Saturday, June 20, 2015

साठ के दशक का सदाबहार संगीत वापस आ रहा है मुन्नवर भगत की हिंदी फिल्म लाखों हैं यहाँ दिलवाले से

आज भी लोग पुराने - गाने गाते , गुनगुनाते हैं, सुनते हैं क्योंकि उसमें मधुर संगीत - गीत और दमदार गायकी है। जाने- माने पत्रकार और निर्देशक -निर्माता मुन्नवर भगत को भी पुराने गाने बहुत अच्छे लगते हैं। इन्होने इन सदाबहार गीतों को अपनी पहली फिल्म #लाखों हैं यहाँ दिलवाले में इस्तेमाल किया है। 
#मुन्नवर भगत ने बताया की - मैंने सारेगामा से जाकर मीटिंग की और उनसे साठ के दशक के एक नहीं बल्कि ग्यारह गाने ले लिए अपनी फिल्म के लिए। ये ग्यारह गीत फिल्म में अलग - अलग सिचुएशन में आते हैं। 
लाखों हैं यहाँ दिलवाले एलबम में सारे सुपरहिट होंगे जैसे -चित्रगुप्त का लागी छूटे ना, हेमंत कुमार का ओ रात के मुसाफ़िर, शंकर जयकिशन का याला याला दिल ले गयी, ओ पी नैयर का लाखों हैं यहाँ दिलवाले।फिल्म को मीना शमीम फिल्म्स के बैनर तले बनाया जा रहा है। इस फिल्म के कलाकार हैं आदित्य पंचोली, किशोरी सहाने, अंजू महेंद्रू, अरुण बक्षी और नवोदित कलाकार वीजे भाटिया और कृतिका गायकवाड़। फिल्म का संगीत सारेगामा रिलीज़ करेगी


No comments:

Post a Comment

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...