Monday, May 29, 2017

फिल्म वीरे की वेडिंग का गाना टल्ली टल्ली


Displaying rajesh ,rajat bakshi,neha kakkar,harmeet,manmeet.jpgनेहा कक्कड़  और दीप मनी ने मीत ब्रदर्स स्टूडियो में "टल्ली टल्ली" गीत राजेश बक्शी की हिंदी फिल्म वीरे की वेडिंग के लिए गाया। गीत लिखा है जाने माने गीतकार कुमार ने और संगीत दिया है मीत ब्रदर्स ने। मेक माय डे एंटरटेनमेंट के बैनर तले बन रही फिल्म के निर्माता हैं रजत बक्शी और प्रमोद गोम्बर। फिल्म के निर्देशक आशु त्रिखा हैं। राजेश बक्शी ,करन गोम्बर और चन्दन बक्शी फिल्म के सह निर्माता हैं। फिल्म के कैमरामैन हैं जॉनी लाल और स्क्रीन प्ले डायलाग लिखा है दिलीप शुक्ला ने. फिल्म का एक शेडयूल जिमी शेरगिल,युविका चौधरी के साथ हो चुका है। 

Thursday, May 25, 2017

अभिनेता विश्वजीत प्रधान की पत्नी डिजाइनर सोनालिका प्रधान ने ऑस्ट्रेलियाई टीवी सीरीज ‘नेबर्स’ का हिस्सा बनने से इनकार



Displaying vishwajeet & sonalika pradhan1.jpgअभिनेता विश्वजीत प्रधान की पत्नी विटामिन की डिजाइनर सोनालिका प्रधान ऑस्ट्रेलिया में शानदार फैशन शो कर रही हैं। वे पिछले साल मेलबॉर्न में स्थानांतरित कर चुकी हैं। हाल ही में सोनालिका और उसकी बेटी ध्रुविका को ऑस्ट्रेलियाई श्रृंखला के लिए कास्टिंग एजेंसी की तरफ से फोन आया था,जिसके तहत सोनालिका को भारतीय मां और उनकी बेटी ध्रुविका का डी पी का कैरेक्टर निभाना था। हालांकि उसने अपने वीडियो को बहुत ही देरी से भेजा था, क्योंकि अभिनय करने के बारे में निश्चित नहीं था। सोनालिका ने कहा - "मुझे अपना काम एक गैर अभिनेत्री के रूप में पसंद है और मेरे पति ने विश्वजीत प्रधान मेरी छिपी हुई प्रतिभा को उजागर करने का काम किया है।विश्वजीत अभिनय सिखाएंगे, तो मैं एक्टिंग कर सकती हूं। सोनालिका ने यह भी कहा कि विश्वजीत का पूरा ध्यान फैशन ब्रांड पर है और पूरी तरह से सक्रिय हैं। आशा करते है कि हम इस दंपती में बहुत जल्द ही किसी न किसी सीरियल में जरुर देखेंगे।

Tuesday, May 23, 2017

सनी देओल के बेटे करण दिखाएंगे सिनेमाई पर्दे पर दम

करण को लॉन्च करने के लिए जी स्टूडियोज ने सनी के साथ सहयोग किया हैदोनों ने फिल्म ‘गदर एक प्रेम कथा’ की सफलता के बाद हाथ मिलाए थे. ‘पल-पल दिल के पास’ की शूटिंग पिछले सप्ताह मनाली में शुरू हुईबॉलिवुड ऐक्टर सनी देओल के बेटे करण  देओल को लेकर लंबे वक्त से चली  रही तरह-तरह की अटकलों पर विराम लग गया है।जी हांकरण अब जल्द ही सिनेमाई पर्दे पर दम दिखाते हुए दिखेंगे। करण 'पल पल दिल के पासमूवी से इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं। इस मूवी की शूटिंग शुरू हो चुकी है। सनी देओल ने खुद ही अपने बेटे को इंडस्ट्री में लॉन्च किया है और वह इस मूवी के डायरेक्शन का प्रभार भी संभाल रहे हैं।
इस फिल्म की शूटिंग मनाली में भी होगी और सनी इसकी तैयारियों को लेकर कई दिनों से व्यस्त हैं। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट सेकरण देओल के साथ मूवी के पहले दिन की शूटिंग की तस्वीर शेयर की। सनी ने एक इमोशनल नोट लिखा। उन्होंने लिखा,'पल पल दिल के पास" है की शूटिंग शुरू  हो चुकी है।करण का शूट पर पहला दिन। मेरा बेटा अब बड़ा हो गया है।करण अभिनय की दुनिया में देओल परिवार की तीसरी पीढ़ी हैंउनके दादा धर्मेद्र और पिता सनी देओल ने   अपने शानदार अभिनय से लोगों के दिलो-दिमाग पर अमिट छाप छोड़ी है.सनी देओल निर्देशित यह फिल्म एक प्रेम कहानी हैफिल्म का नाम धर्मेद्र पर फिल्माये  गये  एक लोकप्रिय गाने ‘पल-पल दिल के पास’ पर रखा गया हैसनी ने बताया कि करण अपने फिल्मी करियर को लेकर गंभीर हैं और   उन्हें पूरा भरोसा है कि वह सभी को गौरवान्वित करेंगे.

