गुड मेलोडी यानि अच्छा गीत - संगीत आज कल बहुत ही कम सुनने को मिलता है। आज कल दारू की बोतल वो भी अपने बाप की जैसे गीत ज्यादा बनते हैं लेकिन कभी - कभी अच्छे गीत भी गलती से बन जाते हैं और वो ही श्रोताओं को ज्यादा पसंद आते हैं। ऐसा नही है कि "चार बोतल वोदका" गीत आप गुनगुना नही सकते। लेकिन इन गीतों को गुनगुनाते समय कुछ मज़ा नहीं आता है।
वैसे कुछ आज कल ऐसे हैं जिन्हें आप गुनगुना सकते हैं जैसे "पिडली से बातें क्यों करती ही शरमा के" अमिताभ बच्चन की आवाज़ में यह गीत फिल्म "शामिताभ " का है। स्वानंद किरकिरे के लिखे इस गीत की धुन बनाई है इलैया राजा ने। बहुत ही मस्ती में गाया है इसे बिग बी ने।
इसके अलावा "रॉय' फिल्म का गीत " सूरज डूबा है " भी अच्छा है कानों को सुकून देता है। कुमार का लिखा यह गीत गाया है अरिजीत सिंह ने , इनकी आवाज़ का जादू तो आजकल सभी पर छाया हुआ है, गीत में इनका साथ दिया है अदिति सिंह शर्मा ने। संगीत दिया है युवा संगीतकार अमाल मलिक ने। इसी फिल्म का दूसरा गीत "तू है कि नही " भी अच्छा है अंकित तिवारी का संगीत और आवाज़ भी उन्हीं की, लेकिन लिखा है इसे अभेन्द्र कुमार उपाध्याय ने।
"खामोशियाँ " गीत भी अच्छा है. वैसे विशेष फिल्म्स की सभी फिल्मों के गीत अच्छे ही होते हैं। अरिजीत की आवाज़ और जीत गागुंली का संगीत तो बस क्या कहने ?
इन गीतों को आप सुनिये और गुनगुनाइये और मुझे भी बताइये कि अगर कोई गीत आपको पसंद आता है तो मैं भी उस गीत को सुनना चाहूंगी।
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