Sunday, May 29, 2016

तो सच में बॉम्बे वेलवेट में वेलवेट होता


फिल्म "रमन राघवके ट्रेलर लांच पर निर्देशक अनुराग कश्यप ने फिल्म "बॉम्बे वेलवेट " की असफलता के लिये खुद को दोषी कहा औरयह भी कहा कि अगर उस समय मैं कुछ चीजों के लिये  कह देता तो यह सब नहीं होता। लेकिन मैं अपनी गलती मानता हूँ ". दूसरे हीदिन फिल्म "उड़ता पंजाब " के गीत "इक कुड़ी " लॉन्च के समय के मौके पर निर्माता , निर्देशक विकास बहल भी "बॉम्बे वेलवेटके लियेखुद को दोषी कह रहे थे।  अब खुद को दोष देने से क्या फायदा अगर फिल्म बनाते समय ही दोनों सारी बातों के बारें में अच्छे से सोचलेते तो अब क्यों पछताते।  फिल्म भी अच्छी बनती दर्शकों को समझ भी आती और फिल्म "बॉम्बे वेलवेट"  में वेलवेट भी होता।   

आखिर कब तक राज़

  "राज़ रिबूट "यह विशेष फिल्म्स के बैनर में बनने वाली राज़ सिरिज की चौथी फ़िल्म है   जाने राज़ सिरिज की कितनी फिल्मेंबनायेंगे विक्रम भट्ट  एक हिट क्या हुई फिल्म "राज़तब  से बस  इसी के पीछे लगे हैं ।सबसे पहले सन २००२ में  आयी पहली राज़ ,फिर २००९ में आयी राज़  मिस्ट्री कन्टीन्यूस् , फिर आयी २०१२ में राज़  डी और अब राज़ रिबूट। ऐसा लगता कि  विक्रम भट्ट तो बसहॉरर और सुपर नेचुरल फिल्मों के अलावा कुछ सोच ही नहीं पाते हैंफ़िल्म 1920 की भी उन्होंने कई सीरीज़ बनाई हैं.एक समय था जबविशेष फिल्म्स के बैनर में रोमांटिक फ़िल्में बनती थी और आज बस हॉररसुपर नैचुरल,  जो की दर्शकों को पसंद भी आती नहीं।  वो तोआलिया भट्ट ने अच्छी फ़िल्में करके भट्ट खानदान का नाम रोशन कर रखा है नहीं तो  विशेष फिल्म्स तो लव गेम्स जैसी फिल्मेंबनाने के स्तर पर उतर आया है। 

Friday, May 27, 2016

"फ्रेडरिक"में वास्तव में बहुत कुछ नया और अलग है -ऐसा कहा प्रशांत नारायण ने


हालाँकि हरफन मौला अदाकार प्रशांत नारायण ने विभिन्न्न प्रकार की फिल्मों में अलग अलग किस्म के रोल किये हैं मगर जब भी उन्होंने तुच्छ और नीच किस्म के नकारात्मक किरदार निभाए हैं उन्हें समीक्षकों की प्रशंसा प्राप्त हुई है। क्योंकि उन्हें निगेटिव शेड्स वाले किरदार निभाना आसान प्रतीत होता है। जब उनसे पूछा जाता है कि वह एक बार फिर बड़ा डरावना चरित्र प्ले कर रहे हैं तो वह कहते हैं "फ्रेडरिक"एक बहुत ही विशेष फिल्म है। मेरा किरदार बड़ा हिंसक है मगर उस भूमिका में एक गहराई है। गुस्सा भरी उसकी प्रतिक्रिया खतरनाक है। "

पहली बार निर्देशक बने राजेश बुटालिया के साथ काम करने में वह बिलकुल नहीं हिचकिचाए "फिल्म के सेट पर एक उम्दा एनर्जी थी। नए डायरेक्टर्स के बारे में मुझे यह बात बेहद पसंद है कि वह सेट पर फिक्स धारणाओं के साथ नहीं आते। राजेश की सोच इस मामले में एकदम साफ़ थी कि वह चाहते क्या हैं?बतौर निर्देशक उन्होंने फिल्म में ताज़गी लाइ है। 

प्रशांत फिल्म के संगीत से भी बेहद खुश हैं जिसकी बेहद तारीफ हो रही है.केके द्वारा गाया गीत "वक्त गया थम"उनका पसंदीदा नगमा है। "मैं मानता हूँ कि यह गीत बहुत खूबसूरत है। इस गीत को लिखा है फिल्म के निर्देशक राजेश बुटालिया ने और संजय बोस ने इसे कम्पोज़ किया है। यह गीत मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने अपने निर्देशक पर दबाव डाला कि वह यह गीत मुझ पर फिल्माएं। 