Friday, May 19, 2017

संवाद तो उन्हें हिंदी में ही बोलने होते हैं --- इरफ़ान खान

Displaying Saba Qamar and Irrfan Khan.jpg
इरफ़ान खान की फिल्मों का इंतज़ार हर दर्शक को होता है।  जल्दी ही उनकी फिल्म "हिंदी मीडियम आने वाली है पहले उनकी फिल्म बिग बी की फिल्म "सरकार ३ " के साथ आने वाली थी लेकिन बाद में निर्माताओं ने रिलीज़ की तारीख़ एक सप्ताह बाद की निश्चित कर ली है । "हिंदी मीडियम" बॉक्स ऑफिस पर क्या करवट लेती है यह तो रिलीज़ पर ही पता चलेगा क्योंकि  पिछले साल भी इरफ़ान की फिल्म "मदारी " और अक्षय कुमार की फिल्म "रुस्तम " की रिलीज़ एक साथ ही थी। दीपिका के साथ भी इरफ़ान की एक फिल्म बनने वाली है। इसके अलावा उनके  होम प्रोडक्शन में भी दो फिल्मों की तैयारी चल रही है। इसके अलावा और भी कई अन्य बातों के बारें में इरफ़ान से खुल कर बात हुई।  पेश हैं कुछ अंश ---
 
आपकी पढ़ाई किस मीडियम में हुई ?
अंग्रेजी मीडियम  में पढ़ाई हुई है , हमारे स्कूल का नियम था कि हिंदी में  बोलने पर सजा मिलेगी और मुझे अक्सर ही सज़ा मिलती थी क्योंकि मेरी अँग्रेजी कमजोर थी। 

फ़िल्मी दुनिया में कौन सा मीडियम चलता है हिंदी या अंग्रेजी ?
स्टोरी टेलिंग में तो लोगों को मज़बूरी में हिंदी ही बोलनी पड़ती है हाँ सर्किल में तो अंग्रेजी ही चलती  है. हमारे देश के २० सफल लोगों की हम बात करें तो उनकी पढ़ाई हिंदी में ही हुई है और फिल्मों की बाते करें तो जितने भी सुपर स्टार हैं हमारे फिल्मों के,  उन सबकी हिंदी बहुत ही अच्छी है जैसे  दिलीप कुमार , अमिताभ बच्चन , राजेश खन्ना , नसीरद्दीन शाह,देव आनंद और राज कपूर।  आज के कलाकारों की बात करें तो उनकी पढ़ाई अंग्रेजी में ही हुई है तो अंग्रेजी में ही सोचते हैं हाँ संवाद तो उन्हें हिंदी में ही बोलने होते हैं। हमारी फिल्मों के गीत जो इतने लोकप्रिय  हैं वो भी  हिंदी भाषा की वजह से ही हैं। 
 
हिंदी की स्थिति इतनी ख़राब क्यों है ?
क्योंकि हमारे यहाँ लोगों का सोचना है कि अगर किसी को अंग्रेजी नहीं आती तो उसे कुछ भी  नहीं आता।  दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारे पास हिंदी मीडियम के अच्छे स्कूल ही नहीं हैं , सरकार ने भी हिंदी स्कूलों की तरफ ध्यान नहीं दिया है सब अंग्रेजी स्कूल हैं। सब लोग सोचते हैं कि हमें अपने बच्चों को अगर किसी क़ाबिल बनाना है तो उसे बस अंग्रेजी स्कूल में पढ़ना चाहिये।  
 
