हिंदी फिल्म --- हैदर
रिलीज़ --- २ अक्टूबर
निर्माता -- विशाल भारद्वाज और सिद्धार्थ रॉय कूपर
निर्देशक -- विशाल भारद्वाज
लेखक --- बशारत पीर और विशाल भारद्वाज
विलियम शेक्सपीयर के नाटक हैमलेट पर आधारित
कलाकार -- शाहिद कपूर , तब्बू , इरफ़ान, के के मेनन , श्रद्धा कपूर , कुलभूषण खरबंदा , ललित पारिमू , आशीष विद्यार्थी , आमिर बशीर ,सुमित कौल और रजत भगत।
संगीत ---विशाल भारद्वाज
गीतकार -- गुलज़ार
संगीतकार से फिल्म निर्देशक बने विशाल भारद्वाज ने अनेकों फिल्मों में एक संगीतकार के रूप में संगीत दिया और शोहरत पायी लेकिन सन २००२ में उन्होंने बाल फिल्म "मकड़ी " को निर्देशित किया और देश के साथ - साथ विदेशों में सराहना पायी और अवार्ड प्राप्त किये। इस फिल्म के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा और एक के बाद एक उन्होंने कई फिल्मों का निर्देशन किया। जिनमें २००३ में फिल्म "मकबूल" , २००५ में ब्लू अम्ब्रेला , २००६ में ओमकारा , २००९ में कमीने , २०१० में इश्किया , २०११ में सात खून माफ़ , २०१३ में मटरू की बिजली का मंडोला और अब यानि २०१४ में यह फिल्म 'हैदर' आदि प्रमुख हैं। विशाल भारद्वाज ने विलियम शेक्सपीयर के लिखे नाटकों पर फिल्म बनाकर उन्हें भारतीय सिनेमा में जीवंत कर दिया। विशाल भारद्वाज ने मैकबेथ पर आधारित मकबूल , ओथेलो पर आधारित ओमकारा फ़िल्में बनायी और अब हैमलेट पर ही आधारित है फिल्म " हैदर" . विशाल की इस फिल्म में भी उनके प्रिय अभिनेता और अभिनेत्री हैं जैसे -- इरफ़ान , तब्बू और शाहिद कपूर। यह तीनों पहले भी उनके साथ काम कर चुके हैं.
कश्मीर की खूबसूरत घाटी में फिल्मायी इस "हैदर" फिल्म की कहानी इस प्रकार है --- युवा हैदर ( शाहिद कपूर ) अपने पिता (इरफ़ान खान ) के लापता होने की खबर पाकर अपने घर कश्मीर वापस लौटता है. इतना ही नहीं उसे यह भी पता चलता है कि आतंकवादियों को शरण देने की वजह से ही सुरक्षा बलों ने उसके पिता को हिरासत में लिया है। इसके ही साथ उसे यह भी पता चलता है कि उसकी मां गज़ाला ( तब्बू ) के रिश्ते उसके अपने ही अपने चाचा ( के के मेनन ) से ही हैं और उन दोनों का निकाह भी होने वाला है।वह अपनी माँ और अपने चाचा के इस रिश्ते से ज़रा भी खुश नही है।
कुछ दिनों के बाद उसे पता चलता है कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है यह खबर सुनकर वो बहुत रोता है और एक दम से भीतर ही भीतर वो टूट जाता है। लेकिन कुछ दिनों के बाद उसे अपने पिता का भूत दिखाई देना शुरू हो जाता है और वो उसे बताता है कि उंसकी माँ और चाचा ने ही मिलकर उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की है. बस फिर क्या होता है हैदर इस खबर की तह में जाता है और हकीकत जानकर अपने पिता की हत्या का बदला अपने चाचा से लेता है। अर्शिया (श्रद्धा कपूर ) पत्रकार है वो हैदर से प्यार करती है और वो उसकी हर सम्भव मदद भी करती है।
इस फिल्म के लिए अभिनेता शाहिद ने अपने बालों की परवाह न करते हुए नया लुक अपनाया है. श्रद्धा और शाहिद के बीच हुए एक लिप लॉक सीन की भी बहुत चर्चा हो रही है। "मकबूल" फिल्म के बाद तब्बू और इरफ़ान दोनों ही एक साथ इस फिल्म में हैं। इसके अलावा तब्बू ने अपनी आवाज़ में एक गाना भी गाया है. इसके अलावा श्रद्धा कपूर ने भी सुरेश वाडेकर के साथ कश्मीरी लोक गीत "दो जहाँ " गाया है। इस फिल्म में अलग - अलग मूड के ९ गीत हैं। फिल्म के सभी गीत लोकप्रिय हैं आओ न (विशाल डडलानी ) बिस्मिल ( सुखविंदर सिंह ) खुल कभी ( अरिजीत सिंह ) गुलों में रंग भरे ( अरिजीत सिंह ) एक और बिस्मिल ( सुखविंदर सिंह ) झेलम (विशाल भारद्वाज ) आज के नाम ( रेखा भारद्वाज ) सो जाओ ( आलाप मजगावकर , सौरभ जोशी , मयूख सरकार , मुज़म्मिल भवानी , बशीर भवानी और बशीर लोने )
फिल्म क्योंकि कश्मीर पर बेस है तो फिल्म में कश्मीरी लोक संगीत और नृत्य भी है।
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