Friday, February 2, 2018

कहानी -- हिंदी फिल्म --- द विंडो

हिंदी फिल्म --- द विंडो 
रिलीज़  ---- २ फरवरी 
बैनर --- एडमण्ट पिक्चर्स 
निर्माता ---  अमित जैन, सुरेश कोडनानी,स्वर्णदीप वी, नूपुर श्रीवास्तव।    
निर्देशक --- वी के चौधरी
कहानी और स्क्रीन प्ले --   वी के चौधरी
कलाकार --- अमित कुमार वशिष्ट, टीना सिंह, प्रीति शर्मा,ध्रुव तिवारी,गुड्डू देवांगन,प्रवीण माहेश्वरी,अतुल हनवत,रवि पाटिल,सयोनी मिश्रा        
संगीत -- कस्तूरी नाथ सिंह और विशाल जे सिंह 

सस्पेंस और थ्रिलर फिल्म "द विंडो " निर्देशक वी के चौधरी की पहली ही फीचर फिल्म है लेकिन इससे पहले उन्होंने  २ एड फ़िल्में,२ म्यूजिक वीडियो और ४ वृतचित्र बनाये हैं इसके अलावा वी के चौधरी ने ३ किताबें भी लिखी हैं. अभिनेता अमित कुमार वशिष्ट की "द विंडो " तीसरी फिल्म है. इससे पहले अमित ने सात उचक्कें (२०१६ ) और कुला (२०१६ ) आदि दो फिल्मों में काम किया है। मॉडल और अभिनेत्री टीना सिंह को यूं तो दर्शकों ने अनेकों विज्ञापन फिल्मों में देखा ही होगा।  फिल्म की बात करें तो सबसे पहले टीना ने फिल्म "फितूर " में कैमियो किया था। टीना ने ए आर मुरुगादॉस की फिल्म "अकीरा " में भी अभिनय किया. इसके अलावा टीना ने साइंस फिक्शन टी वी सीरीज़ "सेंस ८" में भी काम किया है।  


ड्रामा , सस्पेंस और थ्रिलर फिल्म "द विंडो " की कहानी है एक लेखक लेख कपूर (अमित कुमार वशिष्ठ ) की। लेख कपूर  ३१ साल का एक प्रतिभाशाली मेहनती पटकथा लेखक है जो पारंपरिक लेखन से अलग कुछ लिखना चाहता है। बंधे बंधाई लीक से परे लेख सिनेमा के इतिहास में अपना एक अलग मुकाम हासिल करना चाहता है। लेकिन उसकी राह में कई मुश्किलें हैं। यही नहीं  लेख अपने वैवाहिक जीवन से भी बिलकुल खुश नहीं है। लेख की पत्नी आयशा (प्रीती शर्मा) और उसके बीच सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं। इन्हीं परिस्थितयों के बीच उसे एक ब्लॉक बस्टर तमिल फिल्म की रीमेक लिखने का काम मिलता है। लेख को अपने घर की खिड़की से दूर दूसरे फ्लैट में एक लड़की दिखाई देती है। अजनबी और रहस्यमयी लड़की माया ( टीना सिंह ) के बुलाने से लेख उसके पास जाता है और बस वो लड़की उसका जूनून बन जाती है। एक बार फिर लेख अपनी राह से, अपने उद्देश्य से भटक जाता है क्योंकि वो माया की उलझनों में घिर जाता है , माया के भाई ने माया को घर में बंदी बना रखा है और लेख उसे उसके भाई के चँगुल से छुड़ाने में जी जान से लग जाता है।  

ऐसे में क्या होता है लेख के साथ ? क्या लेख माया की उलझन में फँस कर पटकथा लिखने का काम कर पाता है ? कहीं माया उसे किसी दूसरी उलझनों में तो नहीं उलझा रही ? 
जानने के लिए देखिए फिल्म  "द विंडो "

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