Friday, February 26, 2016

सुरेश वाडकर और प्रेम वसंत ने उत्तम वाज्ञेयकार अवार्ड के बारे में बताया जो २७ फरवरी को आजिवासन हॉल जुहू में होगा




उत्तम वाज्ञेयकार - इस शब्द से हमारा परिचय करवाया हमारे पूज्य गुरूजी, आचार्य जियालाल वसन्त ने - यूं ही, बातों-बातों में, बिना किसी शब्द अथवा वाक्य पर ज़ोर दिए । भले ही विद्यार्थी गायन, वादन अथवा नृत्य का रह हो । मानों हमें संगीत के क्षेत्र में पदारपण करने की तैयारी करवा रहे हों । प्रत्येक क्षेत्र में, जो अनिवार्य हों, वे नियम, हिदायतें व अडिग मापदंडों को दर्शाते । कभी  स्वयं गा-बजा कर, कंभी रिकार्ड की हुई टेप के माध्यम से, तो कभी किसी संगीत सभा में ले जाकर संगीत   मार्तण्डों के गायन, वादन तथा नृत्य दिखा कर । इस प्रकार हम 'वाज्ञेयकार' से परिचित होते रहे ।

यह सब कहने या लिखने वाले का नाम 'शारंगदेव' है, यह बात हमें बहुत बाद में बताई गई । उनके ग्रंथ 'संगीत रत्नाकर' के 'दर्शन' करवाए गए तथा सभी ८ श्लोकों का सविस्तार वर्णन गुरूजी द्वारा सोदहरण दिया गया । हर बार एक बात सदा दोहराते कि तुम तब तक पूर्ण संगीतज्ञ नहीं बन सकते, जब तक तम तीनों कलाओं में अपनी परांगतता श्रोतागण पर सिद्ध न कर सकें । इसका अर्थ कदापि नहीं कि गाने वाले अथवा वादकों को उठ कर नाचना पड़ेगा!!!!! अथवा नर्तक को कोईँ वाद्य बजाकर दिखाना होगा ! यह सब तो  आप की प्रस्तुति से दर्शक को ज्ञात हो ही जाएगा ।

धीरे-धीरे हम अब पूर्णतया समझने लगे थे कि शारंगदेव द्वारा रचित ग्रंथ 'संगीत रत्नाकर' के उत्तम वाज्ञेयकार हमारे अपने गुरुजी,  आचार्य जियालाल वसंत ही हैं ।

हमारे न्यास , आचार्य जियालाल वसन्त संगीत निकेतन, की अपनी चयन समिति ने निश्चय किया कि 'उत्तम वाज्ञेयकार' जियालाल वसन्त पुरस्कार' की स्थापना की जाए । इसके अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष वसंत ऋतु में किन्हीं लोकप्रिय गायक, वादको अथवा नर्तक को   सम्मानित किया जाए ।

सन् २००१ में आदरणीय संगीत मार्तण्ड पद्मविभूषण प. जसराज जी को 'उत्तम वाज्ञेयकार जियालाल वसंत पुरस्कार' से सम्मानित किया गया ।

अब हमारा पुरस्कार अपने १६वें वर्ष में पदारपण कर रहा है । हम स्वयं को अत्यन्त भाग्यशाली मानते हैं कि इस पुरस्कार को स्वीकार करते हुए सभी गुणीजनों ने हमें व हमारे निर्णय को आशीर्वाद दिया है, साथ ही इस पुरस्कार को भी सम्मानित किया है

2001 - संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज। 
2002 - पंडित शिवकुमार शर्मा। 
2003 - पंडित बालमूर्ति कृष्णन।

2004 - पंडित भीमसेन जोशी। 
2005 - पंडित रामनारायण। 
2006 - पंडित हरिप्रसाद चौरसिया। 
2007 - लता मंगेशकर। 
2008 - सांसद  एक्ट्रेस हेमा मालिनी। 
2009 - उस्ताद ज़ाकिर हुसैन। 
2010 - पंडित विश्वमोहन भट्ट। 
2011 - डॉक्टर एल सुब्रमनियम।  
2012 - पंडित अजोय चक्रबोर्ती। 
2013 - उस्ताद अमजद अली खान।  
2014 - उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफ़ा ख़ान।  
2015 - पद्मभूषण आशा भोसले। 

No comments:

Post a Comment

मंत्र मुग्ध कर देने वाली आवाज़ के धनी अमीन सयानी की यादें

91 साल की उम्र में अमीन सयानी जी का निधन हो गया। उनको हम देश का पहला आर जे भी कह सकते हैं। रेडियो सिलोन में गीतों का कार्यक्रम ब...