Tuesday, December 15, 2020

टीकू तलसानिया को  शूटिंग , पैराग्लाइडिंग और फोटोग्राफ़ी का भी शौक है

 टी वी और फिल्मों में आने से पहले अभिनेता टीकू तलसानिया गुजराती थियेटर से जुड़े हुए थे। वहीँ उनके अभिनय से प्रभावित होकर निर्देशक कुंदन शाह ने उन्हें टी वी के लोकप्रिय हास्य धारावाहिक "ये जो है जिंदगी " ( १९८४ ) में काम करने का मौका दिया। इस धारावाहिक में अभिनय करके टीकू तो रातो रात दर्शकों में लोकप्रिय हुए ही साथ में उनका संवाद " ये क्या हो रहा है " भी बहुत लोकप्रिय हुआ। 




 ४० सालों से ज्यादा अभिनय से जुड़े  टीकू के घर में जहाँ अधिकतर डॉ ही हैं वहीं टीकू की दिलचस्पी अभिनय की ओर थी। बचपन से ही वो अभिनेता बनना चाहते थे , वो स्कूल में होने वाले नाटकों में हिस्सा लेते रहते थे। बाद में वो प्रवीण जोशी के थियेटर ग्रुप से जुड़ गये। टीकू पूरी तरह से अभिनय के रंग में रंग चुके थे जबकि उनके पिता चाहते थे कि वो डॉ ही बने लेकिन उनकी माँ का उन्हें पूरा सपोर्ट था। इस बारे में टीकू का कहना है कि , "  जब मैंने अभिनय करने का सोचा उस समय फिल्मों में काम करने वाले को सम्मान से नहीं देखा जाता था। यह वजह थी कि पापा नहीं चाहते थे कि मैं इस क्षेत्र में जाऊँ। "

टीकू ने निर्देशक कुंदन शाह के साथ टी वी में ही नहीं बल्कि फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने उनके साथ लोकप्रिय हास्य फिल्म "जाने भी दो यारों " के अलावा कभी हाँ कभी ना , क्या कहना और दिल है तुम्हारा आदि फिल्मों में भी काम किया। जब कभी उन्हें टी वी और फिल्मों से फुरसत मिलती है तो वो अमेरिका और यूरोप के कई नाटकों में भी हिस्सा लेते हैं।  साथ ही टीकू खुद को एक ट्रेवलर मानते हैं। अपने खाली वक्त में वो अपनी बाइक से अलग - अलग शहरों की यात्रायें भी कर चुके हैं। बाइक से वो लद्दाख भी जा चुके हैं। इसके अलावा उन्हें शूटिंग , पैराग्लाइडिंग और फोटोग्राफ़ी का भी शौक है। 
 
टीकू का जन्म ७ जून १९५४ को मुंबई  में हुआ। उन्होंने मुंबई विश्व विद्यालय से स्नातक  पढ़ाई की है। दिल्ली के बारें में बात करते हुए ,"टीकू कहते हैं कि उन्हें दिल्ली के छोले - भटूरे  और कबाब बहुत पसंद हैं लेकिन यहाँ गर्मी बहुत पड़ती है। मैंने यहां मई के महीने में भी शूटिंग की है।  ऐसी भरी गर्मी में काम का अनुभव आज भी मुझे याद है।"   

सही मायने में फिल्मों में टीकू के अभिनय की शुरुआत १९८६ में निर्देशक राजीव मेहरा की फिल्म "प्यार के दो पल " से हुई थी। इस फिल्म के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक के बाद एक करके वो अनेकों फिल्मों में काम करते गये और अपने हास्य अभिनय से दर्शकों को हँसाते गये। यूँ तो टीकू ने २०० फिल्मों में काम किया है।लेकिन उनकी कुछ फ़िल्में ऐसी हैं जिन्हें आज भी दर्शक बार - बार देखना पसंद करते हैं इन सभी फिल्मों में उनका अभिनय भी लाजवाब था। दिल है कि मानता नहीं , कभी हाँ कभी ना ,अंदाज़ अपना अपना , दरार ,राजा , बोल राधा बोल ,मिस्टर बेचारा  ,राजा हिन्दुस्तानी ,इश्क़ , जुड़वाँ ,हीरो नंबर १ , डुप्लीकेट ,प्यार तो होना ही था , जल्लाद , सुहाग ,फिर हेरा फेरी , हँगामा , धमाल ,ढोल , पार्टनर ,वन्स अपॉन ए टाइम मुंबई दोबारा ,स्पेशल २६  आदि फिल्मों में तो उन्होंने दर्शकों को हँसाया लेकिन संजय लीला भंसाली की फिल्म "देवदास " में उन्होंने धर्मदास का किरदार अभिनीत करके दर्शकों को अचम्भित कर दिया।

फिल्मों में तो उन्होंने सभी तरह का अभिनय किया लेकिन टी वी पर उन्होने विशेष रूप से हास्य अभिनय ही किया। उन्होंने १९८४ में सबसे पहले कुंदन शाह के साथ काम किया "ये जो है जिंदगी " में।  दूरदर्शन पर प्रसारित इस धारावाहिक के जरिये उन्होंने देश के सभी दर्शको के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाई। इसके बाद श्रीकांत ( १९८७ ) दुनिया गज़ब की (१९९२  ) आनंद (१९९३  ) कभी ये कभी वो (१९९४ --९५ ) जमाना बदल गया , एक से बढ़कर एक ( १९९५ ) माल है तो ताल है (२०००  ) हम सब बाराती ( २००४ ) सजन रे झूठ मत बोलो (२००९ -११ ) ये चंदा कानून है ( २००९ ) गोलमाल है भाई सब गोलमाल है ( २०१२) प्रीतम प्यारे और वो ( २०१४ ) सजन रे फिर झूठ मत बोलो ( २०१७ ) आदि धारावाहिको में अभिनय किया है।  



टीकू ने थियेटर की अपनी को-आर्टिस्ट दीप्ति से शादी की । उनके दो बच्चे हैं रोहन और शिखा तलसानिया। शिखा भी एक्टर हैं उनकी कई फीचर फ़िल्में, शॉर्ट फिल्में हुए वेब सीरीज आ चुकी हैं। 

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