
हम पाकिस्तान को पसंद करे या नहीं लेकिन हमने सबसे ज्यादा फिल्में पाकिस्तान और हमारे यानि भारत के रिश्ते को ही लेकर बनाई है चाहे वो १९४७ का भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो , १९७१ की लड़ाई हो या कारगिल युद्ध हो । हमने युद्ध जैसे संवेदनशील विषयों पर कई फ़िल्में बनायीं हैं जिन्हें दर्शकों ने पसंद भी बहुत किया। बॉर्डर, एल ओ सी, १९७१ , रिफ्यूजी, ग़दर , दीवार, क्या दिल्ली क्या लाहौर , लाहौर , इन सारी की सारी फिल्मों में पाकिस्तान ही मुख्य विषय था। भारत और पाकिस्तान की लगभग सभी फ़िल्में जबरदस्त हिट रही क्योंकि इन फिल्मों को देख कर दर्शक भी भरपूर जोश में भर जाते हैं क्योंकि इन फिल्मों की कहानियों से भावनात्मक रूप से हम खुद को जुड़ा हुआ पाते हैं। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को सुन - सुन कर ही हम सब सभी बढे हुए हैं शायद एक यह वजह भी हैं इन फिल्मों की सफलता की।


अब २०१५ चल रहा है आज भी हम पाकिस्तान पर फिल्में बना रहे हैं लेकिन अब इन फिल्मों में दर्द और नफरत की जगह हास्य ने ली है अभी हाल में रिलीज़ हुई फिल्म "वेलकम टू कराची " में हास्य ही है। इसी तरह अभिनेता सलमान खान की फिल्म "बजरंगी भाईजान " में भी भारत से सटे पाकिस्तान के एक गाँव की कहानी दिखाई है जिसमें पाकिस्तान की एक बच्ची को उसकी माँ से मिलाने में लगे हैं हमारे भाई जान (सलमान खान ) और इसमें उनकी मदद कर रहे हैं बजरंगी यानि हनुमान जी वो भी पाकिस्तान में।
पाकिस्तान के साथ हमारी लव - हेट रिलेशनशिप है , क्योंकि एक समय था जब वो हमारा ही हिस्सा था शायद यही वजह है कि हम इन देशों पर बनी फ़िल्में बनाते हैं। सिर्फ हम भी इस तरह की फ़िल्में नही बनाते पाकिस्तान के निर्देशक - निर्माताओं ने भी कुछ फिल्मे बनायीं हैं जैसे "रामचन्द्र पाकिस्तानी " और "खामोश पानी " इन दोनों ही फिल्मों में भारत के ही कलाकारों ने अभिनय किया था और दर्शकों के साथ - साथ इन फिल्मों को कई अवार्ड भी मिले थे।
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