पिछले दिनों लाऊड स्पीकर को लेकर बहुत ट्वीट हुए, बहस हुई।  आप क्या सोचते हैं  बारें में ?
क्या हमारा समाज आवाज़ों को लेकर संवेदनशील हैं ? दूसरे देशों में हॉर्न पर पाबन्दी है जबकि हमारे यहाँ गाड़ियों के सबसे ज्यादा हॉर्न बजते हैं। हॉस्पिटल के पास में तेज़ आवाज़ में डिस्कोथिक चलता है तो क्या कभी किसी ने इसके बारें में सोचा है। क्यों किसी नागरिक को किसी आवाज़ से परेशानी होती है यह सोचने वाली बात है। उसमें सिर्फ अज़ान ही शामिल है या दूसरी आवाजों से भी दिक़्क़त है।  अगर हम आवाजों को लेकर सच में  संवेदनशील हैं तब तो बहुत सारे मुद्दें उठेंगे। 

बॉक्स ऑफिस नंबर कितना मायने रखता है  आपके लिये ?
बॉक्स ऑफिस मायने तो रखता ही है फिल्म चलेगी तो हमें हमारा पैसा भी मिलेगा ,फिल्म को दर्शक तो मिलने ही चाहिये , मुनाफ़ा मिले चाहे वो किसी भी तरह से , वैसे अब तो कई नए प्लेटफॉर्म भी हैं जिन पर फिल्मों को फायदा मिल ही जाता है। 

आप कोई बॉयोपिक भी कर रहे हैं? 
मैं बहुत सारी बॉयोपिक करना चाहता हूँ. कई नाम भी हैं मेरे दिमाग़ में लेकिन मैं  अभी उनका नाम नहीं लेना चाहता।  

मदारी के बाद होम प्रोडक्शन में भी कोई फ़िल्में बना रहे हैं?
दो स्क्रिप्ट  हैं मेरे पास, यह बिल्कुल भी जरुरी नहीं कि मैं उनमें काम करूँगा ही, अगर अच्छी भूमिका हुई चाहे छोटी ही हुई तो करूँगा।  

अन्य दूसरी कौन सी फ़िल्में आप कर रहे  हैं? 
एक टी सीरीज़ के साथ है और एक ज़ी के साथ है एक के निर्देशक अभिनय देव है और दूसरी की निर्देशक तनूजा चन्द्रा है और एक हॉलीवुड की फिल्म भी है जिसके बारें में मैं ज्यादा नहीं बात कर सकता।
आपने हमेशा कहा है कि पैसे और प्रसिद्धि से ज्यादा, आप जीवन का अनुभव करने के लिए काम करना चाहते हैं। क्या अच्छे काम का  मिलना मुश्किल बात नहीं है ?
हाँ, यह बहुत मुश्किल है पहले मैं बैचेन हो जाता था अच्छे काम के इंतज़ार में लेकिनअब ऐसा नहीं है।  मैं ईश्वर से प्रार्थना भी करता हूँ कि भगवान न करे कि मुझे कभी बस पैसे के लिए ही काम करना पड़े।

बेटे को लेकर कोई योज़ना है ?
नहीं कोई योज़ना नहीं है।  मैं उसको वो सारा माहौल दूँगा जिसकी उसे जरूरत है लेकिन सब कुछ उसे ही करना होगा अपनी योजना खुद ही बनानी होगी। 
 
दीपिका के साथ एक बार फिर काम करने जा रहे हैं क्या कुछ कहेगें आप ?
दीपिका के साथ मैं सौ बार भी काम कर सकता हूँ। उनके साथ मुझे बहुत ही ख़ूबसूरत अनुभव हुए पीकू में। 

ऑटोबायॉग्रफी लिखने का कोई विचार ?
नहीं बिल्कुल नहीं , मुझे नहीं लगता है कि मेरे जीवन में ऐसा कुछ है जिस पर किताब लिखी जाये।  मेरे पास ५ साल से ऑफर है अच्छे पब्लिकेशन का, लेकिन मैं तैयार नहीं हूँ। 

