Monday, September 24, 2018

मेरी माँ ने हमेशा बहुत उम्दा परवरिश दी है - काजोल



हेलीकाप्टर ईला नाम कैसे पड़ा ?
अरे अजय देवगन के प्रोडक्शन में फिल्म बनी है , वो खुद मोटर साइकिल लेकर आये थेफिर घोड़ों पर आयेतो उसी हिसाब से अबहेलीकाप्टर ईला  रही हैवैसे जो भागती दौड़ती माँ होती हैउन्हें हेलीकाप्टर मॉम कह्ते हैंवहीँ से ये बात आयी है . वैसे भी ये ईला पूरेटाइम बच्चे के ऊपर ध्यान देती रहती है

आपकी मम्मी ईला की तरह थी ?
मम्मी ईला की तरह तो नहीं थीमेरी माँ ने हमेशा बहुत उम्दा परवरिश दी हैमैं कोशिश करती हूँ की मेरे बच्चों की परवरिश भी कुछ वैसी होमेरी मम्मी ने हमेशा मुझे हर तरह से सपोर्ट किया है . 

बच्चों को डिजिटल माहौल में कैसे समझाते हैं ?
हमने बच्चों को कोशिश की है की वो हर तरह की बातों को समझ सकेंमाता पिता को ये बात बच्चों तक सही तरीके से भेजनी चाहिएमेराबेटा भी अक्सर इनकम टैक्सया जीएसटी  जैसी बातें पूछता रहता हैउन्हें जो भी बातें सुनने को मिलती हैंवो उसका सवाल जरूर पूछतेहैं

रिद्धि के बारे में थोड़ा बताएं ?
रिद्धि के बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था , लेकिन जैसे जैसे शूट करते गएउसकी प्रतिभा के बारे में पता चलाअच्छा अभनेता है औरकहानी की समझ है . 

फिल्म में क्लासरूम में आप गयीं हैं ?
क्लासरूम में जाना अलग ही अनुभव थासबलोग शूट में व्यस्त  थे , वैसे तो ये शूटिंग थी लेकिन पूरी क्लासरूम की फीलिंग थी

हेलीकाप्टर ईला कब शुरू हुयी ?
स्क्रिप्ट सुनते ही मैंने कह दिया था की मैं ये फिल्म कर रही हूँइसकी लिखावट कमाल की थीमुझे इसकी कहानी से लेकर शूटिंग तकसबकुछ पसंद आयी . ये ऐसा किरदार है जिससे सबकोई रिलेट कर सकता है

गाना आपका पसंदीदा?
मुझे सब गाने अच्छे लगेऔर इसका 'यादों की आलमारीगाना मुझे बेहद पसंद है

स्कूल में आपकी टिफिन आती थी ?
मेरा ज्यादातर डब्बा नहीं आता था , अक्सर मैं डब्बा भूल जाया करती थी , डब्बे की यादें बहुत है

अमिताभ बच्चन के साथ शॉट है ?
मैं तो नहीं हूँ उस सीन मेंलेकिन अमित जी ने एक स्पेशल अपीयरेंस दिया है , अमित जी की मौजूदगी ने इसको और भी खिला दिया है .

बच्चों को ट्रेलर कैसा लगा ?
बच्चों को ट्रेलर बहुत बढ़िया लगालेकिन जहां मेरी आँखों से आंसू आने लगता है तो वो गुस्सा भी हो जाते हैं की वो कौन लड़का है जिसनेमेरी मम्मी को रुलाया . 

आगामी फिल्म ?
अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हैबस हेलीकाप्टर ईला के प्रोमोशन चल रहे हैं , बातचीत चल रही है , लेकिन अभी तक कुछ भी निर्धारित नहींहुआ है.  आजकल कहानियां किरदार के हिसाब से लिखी जा रही हैंअलग अलग विधाएँ भी  गयी हैं

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