रिलीज़ -- १३ सितम्बर
बैनर --- बालाजी मोशन पिक्चर्स , ऑल्ट एंटरटेनमेन्ट , ज़ी स्टुडियोज
निर्माता -- एकता कपूर , शोभा कपूर, नचिकेत पंतवैद्या
निर्देशक -- राज शांडिल्य
संवाद -- राज शांडिल्य
स्क्रीनप्ले -- निर्माण डी सिंह , राज शांडिल्य
कलाकार -- आयुष्मान खुराना, नुसरत भरुचा, अन्नू कपूर, मंजोत सिंह , विजयराज, राजेश शर्मा
बैक ग्रॉउंड स्कोर -- अभिषेक अरोरा
संगीत -- मीत ब्रदर्स
गीत -- कुमार , शब्बीर अहमद
आवाज़ --- मीत ब्रदर्स, नकाश अज़ीज़ ,जोनिता गाँधी ,अमित गुप्ता , ज्योतिका टंगरी,मिका सिंह ,अल्तमश फ़रीदी , पलक मुच्छल
१९७७ में भी ड्रीम गर्ल " नाम से एक फिल्म आयी थी। इस फिल्म में हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की जोड़ी थी , निर्देशक थे प्रमोद चक्रवर्ती। इस फिल्म में अभिनेता रितेश देशमुख भी एक गीत में दिखाई देंगें। लेखक और निर्देशक राज शांडिल्य ने लोकप्रिय हास्य धारावाहिक "कॉमेडी सर्कस" को लिखा है। राज शांडिल्य ने २०१३ में ६२५ स्क्रिप्ट लिख कर लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है। राज शांडिल्य ने इस्सक ( २०१३ ) हैप्पी न्यू ईयर ( २०१४ ) वैलकम बैक ( २०१५ ) फ्रीकी अली ( २०१६ ) भूमि ( २०१७ ) जबरिया जोड़ी ( २०१९ ) आदि फिल्मों को भी लिखा है.
अभिनेता, कवि, गायक आयुष्मान खुराना ने अपने अभिनय की शुरुआत की फिल्म "विकी डोनर " ( २०१२ ) से। इसके बाद आयुष्मान ने २०१३ में नौटंकीसाला २०१४ में बेवक़ूफ़ियाँ २०१५ में हवाईज़ादा, दम लगा के हईशा २०१७ में मेरी प्यारी बिंदु , बरेली की बर्फी , शुभ मंगल सावधान ,अंधाधुन , बधाई हो , आर्टिकल १५ आदि फिल्मों में अभिनय किया है । फिल्म "विकी डोनर" से लेकर "अंधाधुन" तक आयी सभी फिल्मों में आयुष्मान ने अभिनय तो किया ही है साथ ही सभी फिल्मों में गीतों को गाया भी है। आयुष्मान को फिल्म "अंधाधुन" के लिए राष्ट्रीय पुरूस्कार भी मिला है। नुसरत भरुचा ने लव सेक्स और धोखा ( २०१० ) प्यार का पंचनामा ( २०११ ) आकाश वानी ( २०१३ ) प्यार का पंचनामा - २ ( २०१५ ) सोनू के टीटू की स्वीटी ( २०१८ ) फिल्मों में अभिनय किया है। 'विक्की डोनर' में डॉक्टर बलदेव चड्ढा की भूमिका को जीवंत बनाने वाले अन्नू कपूर इस फिल्म में आयुष्मान के पिता की भूमिका में दिखेंगे।
फिल्म "ड्रीम गर्ल" फिल्म की कहानी है एक छोटे शहर की। जहाँ लोकेश बिष्ट ( आयुष्मान खुराना ) को हुनर है लड़कियों की आवाज़ में बात करने का। लोकेश की माँ ने चाह की , कि उनके घर में लड़का पैदा हो और हुआ भी लेकिन उसमें कुछ गुण लड़कियों वाले भी आ गये। लोकेश शहर में होने वाली राम लीला में सीता और कृष्ण लीला में हमेशा राधा का किरदार अभिनीत करते हैं। लोकेश एक फीमेल फ्रेंडशिप कॉल सेंटर में जॉब करना शुरू कर देते हैं. इस कॉल सेंटर में लोकेश "पूजा" बनकर कॉलर्स से बात करने लगते हैं और देखते ही देखते वे इस कॉल सेंटर के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला टेलिकॉलर बन जाते हैं. पुरुषों से बात करते करते -- करते उन्हें पता ही नहीं चलता कि वो कितने पुरुषों की "ड्रीम गर्ल " बन जाते हैं। परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि शहर में बस चर्चा है तो पूजा की क्योंकि हर कोई पूजा से शादी करना चाहता है।
कैसे लोकेश इस चक्कर से निकलते हैं ? क्या होता है जब सबको पता चलता है कि उनकी ड्रीम गर्ल कोई लड़की नहीं बल्कि एक लड़का है जो लड़की की आवाज़ में उनसे मीठी मीठी बातें किया करता था। यही इस फिल्म में दिखाया गया है।
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