हिंदी फिल्म --- हिंदी मीडियम

हिंदी फिल्म  --- हिंदी मीडियम 
रिलीज़ ---- १९ मई 
बैनर -- टी सीरीज़ , मैडॉक फिल्म्स। 
निर्माता  --- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार और दिनेश विजन। 
निर्देशक -- साकेत चौधरी। 
कहानी और पठकथा -- साकेत चौधरी और ज़ीनत लखानी। 
कलाकार --- इरफ़ान खान , सबा कमऱ और दीपक डोबरियाल। 
संगीत --- सचिन जिग़र 
बैक ग्रॉउंड संगीत --- अमर मोहिले 


निर्देशक साकेत चौधरी ने इस फिल्म से पहले  "प्यार के साइड इफेक्ट्स  " और  "शादी के साइड इफ़ेक्टस " भी निर्देशित की थी।  इसके अलावा साकेत ने संतोष सिवान की फिल्म "अशोका " को भी लिखा है ,साथ में इन्होने अनेकों टी वी धारावाहिकों को भी लिखा है. सन २००३ में इरफ़ान और दीपक ने विशाल भारद्वाज की फिल्म "मक़बूल " में  काम किया था।  १४ सालों के बाद फिर से दोनों "हिंदी मीडियम" में  एक साथ दिखाई देंगे। इरफ़ान खान की यह फिल्म "हिंदी मीडियम" पहले बिग बी की फिल्म "सरकार ३" के साथ १२ मई को रिलीज़ हो रही थी लेकिन बाद में फिल्म निर्माताओं ने इसकी तारीख़ को एक सप्ताह बढ़ा कर १९ मई कर दिया। वैसे कोई भी तारीख़ हो इरफ़ान खान की फिल्म का  दर्शकों को हमेशा ही इंतज़ार रहता है। 
 
दीपक डोबरियाल को दर्शक फिल्म " तनु वेड्स मनु" के पप्पी के नाम से ज्यादा पहचानते हैं। फिल्मों में आने से पहले दीपक ने दिल्ली में थियेटर  किया है।  दीपक ने मक़बूल, ओमकारा, गुलाल , मुंबई कटिंग, दायें या बायें , शौर्य , १९७१ , तनु वेड्स मनु , तनु वेड्स मनु रिटर्न्स , प्रेम रतन धन पायों आदि फिल्मों में भी अभिनय किया है। "हिंदी मीडियम" में पाकिस्तानी अभिनेत्री सबा क़मर भी है।  सबा ने अनेकों लोकप्रिय टी वी धारावाहिकों में अभिनय किया है।    

फिल्म "हिंदी मीडियम" दिखाती है कि किस कदर हमारे ऊपर अँग्रेजी का जूनून सवार है जिसे अँग्रेजी बोलनी नहीं आती तो समझ लो उसका जीवन तो बिलकुल ही बर्बाद है.आज हिंदी भाषा की बहुत बुरी दुर्दशा है। "हिंदी मीडियम" फिल्म आज के हर उस माता पिता की सच्ची कहानी को दिखाती है जो अपने बच्चे को अच्छे अँग्रेजी स्कूल में पढ़ा लिखा कर क़ाबिल बनाने का सपना देखते हैं।  

ऐसे ही माता पिता है राज ( इरफ़ान खान ) और मीता ( सबा क़मर ) जो कि अपनी ३ साल की बच्ची का किसी अच्छे नर्सरी स्कूल में दाख़िला कराना चाहते हैं। इसके लिए चांदनी चौक में साड़ियों की दुकान चलाने वाला मध्यम वर्गीय राज दिल्ली की उच्च वर्गीय रिहायशी इलाके में अपना घर भी लेता है और उसी तरह का जीवन जीना भी शुरू कर देता है लेकिन फिर भी उसकी बेटी को स्कूल में दाख़िला नहीं मिला पाता। अपनी बेटी को अच्छे अंग्रेजी स्कूल में दाख़िला दिलाने के लिए राज और मीता को अनेकों  दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और क्या फिर भी उनकी बेटी का दाख़िला अंग्रेजी स्कूल में  हो पाता है ? यही है कहानी है फिल्म "हिंदी मीडियम" की. 

