Thursday, January 10, 2019

कहानी -- हिंदी और अँग्रेजी फिल्म -- द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर

कहानी -- हिंदी और अँग्रेजी फिल्म -- द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर 
रिलीज़ --  ११ जनवरी 
बैनर -- रूद्र प्रोडक्शंस , बोहरा ब्रदर्स , पैन इंडिया लिमिटेड  
निर्माता -- सुनील बोहरा , धवल गाडा 
निर्देशक -- विजय रत्नाकर गुट्टे 
लेखक --  विजय रत्नाकर गुट्टे , मयंक तिवारी, कार्ल दुने, आदित्य सिन्हा   
संजय बारू की किताब "द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर " पर आधारित  
कलाकार -- अनुपम खेर, अक्षय खन्ना,  सुज़ैन बेर्नेट, आहना कुमार   
संगीत -- सुदीप रॉय और साधु तिवारी 

चर्चित फिल्म "द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर"  निर्देशक विजय रत्नाकर गुट्टे की पहली निर्देशित फिल्म है।  इस फिल्म से पहले उन्होंने इमोशनल अत्याचार और बदमाशियाँ आदि फिल्मों का निर्माण किया है।  अभिनेता अनुपम खेर ने अब तक हिंदी , अंग्रेजी , तमिल , मलयालम, पंजाबी आदि भाषाओं की अनेकों फिल्मों और टी वी शो में अभिनय किया है। १९९७ में फिल्म "हिमालय पुत्र " से अपना फ़िल्मी सफर शुरू करने वाले अक्षय खन्ना अनेकों फिल्मों में  अभिनय कर चुके हैं । उनकी पिछली फ़िल्में थी ढिशूम, मॉम और इत्तेफ़ाक़। फ्रेंच , इंग्लिश , जर्मन, स्पैनिश , हिंदी, मराठी और बंगाली भाषाओं को बोलने वाली  जर्मन अभिनेत्री सुज़ैन बेर्नेट ने अनेकों फिल्मों और टी वी धारावाहिकों में अभिनय किया है. "लिपस्टिक अण्डर मॉय बुर्का " जैसी चर्चित फिल्म में अभिनय कर चुकी अभिनेत्री आहना कुमार ने अनेकों ऐड फिल्मों, शार्ट फिल्मों , फीचर फिल्मों , वेब सीरीज़ और टी वी धारावाहिकों में अभिनय किया है। अभिनेता अर्जुन माथुर ने अपना कॅरियर शुरू किया "क्यों हो गया न " "मंगल पाण्डेय :द राइजिंग" "रँग दे बसन्ती " "बँटी और बबली " आदि आदि फिल्मों में सहायक के रूप में।  इन्होंने 
पॉजिटिव , लक बॉय चांस, बारह आना, माय नेम इज खान,आई एम आदि फिल्मों के अलावा कई ऐड फिल्मों में भी काम किया है।  

"द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर" फिल्म की कहानी घूमती है पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इर्द गिर्द। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( अनुपम खेर ) के  कार्यकाल में देश को  क्या - क्या उपलब्धियाँ  हासिल हुई और देश में क्या - क्या घोटाले हुए। उनके बारें में यह भी कहा गया कि, प्रधानमंत्री होते हुए उन्होंने कई गलतियां की । हालाँकि वो देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर थे लेकिन उनका देश और राजनीति पर कोई नियंत्रण नहीं था वो तो बस कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ( सुज़ैन बेर्नेट ) के हाथों की कठपुतली बन कर ही  रह गये थे।  उनके  दामन पर आरोप भी लगे लेकिन वो हमेशा चुप ही रहे। 

क्यों पीएमओ का देश पर कोई नियंत्रण नहीं था ?  पीएम की छवि क्यों खराब हुई है ? मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के कैसे रिश्ते थे ? 2009 के लोकसभा चुनाव में काँगेस की जीत का श्रेय मनमोहन सिंह को क्यों नहीं मिला ? यही सब इस फिल्म में दिखाया गया है। 

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