जितनी खूबसूरत वह है उतनी ही खूबसूरत उनकी आवाज़ है। जी हाँ दीपाली साठे सुंदरता के मामले में किसी हीरोइन से कम नहीं है लेकिन जब आप उनकी आवाज़ सुनेंगे तो उनकी बाहरी सुंदरता मधुर आवाज़ के सामने फीकी ही पड़ जायेगी।
देवास ( मध्य प्रदेश ) की रहने वाली दीपाली साठे मात्र 3 साल की छोटी
सी उम्र में गाना शुरू कर दी थी। इनके पापा बैंक में कार्यरत हैं और उन्हें भजन कीर्तन गाने का शौक है, दादी शास्त्रीय संगीत में पारंगत हैं इसलिए घर का माहौल ही संगीत से भरा था। स्कूली शिक्षा ग्रहण करते हुए दीपाली अपनी शिक्षिका श्रीमती गीता दांडेकर से संगीत सीखने लगी उसके बाद ललिता शंकर पंडित से भी विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सन् 2010 में सा रे गा मा पा में हिस्सा लिया और टॉप टेन में चुन ली गयी।इस तरह दीपाली के हौसले बुलंद हो गए फिर अपने पेरेंट्स को मनाकर मुम्बई आ गयी। यहाँ आकर सभी रिकॉर्डिंग स्टूडियो जा जाकर कई संगीतकारों से मिली । स्ट्रगल के दौरान दुविधा में पड़ गयी थी और घर वापस जाने का भी मन हुआ मगर वहाँ के लोगों का सामना करने का ख्याल आते ही हिम्मत नहीं हो पाया । फिर धीरे धीरे कुछ कम्पोजर को इनकी आवाज़ अच्छी लगी और जिंगल्स गाने का मौका मिला उसके बाद टी वी सीरियल जोधा अकबर और मैं लक्ष्मी तेरे आँगन की के अलावा हिंदी फिल्में अंकुर अरोरा मर्डर केस, वार छोड़ ना यार, गैंग्स ऑफ़ घोस्ट और हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियाँ में गाना गाने का मौका मिल गया।
दीपाली बताती है कि संगीतकार मिथुन के पापा नरेश अंकल से मैंने संपर्क किया वे मुझे अंपायर स्टुडिओ में बुलाकर मेरी आवाज़ सुने फिर वह आवाज़ विशेष फिल्म्स पहुँच गयी जिसे मुकेश भट्ट जी और महेश भट्ट साहब ने काफी पसंद किया । उन्होंने मुझे ऑफिस बुलाया फिर हमारी अधूरी कहानी का गाना ' ये कैसी जगह ले आये हो तुम' मुझे मिला और साथ में चेक भी।
दीपाली ने राजस्थानी वीणा कैसेट्स की 25 एलबम में गाया है और बंगाली, मलयाली, कन्नड़ मराठी भाषा में भी इनकी आवाज़ रिकॉर्ड हो चुका है। हाल ही में एक नई मराठी फ़िल्म 'यस आई कैन' में दीपाली ने अरजीत सिंह के साथ गाना गाया है।
दीपाली अब तक यू एस ए , पोलैंड, दुबई सहित कई देशों में सिंगिंग शो कर चुकी है। इन्हें गाने के अलावा खाना पीना घूमना फिरना और शॉपिंग करना बहुत पसंद है।
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