Monday, February 26, 2018

निर्माता प्रदीप शर्मा की पहली भोजपुरी फ़िल्म डमरू आई एम डी बी पर पिछले पांच हफ़्तों से टॉप पर




निर्माता प्रदीप शर्मा की पहली भोजपुरी फ़िल्म

डमरू आई एम डी बी पर पिछले पांच हफ़्तों 
से टॉप पर है। भोजपुरी फिल्म डमरू एक 
भक्त और भगवान शिव पे विश्वास की कहानी 
है। ये किरदार कियाहै भोजपुरी के जानेमाने
 एक्टर खेसारी लाल यादव ने। इस भक्त की 
भक्ति  देखकर ख़ुद भगवान शिव को धरती 
पर आना पड़ता है। बाबा मोशन पिक्चर्स के 
बैनर तले इस फ़िल्म का निर्माण किया 
है प्रदीप शर्मा ने। इस फिल्म का संगीत ,
कहानी और निर्देशन किया है  जाने-माने 
निर्देशक रजनीश मिश्रा ने। खेसारी लाल यादव 
हीरो हैं ,पंजाब की रहने वाली याशिका कपूर 
हीरोइन हैं। निर्माता प्रदीप 
शर्मा ने इस फिल्म के पहले दो हिंदी फ़िल्म भी बनाई थी -डायरेक्ट इश्क और एक तेरा साथ। 
अभी इस भोजपुरी फ़िल्म के अलावा एक मराठी फ़िल्म भी बना रहे हैं जिसका नाम है माझा 
बाइकोचा प्रियकर। ये भोजपुरी फ़िल्म का ट्रेलर भी लॉन्च हो गया है। ये फिल्म आई एम डी बी 
पर पिछले पांच हफ़्तों से टॉप पर है और हिंदी फ़िल्म बाग़ी २ ,हेट स्टोरी ४ और हिचकी को 
पीछे छोड़ दिया है। डमरू ५ अप्रैल को पुरे भारत में एक साथ रिलीज़ होगी जिसकी 
शूटिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मुंबई में हुई है। 

Sunday, February 25, 2018

सीरियल ‘वीरा’ के रणविजय यानि भावेश बालचंदानी ने नामकरण में

भावेश बालचंदानी, जिन्हे आपने वीरा सीरियल में रणविजय के रुप में देखा है, उन्होंने बिग मैजिक का शो बाल कृष्णा में कृष्णा का रोल निभाया था और अब नामकरण में अपने वास्तविक जीवन से विपरीत भूमिका में नजर आने वाले है। स्टार प्लस पर शो नामकरण सोमवार से शुक्रवार ९ बजे प्रसारित हो रहा है। शो ५  वर्ष की छलांग ले रहा है। 

मैं अपने वास्तविक जीवन से पूरी तरह से विपरीत भूमिका निभा रहा हूं .. क्योंकि मेरा किताबों में इतना रूझान नहीं है और मुझे एक किताबी कीड़ा होना है, इसलिए बहुत उत्साहित हूँ।

Friday, February 23, 2018

चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी औफ इंडिया के चेयरमैन मुकेश खन्ना ने दिया त्यागपत्र सूचना प्रसारण मंत्रालय की अनदेखी के चलते

चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी औफ इंडिया के चेयरमैन मुकेश खन्ना ने तो अपना कार्यकाल खत्म होने के दो माह पहले ही सूचना प्रसारण मंत्रालय व केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी की कार्यशैली के विरोध में त्यागपत्र दे दिया.