थिएटर बैकग्राउंड से आने की वजह से वह नए लोगों के साथ काम करने को लर्निंग एक्सपीरिएंस मानते हैं क्योंकि नए चेहरे बड़े आत्मविश्वास के साथ परफॉर्म करते हैं और इस फिल्म में नई प्रतिभाओं ने भी यादगार अभिनय किया है। 

"मैंने अलग अलग फिल्मों में भिन्न भिन्न प्रकार के रोल किये हैं लेकिन "फ्रेडरिक"में वास्तव में बहुत कुछ नया और अलग है। आप "फ्रेड्रिक "से निराश नहीं होंगे"प्रशांत अपनी बात पूरी करते हैं। 

निर्माता मनीष कलारिया और निर्देशक राजेश बुटालिया की फिल्म "फ्रेड्रिक "२७ मई को पूरे देश में रिलीज़ हो रही है जिसमे प्रशांत नारायण के साथ नए चेहरे अविनाश ध्यानी और तुलना बुटालिया ने अभिनय किया है। 

Thursday, May 26, 2016

-जैसे यह रोल मेरे लिए ही लिखा गया था --- तुलना बुटालिया


थ्रिलर फिल्म "फ्रेडरिक"से बॉलीवुड में इंट्री कर रही नई अभिनेत्री तुलना बुटालिया से बातचीत 

सवाल:आप फिल्मों में कैसे आई और यह मूवी आपको किस तरह मिली ?
तुलना:यह प्लानिंग के तहत नहीं हुआ। पहले भी मुझे दो तीन बार ऑफर आया था मगर मैंने इंकार कर दिया था। लेकिन इस बार जब "फ्रेड्रिक "की पेशकश आई तो मैं ने इस ऑफर को जाने नहीं दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह रोल मेरे लिए ही लिखा गया था। निर्माता मनीष कलारिया और निर्देशक राजेश बुटालिया को मुझपर पूरा भरोसा था कि मैं अपनी  भूमिका के साथ इंसाफ कर पाऊँगी।मेरा ऑडिशन हुआ स्क्रीन टेस्ट में मैं पास हो गई। हालाँकि यह स्पष्ट था कि मुझे अभिनय क्षेत्र में गाइडेंस की ज़रूरत थी और निर्देशक ने  मुझे इस मामले में बहुत गाइड किया । 
सवाल:फिल्म के दूसरे कलाकारों और निर्देशक के साथ काम करने का कैसा अनुभव रहा ?
तुलना:मेरा पूरा अनुभव नया था। सब ने मुझे बड़ा उत्साहित किया। निर्देशक हमेशा मेरे साथ रहे उन्होंने ट्रेनिंग दी और गाइड किया। अगर मैं कुछ कर नहीं पा रही थी तो उन्होंने मुझे पूरा मौका दिया और धैर्य बरक़रार रखा.और जब तक मैंने वैसा शॉट नहीं दिया जैसा वो चाहते थे तब तक मुझे प्रयास का अवसर प्रदान किया। उन्होंने मेरी अभिनय क्षमता को निखारने के लिए वर्कशॉप रखे। फिल्म पे मौजूद तमाम अदाकार खास कर अविनाश ने मेरी बहुत मदद की। मेरा पूरा अनुभव अमेज़िंग था ।  
सवाल:एक्शन सीन करने के लिए आपने किस से ट्रेनिंग ली ?
तुलना:ईमानदारी से कहू तो फिल्म के सेट पर मैंने सबकुछ सीखा और इसको लेकर बहुत नर्वस थी। मैं हमेशा से बड़ी ऐक्टिव परसन रही हूँ। पहले मैंने कुछ किक बॉक्सिंग सीखी थी इसलिए मुझे थोड़ा विश्वास था लेकिन फिल्म में खतरनाक एक्शन सीन करना एक अलग ही बात होती है। इसलिए मुझे एक्शन मास्टर विक्की ने ढेर सी चीज़ें सिखाईं। एक्शन वाले सीन करने में काफी समय लगता था । 

उदित नारायण ,अदनान सामी ,पहलाज निहलानी ,पंकज उधास ,सलमा आगा ,शब्बीर कुमार ,शिल्पा शिंदे ,रामदास अठावले छठे भारत रत्न डॉक्टर आंबेडकर में शामिल हुए


