संगीत के लिए दुनिया में जाने-पहचाने और अंतरराष्ट्रीय संगीत प्रतिभा का एक छत के नीचे सबसे अच्छा प्रदर्शन होगा -- जैसे कि शास्त्रीय संगीत से जैज़ तक। लक्ष्मीनारायण ग्लोबल म्यूजिक फेस्टीवल का २५ वा संस्करण मुंबई के किंग सर्कल स्थित षमुखानंद हॉल में हुआ। यह कार्यक्रम भगवान येहुदी मेनुहिन के जन्म शताब्दी को समर्पित किया गया। यह २०वीं सदी के सबसे अच्छे वायलिन वादक थे।
भारतरत्न एमएस सुबुलक्ष्मीइन द्वारा साल १९९२ में वायलिन लीजेंड डॉ एल सुब्रमण्यम और विजी सुब्रमण्यम ने लक्ष्मीनायारण ग्लोबल म्यूजिक फेस्टीवल (LGMF) की स्थापना की गई । इसमें म्यूजिक इंडस्ट्री के बड़े नाम शामिल है जैसे कि येहुदी मेनुहिन, बिसमिल्लाह खान, गंगुबाई हंगल, पंडीत जसराज,जॉ़र्ज डुके, स्टेनेली क्लाके, अल-जरैयू, स्टीवन सीगल और सिम्फनी आर्केस्ट्रा।
LGMF का नाम सिर्फ संगीत समारोह के लिए सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर से प्रतिभा का प्रदर्शन और संगीत के असंख्य शैलियों के लिए एक मंच प्रदान करने में सक्षम हो गया है। इस संगीत में भारतीय शास्त्रीय (कर्नाटक और हिन्दुस्तानी), जैझ, रॉक, पश्चिमी शास्त्रीय संगीत, आर्केस्ट्रा, भारतीय लोकसंगीत, गजल, हिंदी फिल्म संगीत, पांच अलग-अलग महाद्वीपों से अलग शास्त्रीय और लोकसंगीत की शैलियां शामिल है।

कलात्मक निदेशक (LGM F) डॉ एल सुब्रमण्यम ने कहा, " हमने दो दशक के पहले इस फेस्टीवल की शुरुआत की थी, तब हमने कल्पना भी नहीं की थी कि यह कार्यक्रम वैश्विक स्तर तक पहुंच सकता है। अब इस फेस्टीवल के साथ संगीत की दुनिया के दिग्गज कलाकारों के नाम जुड़ गए है। इसलिए अपने जमाने से सबसे उत्कृष्ट संगीतकार येहुदी मेनुहिन के रजत जयंती का संस्करण मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर पार्श्वगायिका और निदेशक (LGMF) कविता कृष्णमूर्ति ने कहा,"पिछले कुछ वर्षों से इस फेस्टीवल को भारी तादाद में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और यह सब कुछ एक ही मंच पर हो रहा है। इस अकेले इवेंट के लिए २ लाख से अधिक लोग आ रहे है।
आज तक इस उत्सव का २२ देशों के ५५ शहरों में आयोजन किया गया है। इस साल बैंगलोर, मुंबई, सैन डिएगो, शिकागो और न्यूयॉर्क के साथ यह फेस्टीवल यूके और जर्मनी में पहली बार आयोजित किया जाएगा।
No comments:
Post a Comment