कई फिल्मों के अलावा कई सीरियलों में अभिनय कर चुके मुकेश खन्ना की पहचान ‘शक्तिमान’ के रूप में होती है. मुकेश खन्ना ने बच्चों के लिए ‘शक्तिमान’ नामक सीरियल का निर्माण और उसमें पहले भारतीय सुपर हीरो शक्तिमान का मुख्य किरदार भी निभाया था. यह सीरियल पूरे सात वर्ष तक प्रसारित हुआ. आज भी ‘शक्तिमान’ बच्चों का सबसे पसंदीदा सीरियल माना जाता है.
लगभग तीन वर्ष पहले जब मुकेश खन्ना को ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ का चेयरमैन बनाया गया था, तब उम्मीद जगी थी कि अब बच्चों के लिए कुछ बेहतरीन फिल्मों का निर्माण ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ करेगी. मगर परिणाम वही ढाक के तीन पात रहे. अब अपने पद से त्यागपत्र देने के बाद मुकेश खन्ना ने बताया कि उन्हे बच्चों के लिए बेहतर काम करने के लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय और इस मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों से आपेक्षित सहयोग नहीं मिला. मुकेश खन्ना का दावा है कि उनके हर कदम का विरोध किया गया.
मुकेश खन्ना कहते हैं- ‘‘केंद्र में नई सरकार बनने के बाद मेरे पास ‘पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट’ और ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ में से किसी एक का चेयरमैन बनने का प्रस्ताव आया था. मैने बड़ी विनम्रता से इंकार कर दिया था. उसके बाद मेरे पास ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ का चेयरमैन बनने का प्रस्ताव आया. दो दिन मैने सोचा, तो मुझे लगा कि ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ से जुड़कर मैं बच्चों के लिए कुछ अच्छी फिल्मों का निर्माण कर सकता हूं.’’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं- ‘‘मगर मेरे अनुभव बहुत ही खराब व दुःखदायी रहे. ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ का चेयरमैन बनने के बाद मैने पाया कि हालात ऐसे हैं कि कोई भी चेयरमैन बच्चों के लिए कुछ कर ही नहीं सकता. मैने देखा कि ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ ने अब तक 260 फिल्मों का निर्माण किया है, पर सभी ‘कलात्मक सिनेमा’ और ‘फेस्टिवल’ वाली फिल्में है, जिन्हें बच्चें तो क्या बूढ़ा भी न देखना चाहे. मैने अपने तरीके से चीजों को सही करने का प्रयास किया. मैने सबसे पहले फिल्मों की पटकथा चयन करने वाली में बदलाव कर कुछ समझदार व अच्छे लोगों को जोडा. काफी मशक्कत के बाद करीबन 12 फिल्मों को स्वीकृति प्रदान की. इनमें से चार एनीमेशन फिल्में हैं. पर मसला बजट का अड़ गया. ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ को प्रति वर्ष फिल्मों का निर्माण करने के लिए दस करोड़ रूपए मिलते हैं. इनमें से एक करोड़ रूपए ‘उत्तरपूर्वी भारत’ की फिल्म के लिए होता है. अब आप बताएं कि इस युग में इतने कम पैसे में बेहतर सिनेमा कैसे बनेगा? खैर,हमने कुल चार फिल्मों का निर्माण किया. पर समस्या यह आ गयी कि इनका वितरण कैसे किया जाए. जब तक यह फिल्में सही ढंग से सिनेमा घरों में रिलीज नहीं होंगी, बच्चों को इन फिल्मों की जानकारी नहीं मिलेगी, बच्चे यह फिल्में नहीं देखेंगे, तब तक इनका निर्माण बेकार है. मगर फिल्म के प्रमोशन और उन्हे सिनेमाघर में रिलीज करने के लिए ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’के पास कोई बजट नही है.’’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं- ‘‘हमने इसका रास्ता निकालने के लिए प्रयास किए और बड़ी मशक्कत के बाद यह नियम बनवाया कि ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ की फिल्म को निजी निर्माता के साथ मिलकर सिनेमाघर में पहुंचाया जाए. पर इसमें भी मंत्रालय के अधिकारी कई तरह के रोड़े डालते रहते हैं.’’
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं- ‘‘जब मैने ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’’ के चेयरमैन का पद संभाला, तो उस वक्त सूचना प्रसारण मंत्री अरूण जेटली थे. उनसे मेरा परिचय ‘शक्तिमान’ के निर्माण के दौरान से रहा है. तो उन्होने मेरी बातों को सुना और उस पर अमल करने का आश्वासन दिया. पर कुछ काम होता, उससे पहले उनके हाथ से मंत्रालय चला गया. फिर वेंकैया नायडू आए. उनसे भी पहचान रही है. उन्हे भी मेरे सुझाव पसंद आए. कुछ काम हुआ भी. पर बात आगे बढ़ती, उससे पहले ही वह उपराष्ट्रपति बन गए. अब सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी आ गयी. उनके आने के बाद तो मेरे लिए काम करना बहुत मुश्किल हो गया. अब तो सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी सहित सभी कई तरह के कानून का हवाला देकर मेरे हर कदम का विरोध करने लगे. कह दिया कि फिल्म को सिनेमाघर में प्रदर्शित करने के लिए पहले टेंडर मंगवाइए, वगैरह वगैरह. मैने सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से मिलने का वक्त मांगा. मगर स्मृति जी ने मेरे पत्र को पाने की सूचना देना भी उचित नहीं समझा. पूरे चार माह तक इंतजार करने के बाद मैने ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ के चेयरमैन पद से त्यागपत्र देने का निर्णय लेते हुए अपना त्यागपत्र भेज दिया. पूरे सत्रह दिन तक मैं चुप रहा. सत्रह दिन बाद ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ के सीईओ के पास पत्र आया कि चेयरमैन के पद से मेरा त्यागपत्र मंजूर कर लिया गया है. दुःख की बात यह है कि मंत्री महोदया ने मेरा त्यागपत्र स्वीकार करने से पहले यह भी नही पूछा कि मुझे ऐसा करने की जरुरत क्यों पड़ी?
मुकेश खन्ना कहते हैं- ‘‘मैं महसूस कर रहा हूं कि यहां किसी की कोई सुनवायी नही है. जब ‘चिल्ड्रेन फिल्म सोसायटी’ के चेयरमैन को मिलने के लिए ‘सूचना प्रसारण मंत्री’ समय नहीं दे सकती, तो काम कैसे होगा? सब कुछ ठप्प सा हो गया है.’’