कैलाश मासूम ने छठे भारत रत्न डॉक्टर आंबेडकर अवार्ड २०१६ का आयोजन बड़े पैमाने पर  षणमुखानंद हॉल में किया जहाँ हर क्षेत्र से जुड़े लोगों को अवार्ड से सम्मानित किया गया।इस अवार्ड में इस साल उदित नारायण, पंकज उधास,अदनान सामी, अरुण बक्शी, गायक शब्बीर कुमार, सलमा आगा, ब्राईट के योगेश लखानी, टारगेट मीडिया की एकता जैन, हमारा महानगर से राघवेंद्र द्विवेदी, संदीप कुमार, पहलाज निहलानी, समीर धर्माधिकारी, अनिल मुरारका, डी बी चाँद और कई लोगों को सम्मानित किया गया। इस अवार्ड फंक्शन में छे लोकसभा सदस्य आये -रामदास अठावले ,प्रसन्ना कुमार पतसनी, राजेश वर्मा, महेंद्र नाथ पांडेय, सुनील गायकवाड़ और नीलम सोनकर। इस अवार्ड शो में कॉमेडियन सुनील प्रभाकर, दीपू श्रीवास्तव, शब्बीर कुमार, अदनान सामी और उदित नारायण ने कमाल का परफॉरमेंस दिया। 

Tuesday, May 24, 2016

आमिर अच्छा अभिनेता नहीं बस ठीक ठाक है -- प्रशान्त नारायणनन


प्रशान्त नारायणनन  ऐसे अभिनेता हैं कि  वो जिस भी किरदार को अभिनीत करते हैं वो दर्शकों के दिलों दिमाग पर छा जाता है । चाहे वो फिल्म छल का किरदार गिरीश हो या वैसा भी होता है - २ का किरदार विष्णु हो या फिर भिंडी बाजार या मर्डर - २ का धीरज पांडेय का किरदार हो।ऐसे ही कुछ भूमिका है उनकी फिल्म "फ्रेड्रिक" में।  इस फिल्म में प्रशांत कुछ अलग अंदाज़ में दर्शकों को दिखाई देंगे लेकिन ऐसा अंदाज़ जो कि दर्शकों को भुलाये नहीं भूलेगा।  फिल्म "फ्रेड्रिक" के  सिलसिले में उनसे मुलाकात हुई ---

 "फ्रेड्रिक" के बारें में बताइये , क्या मर्डर - २ की तरह इसमें भी दहशत फैलाने वाले हैं ? 
नहीं - नहीं ऐसा कुछ इरादा नहीं है।  इस फिल्म में सब अलग है हर बार  एक सा काम करने में मुझे मज़ा नहीं आता है. फ़्रेडरिक में बहुत ही मुश्किल किस्म का रोल है. मैं किस्मत वाला हूँ कि मुझे यह किरदार करने  का मौका मिला और मैं यह भी कहना चाहता हूँ कि मुझे नही लगता कि मेरे से ज्यादा कोई दूसरा अभिनेता इसे अच्छे से निभा पाता। 
  
आप ही इस फिल्म की यू एस पी हैं तो क्या आप दर्शकों को थिएटर लाने में कामयाब होंगे ?
हाँ बिलकुल क्योंकि मैं बहुत सारी फ़िल्में  नहीं करता, कम फ़िल्में करता हूँ लेकिन वही करता हूँ जो कि फिल्म सच में अच्छी होती है और यह बात मेरे प्रशंसक अच्छे से जानते हैं। मैं हमेशा ऐसी फिल्मों से जुड़ा रहता हूँ जिनमें अच्छी कहानी होती है और यह ऐसी ही फिल्म है। 

कम फ़िल्में तो आमिर भी करते हैं तो क्या आप उन्हें फॉलो करते हैं या  आमिर आपको ?                                                   यह आमिर के लिये अच्छा है क़ि वो मुझे फॉलो करे मैंने उसको कभी नहीं फॉलो नहीं करता।आपने आमिर की बात की तो मैं आपको बता कि वो कोई बहुत अच्छा अभिनेता नहीं है बस ठीक - ठाक है हाँ मेहनती है वो. मैं मेहनती नहीं हूँ लेकिन अच्छा अभिनेता हूँ।  अच्छा अभिनेता और   मेहनती होना दोनों बिलकुल अलग बातें हैं।  

इतने सारे खान अभिनेता हैं हमारे यहाँ,  उनके बारें में आपका क्या कहना है ?    
यहाँ सब मेहनती हैं लेकिन कोई अच्छा अभिनेता नहीं है. हमारे देश में अच्छे अभिनेताओं की कमी है।                                                                                                                                                            आप अच्छे अभिनेता हैं लेकिन आप तो इतनी कम फ़िल्में करते हैं आपके प्रशंसक आपको कब देखें ?
मैं चाहता हूँ कि वो मेरी फिल्मों का इंतज़ार करें।  मैं अभिनय के अलावा भी बहुत कुछ करता हूँ।  अगर मुझे पैसा कमाना होता तो ४५ दिन शूटिंग कर सकता हूँ लेकिन मैं नहीं करता क्योंकि मुझे यह सब पसंद नहीं है। मैं चप्पल, तेल और पान मसाला नही बेचता ।मुझे रिस्क लेना पसन्द करता हूँ।  मैंने बहुत बड़ी -बड़ी फिल्मों को मना किया है जिनमें रंग दे बसंती और वेलकम बैक भी हैं  मैं सिर्फ 100 करोड़ 200 करोड़ की बजाय अच्छी फ़िल्मे करना पसन्द नहीं करता हूँ मैं प्रोजेक्ट नहीं बल्कि अच्छी फिल्म करना चाहता हूँ।     मैं तीन दिन की कमाई वाली फिल्मों में काम करना पसंद नहीं करता हूँ.  मैं ऐसी फिल्म करना चाहता हूँ जो आज भी अच्छी लगे और दस साल बाद भी।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                              लेकिन आपने ऐसी ही एक फिल्म  मर्डर 2 की थी ? 
उस फ़िल्म को करने की भी कुछ खास वजहें थी ।मोहित सूरी मेरा दोस्त निर्देशक था और महेश भट्ट - मुकेश भट्ट फिल्म के साथ थे इसके अलावा मैं फिल्म की  पब्लिसिटी में कहीं नहीं था लेकिन मर्डर में अगर मेरा किरदार नहीं होता तो उसमें कुछ भी नहीं होता। मैंने  अपने किरदार के लिये फिल्म की थी। 