Tuesday, May 16, 2017

लेखकों और कलाकारों से मेरी प्रार्थना हैं कि वो हिंदी में बात करें --- दीपक डोबरियाल

पप्पी जी के नाम से दर्शकों के बीच लोकप्रिय अभिनेता दीपक डोबरियाल १२ साल बाद फिर से एक बार अभिनेता इरफ़ान खान के साथ फिल्म "हिंदी मीडियम " में  आ रहे हैं. दीपक ऐसे अभिनेता हैं जो जिस भी किरदार को करते हैं उसमें पूरी तरह से डूब जाते हैं।  हिंदी माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर चुके दीपक चाहते हैं कि कम से कम लेखक और कलाकार तो हिंदी बोले क्योंकि उनका सीधा संपर्क उनके चाहने वालों से होता है। उनसे मुलाक़ात हुई और बातें हुई उनकी फिल्मों को लेकर --- 

फिल्म हिंदी मीडियम में ऐसा क्या है जिसे दर्शक देखना पसंद करेगें ?
क्योंकि यह फिल्म उन सभी माता पिता  के जीवन से जुड़ी हुई है जो कि चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी स्कूल पढ़ कर क़ाबिल बन जायें लेकिन उन्हें बच्चों के एडमिशन में कितनी दिक्क़तों का सामना करना पड़ता है। यह सब बहुत ही मज़ेदार तरीकों से दिखाया है निर्देशक ने।
अंग्रेजी भाषा इतनी जरुरी क्यों है हमारे देश में ?
पता नहीं क्यों लोगों के दिमाग़ में अंग्रेजी को लेकर ऐसा कुछ है। लोगों की सोच सही नहीं है।
फ़िल्मी दुनिया में कितनी बोली जाती  है ?
बहुत बोली जाती है लेकिन तकनीकी विभाग तो अंग्रेजी में बोलता है क्योंकि इस विभाग में अलग - अलग जगह के होते हैं कोई केरल का है कोई कहीं दूसरी जगह का तो  किसी को हिंदी नहीं आती इसलिये साथ में काम करने के लिए अंग्रेजी में बात करनी पड़ती है। लेकिन लेखकों और कलाकारों से  मेरी प्रार्थना हैं कि वो हिंदी में बात करें क्योंकि वो सीधे अपने प्रशंसकों से जुड़े हुए होते हैं।
आपकी शिक्षा किस माध्यम में हुई ? आपकी सोच नहीं बदली अंग्रेजी को लेकर ?
हिंदी में ही हुई मेरी पढ़ाई , हिंदी में ही सोचता हूँ ,हिंदी में ही थियेटर किया और अब हिंदी फिल्मों में ही काम कर रहा हूँ. मैं कभी भी अंग्रेजी से ज्यादा प्रभावित हुआ.
इरफ़ान के काम करके कितना मज़ा आया ?
बहुत ही मज़ा आया।  मैंने १२ साल पहले भी उनके साथ मक़बूल में काम किया था।
विनोद खन्ना जी के साथ आप काम कर चुके हैं बताइये कुछ अनुभव ?
विनोद खन्ना जी वो इतने बड़े कलाकार थे । बहुत ही अच्छा स्वभाव था  उनका,  मेरे कंधे पर हाथ रख कर बात कर रहे थे। मेरे काम को उन्होंने बहुत पसंद किया। उन्होंने ही मुझे सलमान भाई से मिलवाया था। अपने साथ बैठाया मुझे।
क्या आपको भी लाऊड स्पीकर की आवाज़ परेशान करती है ?
नहीं , मुझे हर जगह से संगीत ही सुनाई देता है चाहे अज़ान हो मंदिर की घंटियाँ हो चाहे किसी की गायकी हो।

Friday, May 12, 2017

योगेश लखानी आदित्य ठाकरे ,सूरज पंचोली और मनीष मल्होत्रा से मिले

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Displaying yogesh lakhani,aditya thackere & raunak dafftary1.jpgयोगेश लखानी जो ब्राईट आउटडोर कंपनी के मालिक हैं ,उन्हें हर इवेंट
में आमंत्रित किया जाता है। हाल ही में हुए फुटबाल टूर्नामेंट में उनकी मुलाकात आदित्य ठाकरे ,सूरज पंचोली और मनीष मल्होत्रा से हुई। योगेश लखानी को समाज सेवा और स्पोर्ट्स बहुत पसंद है। 