Thursday, February 22, 2018

कहानी --- हिंदी फिल्म -- सोनू के टीटू की स्वीटी

हिंदी फिल्म -- सोनू के टीटू की स्वीटी 
रिलीज़ -- २३ फरवरी 
बैनर -- टी सीरीज़ 
निर्माता -- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार,लव रंजन, अंकुर गर्ग। 
निर्देशन और कहानी -- लव रंजन  
लेखक -- राहुल मोदी और लव रंजन
कलाकार -- कार्तिक आर्यन, नुशरत भरुचा और सनी सिंह  
संगीत -- रोचक कोहली, यो यो हनी सिंह, अमाल मलिक,गुरु रंधावा,रजत नागपाल और ज़ैक नाइट। 
बैक ग्राउण्ड संगीत - हितेश सोनिक  
गीतकार --- कुमार, ज़ैक नाइट , स्वप्निल तिवारी,गुरु रंधावा , यो यो हनी सिंह,सिंघसत्ता,ओये शेरा।   
गायक और गायिका -- नेहा कक्कड़, यो यो हनी सिंह, अमाल मलिक, अरिजीत सिंह, गुरु रंधावा, नीति मोहन,मिका सिंह, रोचक कोहली,जैसमीन वालिया, सुकीर्ति कक्कड़ ,मन्नत नूर,नवराज हंस, सिमर कौर,  ज़ैक नाइट और ईशरस। 

एशियन एकडेमी से फिल्म और टी वी की शिक्षा लेने वाले लेखक और निर्देशक लव रंजन ने अपनी पहली फिल्म "प्यार का पंचनामा " २०११ में बनाई। इसके बाद  २०१३ में आकाश वाणी और फिर २०१५ में प्यार का पंचनामा - २ बनाई और अब उनकी यह फिल्म  "सोनू के टीटू की स्वीटी" आ रही है . इस फिल्म में भी निर्देशक लव रंजन फिल्म " प्यार का पंचनामा" की पुरानी टीम में से कार्तिक आर्यन, नुशरत भरुचा और सनी सिंह को लेकर आये हैं।  इस फिल्म से लोकप्रिय रैपर यो यो हनी सिंह भी वापस आ गये अपने श्रोताओं के लिए २ गीत लेकर , एक गीत तो सूफी गायक हंस राज हंस के गीत "दिल साडा चोरी हो गया" का रीमेक है जबकि दूसरा गीत "छोटे छोटे पैग " हनी सिंह स्टाइल का गीत है.   

