पदमा बिनानी फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है जो भारतीय कल्चर और आर्ट के लिए काम करती है। इनकी तीन शाखाएँ हैं - वात्सल्य, अक्षर और सुरांजलि। वात्सल्य के अंतर्गत ये बच्चों को विभिन्न भाषाओँ में लिखने के लिए प्रोत्साहन देते हैं। अक्षर के अंतर्गत ये अलग - अलग भाषाओँ में किताब रिलीज़ करते हैं और सुरांजलि में ये लोक संगीत और धार्मिक संगीत रिलीज़ करते हैं। इस फाउंडेशन की शुरुआत श्रीमती पदमा बिनानी ने की थी।
इस फाउंडेशन ने नयी एलबम मंगल रूप निधान सावरो का लांच वर्ली के नेहरू सेंटर में रखा जहाँ जाने माने संगीतकार रविन्द्र जैन, गायक अनूप जलोटा और शेखर सेन ख़ास आये थे। इस एलबम को तीन सीडी में लांच किया गया है। उष्ण काल या समर, शीत काल या विंटर और
जन्माष्टमी या भगवान कृष्णा का जनम। ये गाने तैलंग बंधू - श्री गोकुलेंदु और श्री गौरव ने गाये हैं और इसे हवेली संगीत कहते हैं।
जन्माष्टमी या भगवान कृष्णा का जनम। ये गाने तैलंग बंधू - श्री गोकुलेंदु और श्री गौरव ने गाये हैं और इसे हवेली संगीत कहते हैं।
हवेली संगीत एक पारम्परिक मंदिरों में भगवन कृष्ण की प्रशंसा के लिए गाये जानेवाला संगीत है। ये संगीत ५०० साल पुराना संगीत है। हवेली संगीत के गाने साधू और संतो ने लिखे थे जिसे ध्रुपद ताल में गाया जाता है। मेहमानो में धर्मेश तिवारी और नितिन मुकेश भी थे जो इस संगीत का सेवन करने आये थे
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