Tuesday, December 8, 2020

अँगूरी भाभी के पति मनमोहन तिवारी यानि रोहिताश गौड़

 लोकप्रिय हास्य धारावाहिक "भाभी जी घर पर हैं " में अँगूरी भाभी के पति मनमोहन तिवारी यानि 
रोहिताश गौड़ ने अपनी अदाकारी से दर्शकों के बीच अपनी एक अलग जगह बनाई  है। हरियाणा के कालका के रहने वाले रोहिताश को बचपन से भी अभिनय का जूनून सवार था। रोहिताश के पिता इनको साइंस पढ़ाना चाहते थे लेकिन साइंस पढ़ने में इनकी दिलचस्पी बिलकुल भी नहीं थी। इसी वजह से ११ क्लास में फेल भी हो गये।  फिर फिजिक्स के टीचर के कहने पर इनके पिता ने इन्हें आर्ट्स में एडमिशन दिलाया जहाँ रोहिताश ने टॉप किया। रोहिताश गौड ने अपनी शुरूआती शिक्षा सरकारी उच्च विद्यालय, कालका, हरियाणा से ली। उसके बाद इन्होंने सरकारी महाविद्यालय, कालका, हरियाणा और नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, नई दिल्ली से कला में स्नातक और नाटक में डिग्री ली। 

यूँ तो रोहिताश के दो किरदार मुकुन्दीलाल गुप्ता (लापतागंज ) मनमोहन तिवारी ( भाभी जी घर पर हैं ) दर्शकों में बहुत लोकप्रिय हुए हैं लेकिन इन धारावाहिकों से पहले उन्होंने अनेकों लोकप्रिय धारावाहिकों में अभिनय किया है।सबसे पहले उन्होंने १९९१ में "नीम का पेड़" में अभिनय किया। इसके बाद १९९७ में जय हनुमान १९९९ में अग्निचक्र २००१ में परसाईं कहते हैं २००२ में वेद व्यास के पोते और महारथी कर्ण २००४ में नोडी और डैडी और  श्री सिफारिशी लाल २००५ में चमचा इन चीफ और हरि मिर्ची लाल मिर्ची २००६ में साराभाई वर्सेज साराभाई और एक चाबी है पड़ोस में २००८ में अस्तित्व एक पहचान और जसुबेन जयंतीलाल जोशी की जॉइंट फॅमिली २००९ में लापतागंज  २०१३ में हम आपके हैं  इनलॉज  २०१४ में खुशियों की गुल्लक आशी २०१५ में भाभी जी घर पर हैं आदि  

एक दिन की शूटिंग के करीब ५० -६० हज़ार रूपये लेने वाले रोहिताश आज जिस हास्य धारावाहिक "भाभी जी घर पर हैं " की वजह से घर -- घर में कच्छे बेचने वाले मनमोहन तिवारी के नाम से लोकप्रिय हैं। जब उन्हें इस धारावाहिक में अभिनय करने के लिए मशहूर स्क्रिप्ट राइटर मनोज संतोषी ने कहा तो पहले रोहिताश ने मना कर दिया। बाद में उनकी पत्नी रेखा के कहने पर उन्होंने इस भूमिका को करना मंजूर किया और आज हम सभी जानते हैं कि यह सीरियल और उनकी भूमिका कितनी लोकप्रिय है। इसी तरह शरद जोशी की कहानियों पर आधारित - धारावाहिक "लापतागंज " को भी दर्शकों ने बहुत पसंद किया था साथ में इस धारावाहिक में निभाये गये किरदार मुकुन्दीलाल गुप्ता को भी। इस किरदार को भी रोहिताश ने बहुत ही ख़ूबसूरती से अभिनीत किया था। 

अमिताभ बच्चन के प्रशंसक रोहिताश ने अनेकों फिल्मों में भी अभिनय किया है। उनकी फ़िल्में इस प्रकार हैं -- २००१ -- फिल्म वीर सावरकर ,२००२ -- प्रथा, २००३ -- मातृभूमि , पिंज़र , धूप , मुन्ना भाई एम बी बी एस , २००६  लगे रहो मुन्ना भाई , दिल से पूछ किधर जाना है ,२००८ - ए वेडनेस डे ,वन टू थ्री, २००९ में थ्री ईडियट्स , २०१० -- अतिथि तुम कब जाओगे २०१४ में पी के आदि।  

हालाँकि आज रोहिताश एक बड़ा नाम है।  उनके पास वो सब कुछ है जिसकी इच्छा हर इंसान करता है यानि घर, गाड़ी और पैसा। लेकिन इस मुकाम पर पँहुचने के लिए उन्हें भी काफी संघर्ष करना पड़ा है। एक समय था जब वो दिल्ली से मुंबई आये थे अभिनेता बनने के लिये। मुंबई में वो ५-६ लोगों के साथ एक ही कमरे में रहते थे और मकान मालकिन के बेटे के जन्मदिन मनाने की वजह से कमरा खाली करना पड़ा और सारी रात खुली छत में बितानी पड़ी। हवाई जहाज की आवाजों के कारण सारी रात सो नहीं सके।  बाद में थोड़ी देर नींद आयी और जब आँख खुली तो पूरे भीग चुके थे क्योंकि पानी की टंकी रिस रही थी। ज्यादा देर पीठ भीगने की वजह से जाम हो गयी थी। उनकी बिमारी की वजह से डॉ ने उन्हें तुरंत मुंबई छोड़ने के लिए कहा। कुछ दिन दिल्ली जाकर अपना इलाज करवा कर रोहिताश अपने सपनों को पूरा करने के लिये पुन : मुंबई आ गये। 

"भाभी जी घर पर हैं"  धारावाहिक में  अनीता भाभी के दीवाने बने मनमोहन तिवारी यानि रोहिताश के परिवार में उनकी पत्नी रेखा हैं जो कि कैंसर रिसर्च का काम करती है।  इनके अलावा इनकी दो बेटियाँ हैं गीति और संगीति। लॉक डाउन में एक वीडियो भी काफी लोकप्रिय हुआ जिसमें उनकी बेटी गीति उन्हें "काला चश्मा"  गीत में डाँस करना सिखा रही है। 

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