Thursday, December 6, 2018

कहानी -- हिन्दी फिल्म -- केदारनाथ

कहानी -- हिन्दी फिल्म -- केदारनाथ
 रिलीज़ --  ७ दिसम्बर 
बैनर -- आर एस वी पी मूवीज और गाय इन द स्काई पिक्चर्स 
निर्माता -- रॉन्नी स्क्रूवाला, प्रज्ञा कपूर, अभिषेक कपूर, अभिषेक नैयर 
निर्देशक -- अभिषेक कपूर 
कहानी -- अभिषेक कपूर, कनिका ढिल्लों     
२०१३ में केदारनाथ हुई भीषण त्रासदी पर आधारित 
कलाकार -- सुशांत सिंह राजपूत , सारा अली खान 
संगीत -- अमित त्रिवेदी 
बैक ग्राउण्ड संगीत -- हितेश सौमिक 
गीत -- अमिताभ भट्टाचार्य 
आवाज़ -- अमित त्रिवेदी, अरिजीत सिंह, निकिता गाँधी,असीस कौर, देव नेगी।

रोमांटिक और ड्रामा से भरपूर इस फिल्म "केदारनाथ" के निर्देशक हैं अभिषेक कपूर। निर्माता - निर्देशक अभिषेक कपूर ने अपना अभिनय कॅरियर एक अभिनेता के तौर पर शुरू किया था । उन्होंने उफ़ यह मौहब्बत ( १९९६ ) और शिकार ( २००० ) इन दों फिल्मों में अभिनय किया। एक निर्देशक के रूप में उन्होंने अब तक आर्यन : अनब्रेकबल ( २००८ ) रॉक ऑन 
( २००८ ) काई पो चे ( २०१३ ) फ़ितूर , रॉक ऑन - २ ( २०१६ ) आदि फ़िल्में निर्देशित की हैं। टी वी  से बड़े परदे की ओर रुख करने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत  ने फिल्मों में अपनी शुरुआत अभिषेक कपूर की फिल्म "काई पो चे " से ही की थी। इसके बाद इन्होंने शुद्ध देसी रोमांस, पी के, डिटेक्टटिव व्योमकेश बक्शी, एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी ,राब्ता आदि फ़िल्में की हैं।  सारा अली खान, जो की अभिनेत्री अमृता सिंह और अभिनेता सैफ अली खान की बेटी हैं , फिल्म "केदारनाथ " से ही फिल्मों में कदम रख रही हैं। 

 एक मुसलमान लड़के और एक हिन्दू लड़की की प्रेम कहानी के इर्द गिर्द घूमती है फिल्म "केदारनाथ " की कहानी ।  एक अमीर हिन्दू लड़की मुक्कू ( सारा अली खान )  उत्तराखण्ड के खूबसूरत पहाड़ों में स्थित ऐतिहासिक केदारनाथ मंदिर ( जो कि हिन्दुओं का एक बहुत बड़ा तीर्थ माना जाता है )  के दर्शन के लिये आती है। वहाँ उसकी मुलाकात मंसूर  ( सुशांत सिंह राजपूत ) नामक के एक बहुत ही नम्र स्वाभाव के लड़के से होती है।  मंसूर केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की मदद करने वाला यानि बोझा उठाने वाला एक कुली का काम करता है। केदारनाथ की यात्रा के दौरान मंसूर मुक्कू का गाइड बनता है और इसी दौरान मंसूर का अच्छा स्वाभाव मुक्कू का दिल जीत लेता है और दोनों में प्यार हो जाता है । दोनों के प्यार को पारिवारिक स्वीकृति नहीं मिलती क्योंकि दोनों का  अलग - अलग धर्म और जाति उनके इस प्यार में आड़े आता है। पूरे उत्तराखण्ड  में अचानक बाढ़ जैसी भयंकर त्रासदी आ जाती है  जो  केदारनाथ को तबाह कर देती है।

 ऐसी परिस्थिति में मुक्कू और मंसूर का क्या होता है  ?क्या दोनों के प्यार की शक्ति उनके जीवन को बचा पाती है या वो दोनों भी बारिश की बाढ़ में बह कर एक दूसरे से हमेशा के लिये जुदा हो जाते हैं ?  यही सब फिल्म में दिखाया गया है। 

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