Monday, August 20, 2018

फिल्म देख के मर्द को दर्द होगा - श्रद्धा कपूर

 कैसी है स्त्री फिल्म ?
यह स्त्री लोगों को डराना भी चाहती है। उनका मनोरंजन भी करना चाहती है। यह एक हॉरर कॉमिडी फिल्म है। मैं पहली बार ऐसी फिल्म का हिस्सा बनी हूं। इसमें एक मेसेज भी हैलेकिन उसे भाषण की तरह नहीं दिखाया गया है। इसका कॉन्सेप्ट ही बहुत इंट्रेस्टिंग है। 



क्या मर्द को फिल्म देख के दर्द होगा ?
 इस फिल्म में मर्द को दर्द होगा। हमने एक छोटे से शहर चंदेरी में केवल 40 दिनों में यह फिल्म शूट की। वहां फिल्म शूट करते हुए मुझे बहुत अच्छा लगाक्योंकि शहर की भागमभाग से भी एक ब्रेक मिला। 

आपने चंदेरी से कुछ खरीदा ?
मैंने मांमासीलता जीआशा जीमीना जी और ऊषा जी सबके लिए चंदेरी साड़ियां भी खरीदीं। 

राजकुमार राव और पंकज त्रिपाठी के साथ काम करना कैसा रहा ?
बहुत ही बढ़िया रहाराजकुमार एक मंझे हुए एक्टर हैंसाथ ही पंकज जी की मौजूदगी से सेट पर माहौल बड़ा ही बेहतरीन रहता थालगा ही नहीं की हम लोग शूटिंग कर रहे थे .

हीरो -- हिरोईन की फीस के बारे में क्या कहेंगी ?
मुझे इंडस्ट्री की अच्छी बात यह लगती है कि आज हिरोइनों को भी इतना काम मिल रहा है। यहां हीरो वाली फिल्में हैंतो ऐक्ट्रेसेज के लिए भी ऐसे रोल हैंजिसमें वह अपनी छाप छोड़ सकती हैं।ऐक्ट्रेसेज के लिए हालात पहले से काफी बेहतर हुए हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि आजकल कॉन्टेंट वाली फिल्में चल रही हैंजो इंडस्ट्री और हम सबके लिए बहुत अच्छा दौर है। 

चंदेरी में कुछ भूतिया घटनाएं भी हुयी ?
रात में शूटिंग को लेकर चंदेरी के लोगों ने टीम को हिदायत दी थी कि वे सूनसान सड़क पर रात को शूट  करें। हालांकिटाइट शेड्यूल की वजह से टीम ने इस हिदायत को नजर अंदाज कर दिया और रात को तय सड़क पर शूटिंग शुरू की लेकिन शूटिंग में उन्हें कई दिक्कतों का सामना 
करना पड़ा। 

अनुष्का  प्रोड्यूसरबन गयी हैंआपका क्या प्लान है ?
मेरा मानना है कि अगर किसी को प्रोड्यूसर बनना हैतो उन्हें जरूर बनना चाहिए। यह दूसरों के लिए बहुत इंस्पायरिंग है। मैं अपनी बात करूं तो मुझे नहीं लगता कि मैं प्रोड्यूसर बनना चाहूंगी।क्लोदिंग लाइन का भी कोई इरादा नहीं है। अभी मैं जो ब्रैंड्स मैं इंडॉर्स कर रही हूंउसमें ही खुश हूं। अभी मैं सिर्फ अच्छे काम करने पर फोकस करना चाहती हूं। अच्छी और यादगार फिल्मों का हिस्सा बनना चाहती हूं। 

फिल्म के ना चल पाने का दुःख होता है ?
यह हिस्सा है हमारे प्रफेशन का। उतार-चढ़ाव तो आना ही है। उसके साथ-साथ लोगों का नजरिया भी बदलता हैलेकिन यह हमारे पेशे का हिस्सा है। मैं खुशकिस्मती यह है कि मेरे पास इतनी सारी अच्छी फिल्में हैं। 'साहोके अलावा मेरे लिए फिल्म 'बत्ती गुल मीटर चालूभी बहुत खास है। वहींसाइना नेहवाल की बॉयापिक के लिए अभी ट्रेनिंग चल रही है। उसकी शूटिंग अगले महीने शुरू होगी। 


No comments:

Post a Comment

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...