रिलीज़- १७ अक्टूबर
बैनर - रोहन सिप्पी एंटरटेनमेंट
निर्माता - रमेश सिप्पी , कामिया मल्होत्रा, रूपा डे चौधरी , रोहन सिप्पी
लेखक और निर्देशक --- चारुदत्त आचार्य
कलाकार - रिया चक्रवर्ती , अली फैज़ल , राघव जुयाल , अनुपम खेर , स्वानन्द किरकिरे और स्मिता जयकर
संगीत - डेनियल बी जार्ज, माइकी मैकलरी ,अमजद नदीम , अंकित तिवारी और राघव सचार
गीतकार -- समीर , कौसर मुनीर , कुमार , स्वानन्द किरकिरे और डेनियल बी जार्ज
निर्देशक चारुदत्त आचार्या ने रोहन सिप्पी की "दम मारो दम " और "नौटंकी साला " आदि दोनों फिल्मों की पटकथा लिखी है । अपनी इस फिल्म के बारें में निर्देशक चारुदत्त कहते हैं कि यह फिल्मउनके जिंदगी की असली सच्चाई को बयां करती है। वो बताते हैं कि कुछ साल पहले की बात है मुझे अपने निर्माता को एक स्क्रिप्ट भेजनी थी लेकिन मेरा इंटरनेट कनेक्शन काम नही कर रहा था.मैं बहुत परेशान था काम बहुत ही जरुरी था मुझे एक १८ साल की लड़की का फोन नंबर याद आया जो कि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड कराती थी। मुझे लगा नही था कि देर रात में वो मेरा फोन उठायेगी। मैंने उसे फोन किया और उससे इंटरनेट की समस्या बतायी और कहा कि "कल तुम सब मेरी मैय्यत में आ जाना " उसने मेरी बात सुनी और अपने यहाँ के लड़के भेज कर मेरा नेट कनेक्शन ठीककरा दिया। मैं उसके काम से बहुत प्रभावित हुआ बस इस तरह से मेरी फिल्म की मुख्य नायिका सोनाली का जन्म हुआ।
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने अपना अभिनय सफर शुरू किया २०१२ में तेलुगु फिल्म 'तुनीगा तुनीगा' से. इससे पहले बंगलौर में जन्मी रिया ने सन २००९ में एम टी वी इंडिया के रियल्टी शो "टी वी एस स्कूटी - टीन दिवा " में हिस्सा लिया और पहली रनर अप बनी। इसके बाद उन्होंने वी जे के रूप में भी कई कार्यक्रमों में काम किया। उनकी पहली हिंदी फिल्म आयी २०१३ में "मेरे डैड कीमारुति " .
देहरादून के राघव जुयाल की यह पहली फिल्म है। इस फिल्म के अलावा वो ए बी सी डी - २ में भी काम कर रहे हैं। ज़ी टी वी डांस रियल्टी शो से लोकप्रिय हुए राघव एक कोरियोग्राफर हैं
मुंबई के इंटरनेट ब्रॉडबैंड वॉर की कहानी है फिल्म "सोनाली केबल " की। यह फिल्म केवल सिर्फ कॉर्पोरेट वर्ल्ड की कहानी ही बयां नहीं करती है बल्कि आज के उन प्रगतिशील युवाओं की कहानी भीकहती है जो अभावों के बावजूद कुछ कर दिखाने का दमखम रखते हैं।
ऐसी ही एक लड़की है सोनाली ( रिया चक्रवर्ती )जो दसवीं तक पढ़ी है और एक इन्टरनेट सर्विस सेंटर चलाती है। गरीबी के कारण वह ज्यादा पढ़ लिख तो नहीं पायी मगर उसका जज्बा देखने लायकहै। इंटरनेट ऑपरेटर सोनाली का इंटरनेट का काम खासा अच्छा चल रहा है क्योंकि वो अपने हर ग्राहक की जरुरत को ध्यान में रखती है और खुद व्यक्तिगत रूप से उनकी समस्याओं को सुलझाती है। सोनाली के इस इंटरनेट के काम में उसके सहायक सारे लड़के ही हैं । उसकी इंटरनेट सर्विस से सभी ग्राहक खुश है और इससे वो भी खुश है। लेकिन तभी शाइनिंग इंटरनेट ब्रॉडबैंड नाम की कंपनीसामने आती है जिसके मालिक वाघेला (अनुपम खेर ) हैं वो चाहते हैं कि कुछ ऐसा हो जिससे इस इंटरनेट के बिजनिस से सोनाली केबल गायब हो जाये जिससे बस शाइनिंग इंटरनेट ब्रॉडबैंड कीमनमर्जी चले । लेकिन सोनाली वाघेला की बात नही मानती और पहले की तरह ही अपना काम दिल लगा कर करती ही है साथ में कॉर्पोरेट जग़त के ख़िलाफ़ एक मुहिम छेड़ देती है. सोनाली की यहबात वाघेला को पसंद नही आती.
सोनाली के बचपन का दोस्त रघु (अली फैज़ल ) यूनाइटेड स्टेट्स से वापस इंडिया आता है और सोनाली को उसका बिजनिस आगे बढ़ाने के लिये उत्साहित तो करता ही है साथ में जब वाघेलासोनाली को परेशान करता है तो वो सोनाली के समर्थन में आगे आता है।
क्या होता है क्या वाघेला सोनाली को उसकी इन्टरनेट सर्विस सेंटर बंद करने पर मजबूर कर देता है ? या वो खुद ही सोनाली झुक जाता है ? क्या होता है इन दोनों के बीच ? क्या आम इंसानपिसता है इनकी लड़ाई के बीच ? क्या होता है सोनाली केबल का अंजाम ?
एक मुलाकात, गुन्नू रॉक्स,चींटी चींटी बैंग बैंग, मौसम ये क्यों बदल गया, सपने अपने,सिक्के आदि गीत हैं फिल्म में। सुनने में सभी ठीक ठाक हैं।
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