अभिनेता कार्तिक रंजन ने २०११ में निर्देशक लव रंजन की ही फिल्म "प्यार का पंचनामा" से अपनी शुरुआत की। २०१३ में आकाशवाणी,२०१४ में काँची - द अनब्रेकेबिल,२०१५ में प्यार का पंचनामा - २, २०१७ में गेस्ट इन लंदन आदि फ़िल्में की हैं। टी वी और फिल्मों में अभिनय करने वाली नुशरत भरुचा ने २००२ में टी वी धारावाहिक "किटी पार्टी" और २०१० में यश राज की टेली सीरीज़ "सेवन" में भी काम किया है। अनेकों एड फिल्मों में काम कर चुकी नुशरत ने २००६ में संतोषी माँ ,२०११ में दिबाकर बनर्जी की फिल्म "लव सेक्स और धोखा और लव रंजन की फिल्म "प्यार का पंचनामा " में काम किया। इसके अलावा नुशरत ने आकाशवाणी , प्यार का पंचनामा - २ ,ताज महल (तेलुगु ) डर - द मेल ,मेरठिया गैंगेस्टर , वालीबा राजा (तमिल ) आदि फिल्मों में भी काम किया है. सनी सिंह ने बतौर बाल कलाकार भी कई टी वी धारावाहिकों ( देख भाई देख, कसौटी जिंदगी के, सास भी कभी बहू थी , रूबी और शकुंतला ) और फिल्मों ( इंग्लिश बाबू देसी मेम और पाठशाला ) में काम किया है. २०१३ में प्रणाम वालेकुम और आकाशवाणी, २०१५ में  प्यार का पंचनामा - २ आदि फिल्मों में मुख्य किरदार अभिनीत किये।

 इस रोमांटिक कॉमेडी फिल्म की कहानी ब्रोमेन्स और रोमांस के इर्द - गिर्द घूमती है. दोस्ती और प्यार के बीच छिड़ी जंग की कहानी है सोनू (कार्तिक आर्यन ) और टीटू (सनी सिंह ) की। दोनों ही बचपन के बहुत पक्के दोस्त हैं जब भी टीटू किसी परेशानी में होता है सोनू उसकी मदद करता है। यहाँ तक जब बड़े होने पर टीटू के ब्रेक अप होते हैं तब भी सोनू के कंधे का ही सहारा उसे मिलता है. ऐसे ही जब टीटू को स्वीटी (नुशरत भरुचा ) से प्यार हो जाता है और वो स्वीटी से शादी करना चाहता है तब सोनू टीटू को स्वीटी से शादी नहीं करने देना चाहता है. उसे लगता है कि स्वीटी टीटू के लिए अच्छी लड़की नहीं है जबकि स्वीटी बहुत अच्छी लड़की है, हर काम में वो निपुण है, सब काम सलीके से करती है, इसके बावजूद सोनू को स्वीटी पर संदेह होता है कि कोई इतना परफेक्ट कैसे हो सकता है ? इस वजह से सोनू परेशान हो जाता है और टीटू की शादी को तुड़वाने की हर सम्भव कोशिश करता है।   

            
 क्या सोनू अपने मकसद में कामयाब हो पाता है? क्या टीटू और स्वीटी की शादी होती है? यही इस फिल्म में दिखाया है. 


Monday, February 19, 2018

राहुल शर्मा की बीएमएम से मेडिकल तक अभिनय करने के लिए लंबी यात्रा!

यदि आप वास्तव में चाहते हैं, तो आप इसे जल्दी या बाद में अवश्य ही प्राप्त करेगें। यही मंत्र है आने वाले स्टार राहुल शर्मा का उन्होंने कसम खायी थी कि जो वो चाहते हैं उसे हासिल करके रहेगें
13 साल की कच्ची उम्र से अभिनय और मॉडलिंग में शुरुआत की थी राहुल ने,राहुल ने ९  और १०  कक्षा से अभिनय और मॉडलिंग शुरू कर दी थी ।  राहुल ने कहा, "मैं जयपुर, राजस्थान से हूं और हमारी वास्तविकताएं बहुत भिन्न हैं। मुझे पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाना था और आगे पढ़ना था, जो मुझे उम्मीद थी। इसलिए मैंने बीएमएम (बैचलर मास मीडिया) लिया।" चिकित्सा की तैयारी के लिए कोटा गया  और फिर मुंबई के मेडिकल कॉलेज के लिए प्रवेश परीक्षा दी ।

