फिल्म इंडस्ट्री का बदलाव कैसे देखते हैं ?
हर दौर अच्छा है, मुझे फिल्म शब्द से मोहब्बत है, हरेक दौर बढ़िया रहा है, आज के दौर की भी खूबियां हैं, इसका अपना ही एक कलर है, जज्बात भरे हुए हैं, ऑडिएंस के हिसाब से फिल्में बनती हैं. मुझेतो लगता है की अभी बहुत कुछ करना है .
कुछ मिस करते हैं ?
उस समय सब साथ शूटिंग के बाद सब साथ में बैठकर भजिये, खाना खाते थे, उस समय फेस्टिवल का माहौल हो जाता था, मिडिल क्लास का होने की वजह से मुझे वैसा ही माहौल पसंद था. मैं आजतक नहीं बदला, मैं आज भी गाँव वाला धर्मेंद्र हूँ. मुझे मेहबूब साहब के साथ काम ना कर पाने का दुःख है , एक बार मैंने उन्हें वाशरूम मैन भी बात की थी , लेकिन उनके साथ काम नहीं कर पाया, वैसे ही के आसिफ साहब के साथ महंगा खून, सस्ता पानी फिल्म बनने वाली थी, लेकिन बन नहीं पायी.
गुजरात में शराब बंद है ?
इसीलिए हम फिल्म में दमन जाकर शराब पीते हैं , फिल्म में बॉबी मुझे बॉर्डर पर दमन ले जाकर शराब पिलाता है .वैसे मेरी पहली फिल्म में तरला दलाल भी गुजरात से थी, हम दोनों एक दूसरे को दिलासा देते थे. उन्हें मिस करता हूँ.
अभिनय क्या है ?
एक्टिंग एक रिएक्शन होता है. मैं कभी अभिनय नहीं सीखा, किरदार को बस अपने हिसाब से ही जी लेता था.
आजकल के एक्टर्स को कैसे देखते हैं ?
रणवीर सिंह, रणबीर कपूर, के साथ साथ आमिर खान की दंगल भी देखी , क्या अभिनेता हैं, ग़जब के हैं , मैं उनको सैल्यूट करता हूँ.
आपकी फिल्मों का चयन कैसे रहा ?
मुझे समय समय पर स्टोरी, स्क्रीनप्ले और अच्छे डायरेक्टर मिले, जिसकी वजह से मैंने बढ़िया काम किया.
सनी और बॉबी देओल के करियर के बारे में बताएं ?
मैंने सनी की पहली फिल्म बेताब के एक एक हिस्से को देखा है , वो बहुत ही इमोशनल लड़का है , बोलता नहीं है. मैं हमेशा उससे कहता हूँ की मुझे बता दिया कर. बॉबी की सारी फिल्में रोमांटिक थी .बॉबी हैंडसम लगता है. रोमांस के दौरान एक्शन गायब हो जाता है. ग़दर में भी सनी रोमांस के पल में ज्यादा है.
रेखा जी और शत्रुघ्न के साथ काम कर रहे हैं ?
ऐसा लगा उस दिन की शूटिंग में लाइफ आ गयी थी, सनी ने मुझसे कहा की पापा हमें शत्रुघ्न जी के साथ काम करना चाहिए. वो दिन अलग ही हुआ करते थे.
आपकी बायोपिक बनेगी तो आप करने देंगे ?
मैं सोचा नहीं ज्यादा, मुझे कमर्शियल चीज़ें कम समझ आती है , अभी कोई प्लान नहीं है. वक्त आएगा तो
पता चलेगा. मेरे जैसा पवित्र रोमांस किसी और का रहा ही नहीं, मैं दिल वाला इंसान हूँ, मैंने सबसे वफ़ा की है .
हेमा जी के साथ काम करना चाहेंगे ?
अभी कहानियां ढूंढना मुश्किल है, उस समय 25 फिल्में एक साथ गोल्डन जुबली हो गयी थी
हृषिकेश मुखर्जी के बारे में क्या कहेंगे ?
दोस्त, भाई, मास्टर सब कुछ थे, उनके जैसा इंसान हैं देखा, जब वो बीमार पड़े थे तो उन्होंने कहा कि मेरे हाथ की नदी निकाल दो
धरम .. ( ये कहते हुए धरम जी इमोशनल हो गए)
स्ट्रगल कैसे देखते हैं ?
मैं पैदल चलता था, खाड़ी क्रॉस करके आया जाया करता था , जुहू में एक झोपडी पर बैठा रहता था और सोचता था कि कुछ खरीदूंगा , साल 1959 का ये जिक्र है. तब पाली हिल, खर सब कुछ खाड़ी हुआ करती थी . ऊपरवाले ने शायद ये सब कुछ देखा होगा. मेरा स्ट्रगल और मेरी ग़ुरबत ही मेरा फक्र है. जिंदगी अपने आप में स्ट्रगल है .ये एक जंग
जैसी ही है,
आपके लिए रोमांस क्या है ?
एक नेक रूह का एक नेक रूह से मिलना होता है ,और दोनों जुड़ जाती है .उसी को मोहब्बत कहते हैं.
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