क्या कभी आप नाच गाने वाली फिल्मों में दिखाई देंगे ?
नहीं मैं यह सब नहीं कर सकता हूँ। पब्लिक को थियेटर में जाकर भारत सर्कस देखने की आदत है मैं कोई क्लाउन नही हूँ  भारत सर्कस  करना मुझे बेवकूफी लगती है. 


फिल्म निर्देशन के बारें में कुछ सोचा है ?
कुछ स्क्रिप्ट लिखी हैं मैंने जिन पर जल्दी ही फ़िल्में बनाना चाहता हूँ।  अच्छी कमाई भले ही न करें मेरी फ़िल्में लेकिन दर्शकों को पसंद आये। अच्छी मज़ेदार म्यूजिक पर आधारित फिल्म बनाऊँगा। 

Monday, May 23, 2016

ऐश्वर्या ही ऐश्वर्या



फिल्म "सरबजीतके प्रीमियर पर अभिनेत्री ऐश्वर्या ही छायी रही जबकि इस फिल्म में "सरबजीतकी भूमिका रणदीप हुडा ने अभिनीतकी है फिर भी प्रोमोशन में ऐश्वर्या ही छायी रही।  यही सवाल जब फिल्म के प्रीमियर में रणदीप से किसी पत्रकार ने पूछ लिया तो रणदीपने पत्रकार को शटअप कह कर सवाल को टाल दिया। इसी तरह प्रीमियर पर ऐश अपने पूरे परिवार के साथ पँहुची।  जब ऐश अभिषेक केसाथ फोटोग्राफरों के लिये पोज़ दे   रही थी तब फोटोग्राफरों ने जब ऐश से अलग - अलग पोज़  देने  के लिये कहा तो अभिषेक नाराज़होकर "इन्ही का पोज़ लो " कह कर चले गये ऐश ने उन्हें आवाज़  देकर रोकने की कोशिश भी की पर वो नहीं रुके। इस तरह अभिषेकऔर रणदीप पर हावी रही ऐश्वर्या। 

अज़हर हुई क्लीन बोल्ड


क्रिकेट खिलाडी मोहम्मद अज़हरुद्दीन के जीवन पर बनी फिल्म "अज़हर " का हर कोई बेताबी से इंतज़ार कर रहा था लेकिन जब दर्शकोंने इस फिल्म को देखा तो सभी को निराशा ही हाथ लगी। मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन शतक बनाये थे अपनेशुरूआती तीन टेस्ट मैचों में लेकिन उनके जीवन पर बनी फिल्म "अज़हर " को दर्शकों ने क्लीन बोल्ड कर दिया। क्योंकि जब फिल्म एकतरफ़ा होगी तब यही हश्र होगा। 

Sunday, May 22, 2016

ऐश्वर्या ने होठों पे लगाई तो हंगामा हो गया

 ऐश्वर्या ने कांन्स में अपने होठों पर पर्पल रंग की लिपस्टिक क्या लगाई सारे देश में एक हंगामा सा हो गया. सारे समाचार पत्र और सोशल मीडिया में बाकि सारी बातों को छोड़ कर उनकी लिपस्टिक के बारें में ही चर्चा होने लगी।  आखिर कार जब ऐश्वर्या भारत आयी तब उन्होंने बताया अपनी पर्पल रंग की लिपस्टिक का राज़ बताया "कि  मैं लोरियल की ब्रांड एम्बेसेडर हूँ  और वहाँ भी मैं अपने ब्राण्ड के लिये ही काम कर रही थी।"यानि ऐश ने वो कर दिखाया जो वो करना चाहती थी यानि लोरियल की पब्लिसिटी। तो ऐश्वर्या ने होठों पे लगाई तो हंगामा हो गया। 

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...