Wednesday, May 10, 2017

रॉकिंग इंटरनेशनल फैशन शो में विटामिन की सोनालिका ने रॉ मेलबोर्न में चार चांद लगाये

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Displaying model 5.jpgDisplaying vishwajeet & sonalika pradhan2.jpgरॉकिंग इंटरनेशनल फैशन शो में विटामिन की सोनालिका ने रॉ मेलबोर्न में चार चांद लगाए। सोनालिका की अगले चरण की प्रस्तुती में गरमी और वसंत के कलेक्शन को प्रकृति के विभिन्न रंगों से प्रेरित किया है। दूसरे वर्ष के लिए डिजाइनर सोनालिका और अभिनेता विश्वजीत प्रधान है, जिनके नवीनतम डिजाइनों के प्रति उत्साही दर्शकों ने ध्यान दिया। ब्रांड एंबेसडर राशी कपूर भी फैशन शो में आए थे। इनकी उपस्थिति से निर्णायक भूमिका निभा रही है। विटामिन की सोनालिका के इस सीजन में पारंपरिक और आधुनिक भारत का विश्व फैशन समाया हुआ है।

बीमारी में ईशा गुप्ता करती हैं दादी मां के नुस्खों का इस्तेमाल


Displaying IMG-20170123-WA0004.jpgफिल्म अभिनेत्री ईशा गुप्ता बीमारी से निपटने के लिए दादाी मां के नुस्खों का इस्तेमाल करती हैं।फ्लूसर्दीबुखार और पेट से जुड़े इंफेक्शन होने पर वो दादी मां के नुस्खों को 
अपनाती हैं।फिल्म 'कमांडो 2' में बेहद ग्लैमरस नज़र आयीं फिल्म अभिनेत्री ईशा गुप्ता बीमारी से निपटने के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करती हैं।
बीमारियों में फ्लूसर्दीबुखार और पेट से जुड़े इंफेक्शन शामिल है। जब भी उनसे बन पाया है उन्होंने घरेलू नुस्खों का ही इस्तेमाल अपनी सेहत के लिए किया है जो उन्हें दादी मां ने बताएं हैं खास बात यह है कि ईशा गुप्ता को यह याद ही नहीं है कि उन्होंने आखिरी बार एलोपैथिक दवाई का सेवन कब किया था। इसके अलावा उनका यह भी मानना है कि इस तरह की दवाई का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब कोई और रास्ता  बचा हों। ईशा गुप्ता अपनी इस आदत का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं क्योंकि बचपन से माता-पिता ने उन्हें इस चीज की आदत लगाई है। ईशा का कहना है उनके माता-पिता नियमित रूप से योग करते थे और नैसर्गिक चीजों के सेवन पर ध्यान देते थे। ईशा ने इन्ही जीवन मूल्यों को अपने जीवन में भी लागू किया है। ईशा गुप्ता इसे लोगों को फॉलो करने की भी सलाह दे रही हैं।इसके पीछे कारण यह है इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं होता है।
अभी हाल ही जब ईशा गुप्ता का मैनेजर बीमार हुआ था तो उन्होंने भी घरेलू नुस्खों से उनका उपचार करवाया और उन्हें इससे तुरंत फायदा भी हुआ। ईशा अपने खाने को लेकर बहुत ध्यान रखती हैं और सेहत के प्रति एकदम जागरूक हैं। ईशा गुप्ता जल्द फिल्म 'बादशाहोंमें भी नज़र आएंगी। इस फिल्म में अजय देवगन की भी मुख्य भूमिका हैं।

मैदान ने क्यों कोई झंडे नहीं गाड़े समझ नहीं आया जबकि यह बेहतरीन फिल्म है

  कल  मैने प्राइम विडियो पर प्रसारित निर्देशक अमित रविंद्रनाथ शर्मा और अभिनेता अजय देवगन की फिल्म "मैदान" देखी। अजय देवगन की यह फि...