Thursday, September 20, 2018

कहानी -- हिंदी फिल्म -- बत्ती गुल मीटर चालू

कहानी -- हिंदी फिल्म -- बत्ती गुल मीटर चालू 
रिलीज़  -- २१ सितम्बर 
बैनर -- टी सीरीज़ फिल्म्स , कृति पिक्चर्स
निर्माता -- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, श्री नारायण सिंह, कुसुम अरोरा, निशांत पिट्टी  
निर्देशक -- श्री नारायण सिंह 
लेखक -- सिद्धार्थ सिंह ,गरिमा वहाल  
संवाद -- विपुल के रावल,गरिमा वहाल   
कलाकार -- शाहिद कपूर, श्रद्धा कपूर, यामी  गौतम और दिव्येंदु शर्मा
संगीत --अनु मलिक , रोचक कोहली, सचेत -  परम्परा 
गीत -- मनोज मुन्तशिर , सिद्धार्थ और गरिमा 
आवाज़ --नकाश अज़ीज़, राहत फतेह अली खान, आतिफ़ असलम,अरिजीत सिंह,मिका सिंह, प्रकृति कक्कड़, सचेत टंडन        
 
ए वेडनेस डे, गाँधी टू हिटलर, बेबी, स्पेशल २६, धोनी - द अनटोल्ड स्टोरी,रुस्तम, टॉयलेट - एक प्रेम कथा आदि अनेकों फिल्मों में एडिटर का काम कर चुके श्री नारायण सिंह ने एक निर्देशक के रूप में पहली फिल्म बनाई २०१२ में यह जो मोहब्बत है और फिर २०१७ में टॉयलेट - एक प्रेम कथा, यह फिल्म "बत्ती गुल मीटर चालू " उनकी तीसरी फिल्म है। इसी साल यानि २०१८ में अभिनेता शाहिद कपूर की फिल्म आयी "पदमावत "  और अब इसी साल उनकी आने वाली यह दूसरी फिल्म है। शाहिद ने रंगून , उड़ता पंजाब, हैदर,आर.... राजकुमार , फटा पोस्टर निकला हीरो आदि अनेकों फिल्मों में अभिनय किया है। श्रद्धा कपूर की फिल्म  "स्त्री " को दर्शकों ने काफी पसंद किया है।  श्रद्धा ने आशिकी - २ , एक विलेन ,ए  बी सी -२ , हॉफ गर्ल फ्रेंड, रॉक ऑन - २ ,बाग़ी आदि फिल्मों में काम किया है।       

फिल्म "बत्ती गुल मीटर चालू " की कहानी बिजली की समस्या पर आधारित है कि किस तरह लोग आज भी लोग बिजली की समस्या से परेशान हैं। उत्तराखंड के टिहरी जिले में फिल्मायी इस फिल्म की कहानी घूमती है  एस के उर्फ़  सुशील कुमार पंत  ( शाहिद कपूर ) नौटी यानि ललिता नौटियाल (श्रद्धा कपूर ) और त्रिपाठी (दिव्येंदु शर्मा ) के इर्द गिर्द।  ये तीनो आपस में बहुत ही पक्के दोस्त हैं। इन तीनों के परिवार भी एक दूसरे के  सुख - दुःख में हमेशा शामिल होते हैं। हँसी ख़ुशी और मजे से चल रही तीनो की जिंदगी में एक भूचाल आ जाता है. होता कुछ यूं है कि त्रिपाठी की फैक्ट्री में बिजली का बिल  ५४ लाख का आता है जबकि बिजली भी रोज़ नहीं आती। बिल का भुगतान करने में सक्षम नहीं होने पर स्थिति और परिणाम के डर से निपटने में खुद को असमर्थ समझ त्रिपाठी  आत्महत्या कर लेता है। अकस्मात  त्रिपाठी के मरने से सभी लोग बहुत दुखी होते हैं ऐसे में एस के जो कि एक वकील भी है अपने दोस्त के साथ हुए  अन्याय के खिलाफ लड़ने का फैसला करता है  और  बिजली कंपनी पर ही मुकदमा कर देता है। अपने दोस्त की तरफ से एस के मुकदमा लड़ता है और बिजली कंपनी का मुकदमा वकील गुलनार ( यामी गौतम ) लड़ती है। 

क्या एस के अपने दोस्त के साथ हुए अन्याय का बदला ले पाता है ? जब बिजली ही नहीं आती तो बिजली का बिल इतना क्यों आया ?  यही सब फ़िल्म में दिखाया गया है ।


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