल्म बनने वाली थीलेकिन बन नहीं पायी
 
गुजरात में शराब बंद है ?
इसीलिए हम फिल्म में दमन जाकर शराब पीते हैं , फिल्म में बॉबी मुझे बॉर्डर पर दमन ले जाकर शराब पिलाता है .वैसे मेरी पहली फिल्म में तरला दलाल भी गुजरात से थीहम दोनों एक दूसरे को दिलासा देते थेउन्हें मिस करता हूँ

अभिनय क्या है ?
एक्टिंग एक रिएक्शन होता हैमैं कभी अभिनय नहीं सीखाकिरदार को बस अपने हिसाब से ही जी लेता था

आजकल के एक्टर्स को कैसे देखते हैं ?
रणवीर सिंहरणबीर कपूरके साथ साथ आमिर खान की दंगल भी देखी क्या अभिनेता हैंग़जब के हैं , मैं उनको सैल्यूट  करता हूँ

आपकी फिल्मों का चयन कैसे रहा ?
मुझे समय समय पर स्टोरीस्क्रीनप्ले और अच्छे डायरेक्टर मिलेजिसकी वजह से मैंने बढ़िया काम किया

सनी  और बॉबी देओल के करियर के बारे में बताएं ?
मैंने सनी की पहली फिल्म बेताब के एक एक हिस्से को देखा है , वो बहुत ही इमोशनल लड़का है , बोलता नहीं हैमैं हमेशा उससे कहता हूँ की मुझे बता दिया करबॉबी की सारी फिल्में रोमांटिक थी .बॉबी हैंडसम लगता हैरोमांस के दौरान एक्शन गायब हो जाता हैग़दर में भी सनी रोमांस के पल में ज्यादा है

रेखा जी और शत्रुघ्न के साथ काम कर रहे हैं ?
ऐसा लगा उस दिन की शूटिंग में लाइफ  गयी थीसनी ने मुझसे कहा की पापा हमें शत्रुघ्न जी के साथ काम करना चाहिएवो दिन अलग ही हुआ करते थे

आपकी बायोपिक बनेगी तो आप करने देंगे ?
मैं सोचा नहीं ज्यादामुझे कमर्शियल चीज़ें कम समझ आती है , अभी कोई प्लान नहीं हैवक्त आएगा तो 
पता चलेगामेरे जैसा पवित्र रोमांस किसी और का रहा ही नहींमैं दिल वाला इंसान हूँमैंने सबसे वफ़ा की है . 

हेमा जी के साथ काम करना चाहेंगे ?
अभी कहानियां ढूंढना मुश्किल हैउस समय 25 फिल्में एक साथ गोल्डन जुबली हो गयी थी 

हृषिकेश मुखर्जी के बारे में क्या कहेंगे ?
दोस्तभाईमास्टर सब कुछ थेउनके जैसा इंसान हैं देखाजब वो बीमार पड़े थे तो उन्होंने कहा कि  मेरे  हाथ की नदी निकाल दो
 धरम .. ( ये कहते हुए धरम जी इमोशनल हो गए

स्ट्रगल कैसे देखते हैं ?
मैं पैदल चलता थाखाड़ी क्रॉस करके आया जाया करता था , जुहू में एक झोपडी पर बैठा रहता था और सोचता था कि  कुछ खरीदूंगा , साल 1959 का ये जिक्र हैतब पाली हिलखर सब कुछ खाड़ी हुआ करती थी . ऊपरवाले ने शायद ये सब कुछ देखा होगामेरा स्ट्रगल और मेरी ग़ुरबत ही मेरा फक्र हैजिंदगी अपने आप में स्ट्रगल है .ये एक जंग 
जैसी ही है

आपके लिए रोमांस क्या है ?
एक नेक रूह का एक नेक रूह से मिलना होता है ,और दोनों जुड़ जाती है .उसी को मोहब्बत कहते हैं

No comments:

Post a Comment

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...