ये फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा, इसमें आपका मनोरंजन बहुत होगा. फिल्म में सबकुछ नया मिलने वाला है. ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा. लिखावट भीकाफी अलग है.
मोनोलॉग है ?
हाँ लोग मुझसे पूछ रहे हैं की क्या इस फिल्म में भी मोनोलॉग है की नहीं, वो आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. फिल्म रिलीज होने दीजिये तभी पता चलेगा.
लगता है की इस तरह की कहानी के आप मास्टर बन गए हैं ?
देखिये मैं और लव सर इस तरह की फिल्म अकेले ही बनाते हैं, कोई कॉम्पिटिशन नहीं है. भाग्य का साथ मिल रहा है. हम खुश हैं की लोगों को वो मिल रहा है जो वो चाहते हैं . इस तरह की फिल्म मैं
हमेशा करता रहूँगा.
किरदार कितना अलग है ?
देखिये पंचनामा का रज्जो और इस फिल्म का सोनू , काफी अलग हैं. दोनों में कोई भी समानता नहीं है. किरदार के लिए मैं काफी वर्कशॉप करता हूँ. मेरे हर किरदार की अलग जर्नी है.
8 साल से आप लव रंजन के साथ काम कर रहे हैं ?
मैं उन्हें और वो मुझे ग्रांटेड ही लेते हैं. मैं उनके लिए एक पंचनामा बेबी हूँ. मुझे काफी तराशा है. हम
इंडस्ट्री में दरवाजे खुल गए हैं ?
बहुत से दरवाजे खुल गए हैं, लेकिन उसी समय में एक और फिल्म करते हुए मैं प्राथमिकता एक ही फिल्म को दे पाता हूँ.
सफलता के साथ विफलता भी मिलती है ?
मैंने हमेशा से ही एक तरह की फिल्में नहीं करने के फैसले में था . कई बार सफलता के साथ विफलता भी मिलती है. कांची फिल्म में भी एक रोमांटिक हीरो का काम था.वो महिला प्रधान फिल्म थी, सुभाष घई साहब के साथ काम करना था. मुझे विलेन के भी हीरो मिले हैं , लेकिन एक टाइम पर एक ही
फिल्म का चयन हो पाता है .
विलेन का काम मिला तो करेंगे ?
हाँ, जरूर करना चाहूंगा, शाहरुख सर ने डर फिल्म में बहुत अच्छा विलेन का किरदार निभाया था , मैं भी उस तरह की फिल्म करना चाहूंगा.
जर्नी को कैसे देखते हैं ?
मैं ग्वालियर से आया हूँ, मुंबई में स्ट्रगल का अलग ही मजा है , खुद के पैसों से कार खरीदने की ख़ुशी अलग ही होती है. सबकी अपनी जर्नी है, मुझे अपनी जर्नी पसंद आयी. मैं खुद को खुशकिस्मत
मानता हूँ.
No comments:
Post a Comment