हिंदी फिल्म -- सुपर नानी
रिलीज़ -- ३१ अक्टूबर
निर्देशक --- इन्द्र कुमार
लेखक --- विपुल मेहता
गुजराती नाटक बा ऐ मारी बॉउंड्री पर आधारित
कलाकार -- रेखा , रणधीर कपूर , शरमन जोशी , श्वेता कुमार और अनुपम खेर।
संगीत -- हर्षित सक्सेना और संजीव दर्शन
निर्देशक इन्द्र कुमार ने एक निर्देशक के तौर पर अनेकों हिट फिल्मों का निर्देशन किया है। दिल, बेटा, राजा, इश्क, मन, मस्ती, धमाल आदि फिल्में इंद्र की ही हैं। पिछले दिनों उनकी फिल्म "ग्रांड मस्ती " (एडल्ट सेक्स कॉमेडी ) ने हालांकि बहुत कमाई की लेकिन इस फिल्म को अच्छे दर्शकों ने ना के बराबर देखा। इस सेक्स कॉमेडी के बाद अब आ रही है फिल्म "सुपर नानी " जिसमें सभी महिलाओं को यह सन्देश स्पष्ट रूप से दिया गया है कि उनकी शक्ति स्वयं के भीतर ही निहित है बस जरुरत है उसे खोज कर प्रयोग में लाने की।
सन १९६६ में तेलुगु फिल्म "रंगुला रत्नम " से अपना अभिनय सफर शुरू करने वाली अभिनेत्री रेखा इस फिल्म में मुख्य किरदार यानि नानी का किरदार अभिनीत कर रही हैं। इस फिल्म से पहले उनकी सन २०१० में फिल्म आयी थी "सदियाँ " में काम किया था . इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को लांच किया गया था।
रेखा और रणधीर कपूर एक साथ फिर इस फिल्म में हैं अब तक दोनों करीब १३ फिल्मों में एक साथ काम कर चुके हैं. सबसे पहले इन दोनों ने १९७२ में फिल्म 'रामपुर का लक्ष्मण' में काम किया था। इस फिल्म का गीत "गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम " आज भी लोकप्रिय है।
अभिनेता शरमन जोशी ने १९९९ में फिल्म "गॉड मदर " से अभिनय सफर शुरू किया। कई फिल्मों में उन्होंने यादगार भूमिका की. रंग दे बसंती, ढोल, गोलमाल, थ्री इडियट, फरारी की सवारी आदि उनकी प्रमुख फिल्में हैं।
अनुपम खेर ने रेखा के बचपन के दोस्त और फिल्म निर्देशक की भूमिका अभिनीत की है।
अभिनेत्री श्वेता कुमार निर्देशक इंद्र कुमार की बेटी हैं। हिमेश रेशमिया की फिल्म "क़र्ज़ " उनकी पहली फिल्म थी।
फिल्म "सुपर नानी " की कहानी भारती भाटिया (रेखा ) के इर्द गिर्द घूमती है। जो कि हर पल अपने परिवार की खुशहाली के लिए ही सोचती है अपने पारिवारिक मूल्यों का पालन करते हुए अपने बच्चों की परवरिश करती है। उसके परिवार में उसका पति (रणधीर कपूर ) जो कि बिजनिस मैन है और उसका बेटा (राजेश कुमार ) जो कि शेयर बाज़ार में काम करता है। उसकी बहू जो की खुद को टी वी पर प्रसारित होने वाले डेली सोप ओपेरा की रानी समझती है। जबकि भारती अपने घर परिवार का इतना ध्यान रखती है लेकिन जैसे - जैसे उसके बच्चे बड़े होते हैं उसे पुराने ख्यालों का बता कर उसका अपमान तो करते है हैं साथ में उसका उपहास भी करते हैं। उसका पति भी उसे ताना मारता रहता है। इन सबकी निगाहों में भारती पुराने ख्यालों की है।
लेकिन भारती के जीवन में अचानक बदलाव आता है जब उसका नातिन मन (शरमन जोशी ) विदेश से पढाई करके लौटता है। उसे अपने नानी की हालत देख कर बहुत ही अफ़सोस होता है जब वो देखता है कि उसकी नानी जो की घर की मुखिया है लेकिन उसकी हालत एक मजबूत महिला की बाजाय बस एक डोर मेट की तरह हो गयी है। वो अपनी नानी की उबाऊ जिंदगी में पुन: रंग भरने की कोशिश करता है। वो भारती में एक उम्मीद जगाता है और उससे कहता है कि घर वालों को बदलने की जगह नानी खुद को बदलना होगा। ६० साल की उम्र में आज भी वो सब कुछ कर सकती है। मन उसका पूरा हुलिया बदल देता है यही नही वो अपनी नानी को आधुनिक कपड़े पहनने को कहता है अलग - अलग परिधानों में उसकी फोटो खींच कर विभिन्न एड एजेंसी में भेजता है।
इसका परिणाम होता है कि उसे डिटर्जेन्ट पाउडर का एड मिल जाता है. भारती डिटर्जेन्ट पाउडर की ब्रांड बन जाती है। अब घर और बाहर सब जगह भारती ही भारती दिखाई देनी लगती है। जो चेहरा घर के एक कोने में दिखाई देता था आज उसे लोग हर घर में पहचानने लगते हैं। लेकिन इसके सबके बावजूद घर वाले उससे खुश होने की वजह उसका और भी अपमान करते हैं। वो उसके आधुनिक कपडे पहनने और एड में काम करने के खिलाफ हो जाते हैं।
भारती भाटिया की जिंदगी की यात्रा देखकर निश्चित रूप से दर्शकों को अनुभव हासिल करेगें। कैसे वो आम भारतीय आदर्श गृहिणी से एक लोकप्रिय चेहरा बन जाती है ?
फिल्म का संगीत ठीक -ठाक है. लेकिन ज्यादा लोकप्रिय हुआ. माहेरु रोमांटिक गीत है. कुल ५ गीत हैं फिल्म में।
पूरी तरह यह फिल्म रेखा की ही फिल्म है। शुरू में सीधी सादी बाद में आधुनिक अवतार में भी दिखाई देंगी रेखा। कभी बिग बी की तरह , कभी मधुबाला और कभी मदर इंडिया की नर्गिस की तरह भी दर्शक उन्हें देख सकते हैं।
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