हर्षवर्धन जोशी गांधी नगर गुजरात के रहने वाले हैं जो गीतकार से निर्माता बने फैज़ अनवर की फ़िल्म "लव के फंडे"से बॉलीवुड मे अपनी इनिंग की शुरुआत कर रहे हैं। एल एल बी करने के बाद वह मुम्बई आकर थियेटर करने लगे। स्कूल के वक्त से नाटक कर रहे हर्षवर्धन जोशी के पिता एडवोकेट हैं इसलिए उन्हें भी वकालत की शिक्षा दी गई मगर उन्हें तो अभिनय करना था। २०१२ मे मुम्बई अाये और थियेटर करते रहे इसी दौरान उनकी मुलाकात फिल्म लव के फंडे के डायरेक्टर इंदरवेश योगी से हुई। उन्हें फिल्म का एक किरदार निखिल हर्षवर्धन में मिल् गया। चूँकि वह एक ट्यूब चैनल "देसी बाम्बू "के लिए भी एक्टिंग करते थे इसलिए निर्देशक को लगा कि उनके पास कैमरा फेस करने का अनुभव भी है।
फ़िल्म मे उनके किरदार का नाम निखिल है जो रिया के साथ लिव इन रिलेशनशिप मे रहता है। रिया की भूमिका सूफी गुलाटी निभा रही है। निखिल रिया के साथ रहता है मगर शादी नही करना चाहता। रिया उससे शादी करने के लिए कहती है लेकिन वह टालता रहता है इस बात को लेकर दोनो मे नोक झोंक भी होती है। "फ़िल्म मे सूफी गुलाटी के साथ काम करने के अनुभव के बारें में वो बताते है "सूफी एक बेहतरीन अदाकारा है उनके साथ हमने तीन महीने तक वर्कशॉप किया।"
कई शॉर्ट फिल्मो मे काम कर चुके हर्षवर्धन थियेटर को ही अपना गुरु मानते है। संजीव कुमार को अपना अादर्श मानने वाले हर्षवर्धन रनबीर कपूर के बड़े प्रशंसक है इसके बाद निर्माता फैज़ अनवर की नेक्स्ट मूवी "इश्क दा खूंटा"में भी वह काम कर रहे हैं .फ़िल्म के निर्देशक शिवम है। उसमे वह पति का रोल निभा रहे हैं। यह एक ऐसे पति पत्नी की कहानी है जो एक छोटे से कमरे मे रहते है इस छोटे से जॉइंट घर मे कैसे कॉमेडी क्रिएट होती है यही है "इश्क दा खूंटा".
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