पांच बड़े संगीत वीडियो किये , जिसमें वोगो द्वारा प्रायोजित राहुल ने कृष्ण और अनगिनत फैशंस शो किए है। राहुल को पहला ब्रेक ‘एक्स रे - इनर इमेज’ में लीड स्टार के रूप में मिला।  राहुल ने याद करते हुए कहा, "मुझे अपने माता-पिता को अभिनय के क्षेत्र में आने के लिए राजी करना था और साथ ही साथ उनके 'लोग क्या कहेंगे' भय से निपटने के लिए कहा था।" मैं अन्य लोगों के बारे में नहीं सोचता था, मेरे माता-पिता क्या चाहते है? यह समझना मुश्किल था, लेकिन आखिरकार वे मेरी बात को और मेरे सपने को समझ ही गये
। "

‘एक्सरे – द इनर इमेज’ जो एक थ्रिलर है, जो राजीव एस रुइया द्वारा निर्देशित है। राहुल कहते हैं, "जीवन में कुछ भी आसान नहीं होता, मैंने सीखा है कि सफलता और मीठा का स्वाद लेता है जब इसमें कड़ी मेहनत होती है,।"

श्रीराम राघवन जैसे डायरेक्टर के साथ काम करना चाहूंगी --- कृति खरबंदा

आप गीत के किरदार में हैं ? 
फिल्म में मैं गीत का किरदार निभा रही हूँयह नाम मेरे दिल के काफी करीब है क्योंकि जब मैंने 'जब वी मेटदेखी थीतो करीना के इस नाम से मुझे प्यार हो गया था.

इस फिल्म में कोई करीना जैसा ही रोल है ?
नहीं , यह बस किरदार का नाम है , मुझे यह नाम बहुत प्यारा हैमुझे अपने  तरीके से गीत का किरदार प्ले करने का मौका मिल रहा है
 
पुलकित के साथ काम करना कैसा रहा ?
यह वीर और गीत की कहानी हैयह फिल्म कोई मैसेज देने नहीं जा रही हैयह थिएटर तक आकर मनोरंजन लेकर वापिस घर जाने वाली फिल्म हैमुझे ऐसी कहानियां पसंद हैंकई बार लोगों को हँसाना अच्छी बात होती है

शादी के बारे में क्या ख़याल है ?
मुझे लगता है की मैं शादी की ब्रांड एम्बेस्डर बनने वाली हूँपिछले 1 साल में 7 बार दुल्हन बन चुकी हूँअब कोई लुक ही नहीं बचा है और आप यकीन नहीं मानोगेहाल ही में एक बार फिर से मुझे शादी वाली स्क्रिप्ट के लिए अप्रोच किया गया है . मैंने कहा अभी दुल्हन नहीं बनूँगी

और कैसी फिल्में करना चाहती हैं ?
मैं पहले सोचती थी की मुझे ऐसा करना हैमेरी लाइफ में कुछ ऐसा हुआ कि जिसकी वजह से मैंने तय किया है की खुद को किसी बॉउंड्री में बाँध कर नहीं रखना चाहिएमुझे मौका मिले तो मैं नेगेटिव किरदार भी निभाना चाहूंगीमैं परफॉर्म करना चाहती हूँपीरियड फिल्में करना 
चाहूंगीश्रीराम राघवन जैसे डायरेक्टर के साथ काम करना चाहूंगी

कोई स्क्रिप्ट जो आपने मना की हो ?
हाँ की हैंजिंदगी में पहली बार ऐसा हुआ है मैंने 2 फिल्मों को मना किया हैमैंने मम्मी को भी बतायालेकिन उन्होंने मुझे सांत्वना दी

लोगों का कितना प्यार मिल रहा है ?
पिछले दिनों मैं एक सुपर मार्किट गयी थी और वहाँ एक आंटी आकर मुझे बोली की उन्हें मेरे जैसी बेटी चाहिएमैं बेहद खुश हुयी और मैंने ट्वीट भी किया.शादी में जरूर आना फिल्म के 
बाद और भी ज्यादा सराहना मिल रही है , लोग मेरे किरदार आरती के स्केच भी बनाते हैं
अच्छी फीलिंग है . 

आगामी फिल्म ?
मैं यमला पगला दीवाना फिर से में काम कर रही हूँ

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...