प्रशान्त नारायणनन ऐसे अभिनेता हैं कि वो जिस भी किरदार को अभिनीत करते हैं वो दर्शकों के दिलों दिमाग पर छा जाता है । चाहे वो फिल्म छल का किरदार गिरीश हो या वैसा भी होता है - २ का किरदार विष्णु हो या फिर भिंडी बाजार या मर्डर - २ का धीरज पांडेय का किरदार हो।ऐसे ही कुछ भूमिका है उनकी फिल्म "फ्रेड्रिक" में। इस फिल्म में प्रशांत कुछ अलग अंदाज़ में दर्शकों को दिखाई देंगे लेकिन ऐसा अंदाज़ जो कि दर्शकों को भुलाये नहीं भूलेगा। फिल्म "फ्रेड्रिक" के सिलसिले में उनसे मुलाकात हुई ---
"फ्रेड्रिक" के बारें में बताइये , क्या मर्डर - २ की तरह इसमें भी दहशत फैलाने वाले हैं ?
नहीं - नहीं ऐसा कुछ इरादा नहीं है। इस फिल्म में सब अलग है हर बार एक सा काम करने में मुझे मज़ा नहीं आता है. फ़्रेडरिक में बहुत ही मुश्किल किस्म का रोल है. मैं किस्मत वाला हूँ कि मुझे यह किरदार करने का मौका मिला और मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि मुझे नही लगता कि मेरे से ज्यादा कोई दूसरा अभिनेता इसे अच्छे से निभा पाता।
आप ही इस फिल्म की यू एस पी हैं तो क्या आप दर्शकों को थिएटर लाने में कामयाब होंगे ?
हाँ बिलकुल क्योंकि मैं बहुत सारी फ़िल्में नहीं करता, कम फ़िल्में करता हूँ लेकिन वही करता हूँ जो कि फिल्म सच में अच्छी होती है और यह बात मेरे प्रशंसक अच्छे से जानते हैं। मैं हमेशा ऐसी फिल्मों से जुड़ा रहता हूँ जिनमें अच्छी कहानी होती है और यह ऐसी ही फिल्म है।
कम फ़िल्में तो आमिर भी करते हैं तो क्या आप उन्हें फॉलो करते हैं या आमिर आपको ? यह आमिर के लिये अच्छा है क़ि वो मुझे फॉलो करे मैंने उसको कभी नहीं फॉलो नहीं करता।आपने आमिर की बात की तो मैं आपको बता कि वो कोई बहुत अच्छा अभिनेता नहीं है बस ठीक - ठाक है हाँ मेहनती है वो. मैं मेहनती नहीं हूँ लेकिन अच्छा अभिनेता हूँ। अच्छा अभिनेता और मेहनती होना दोनों बिलकुल अलग बातें हैं।
इतने सारे खान अभिनेता हैं हमारे यहाँ, उनके बारें में आपका क्या कहना है ?
यहाँ सब मेहनती हैं लेकिन कोई अच्छा अभिनेता नहीं है. हमारे देश में अच्छे अभिनेताओं की कमी है। आप अच्छे अभिनेता हैं लेकिन आप तो इतनी कम फ़िल्में करते हैं आपके प्रशंसक आपको कब देखें ?
मैं चाहता हूँ कि वो मेरी फिल्मों का इंतज़ार करें। मैं अभिनय के अलावा भी बहुत कुछ करता हूँ। अगर मुझे पैसा कमाना होता तो ४५ दिन शूटिंग कर सकता हूँ लेकिन मैं नहीं करता क्योंकि मुझे यह सब पसंद नहीं है। मैं चप्पल, तेल और पान मसाला नही बेचता ।मुझे रिस्क लेना पसन्द करता हूँ। मैंने बहुत बड़ी -बड़ी फिल्मों को मना किया है जिनमें रंग दे बसंती और वेलकम बैक भी हैं मैं सिर्फ 100 करोड़ 200 करोड़ की बजाय अच्छी फ़िल्मे करना पसन्द नहीं करता हूँ मैं प्रोजेक्ट नहीं बल्कि अच्छी फिल्म करना चाहता हूँ। मैं तीन दिन की कमाई वाली फिल्मों में काम करना पसंद नहीं करता हूँ. मैं ऐसी फिल्म करना चाहता हूँ जो आज भी अच्छी लगे और दस साल बाद भी। लेकिन आपने ऐसी ही एक फिल्म मर्डर 2 की थी ?
उस फ़िल्म को करने की भी कुछ खास वजहें थी ।मोहित सूरी मेरा दोस्त निर्देशक था और महेश भट्ट - मुकेश भट्ट फिल्म के साथ थे इसके अलावा मैं फिल्म की पब्लिसिटी में कहीं नहीं था लेकिन मर्डर में अगर मेरा किरदार नहीं होता तो उसमें कुछ भी नहीं होता। मैंने अपने किरदार के लिये फिल्म की थी।
क्या कभी आप नाच गाने वाली फिल्मों में दिखाई देंगे ?
नहीं मैं यह सब नहीं कर सकता हूँ। पब्लिक को थियेटर में जाकर भारत सर्कस देखने की आदत है मैं कोई क्लाउन नही हूँ भारत सर्कस करना मुझे बेवकूफी लगती है.
फिल्म निर्देशन के बारें में कुछ सोचा है ?
कुछ स्क्रिप्ट लिखी हैं मैंने जिन पर जल्दी ही फ़िल्में बनाना चाहता हूँ। अच्छी कमाई भले ही न करें मेरी फ़िल्में लेकिन दर्शकों को पसंद आये। अच्छी मज़ेदार म्यूजिक पर आधारित फिल्म बनाऊँगा।
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