रोज़ा और बॉम्बे वाले अभिनेता अरविन्द स्वामी तो सभी को याद होंगे अब करीब १५ साल के बाद फिर वो हिंदी फिल्म "डियर डैड " में दर्शकों को दिखाई देंगे। आज भी वो उतने ही आकर्षक दिखाई देते हैं जैसे वो अपनी शुरूआती फिल्मों में थे। हालांकि इस फिल्म में वो पिता की भूमिका में हैं लेकिन पूरी कहानी उनके ही इर्द गिर्द होगी। कैसे डैड बने हैं पूछने पर वो कहते हैं " आज के डैड तो बहुत कूल होते हैं मैं भी फिल्म में और परदे पर ऐसा ही हूँ। " क्या उनके पिता भी ऐसे ही थे ? के जवाब में वो कहते हैं "वो ज़माना कुछ और था, हम तो अपने पिता का सामना करने से भी डरते थे उनकी किसी भी बात को मना करने की हिम्मत भी नहीं होती थी आज ऐसा नहीं है। "
निर्देशक तनुज भ्रामार में इस फिल्म काम कर रहे अरविन्द बीच में फिल्मों से दूर रहने की वजह बताते हैं कि , " मैंने १९ साल की उम्र में ही अभिनय की दुनिया में कदम रख लिया था और मुझे कामयाबी भी मिल गयी थी। इतनी जल्दी मिली इस कामयाबी को मैं समझ नहीं पाया। इसलिए मैंने फिल्मों से दूर रहने का फैसला किया और अपने व्यापार में व्यस्त हो गया। ७ साल पहले मेरे साथ दुर्घटना हुई जिससे मैं बिस्तर पर ही रहता था यहाँ तक की बाथरूम तक भी नहीं चल सकता था. फिर मैंने योग किया , मेडिटेशन किया। २०१३ में मैंने मणिरत्नम के साथ तमिल फिल्म "कादल " की जो बहुत सफल रही और फिर इस फिल्म का ऑफर मिला। आज मैं बहुत खुश हूँ कि फिर से मैं अपने परिवार और चाहने वालों के बीच हूँ."
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