कबीर के समझ में नहीं आया कि ज़ारा कहां चली गई। जारा को महिला कॉन्स्टेबल द्वारा यातना दी जाती है। ज़ारा उन्हें बताती है कि यह गलत है, वे इस तरह उसे यातना नहीं दे सकती हैं, उन्हें गिरफ्तारी के कारण जानने का अधिकार है। उसे किसी तरह की मदद नहीं मिलती। वह उन्हें अपने पति को फोन करने के लिए कहती रहती है। ज़ारा को एक जेल साथी द्वारा चोट लगी है। ज़ारा बड़ी परेशानियों में है। ज़ारा मानसिक आघात का अनुभव करती है और आंसू बहाती है। वह कबीर की प्रतीक्षा करती है।
कबीर ज़ारा को खोजने के लिए शिराज के घर पहुंचे। वह शिराज़ की पहचान के साथ किसी से मिलता हैं। कबीर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि वह छोटा लड़का शिराज़ का है।
एसीपी गजल कबीर से कहती है कि वह आदमी झूठ नहीं बोल रहा है, उसने साक्ष्य भी दिए हैं। वह उसे बताती है कि उन्हें वहां पर कुछ भी नहीं मिला है। वह गजल को ज़ारा खोजने के लिए कहता है। एसीपी गजल शिराज की पत्नी है। वह शिराज की मौत का बदला ले रही है। वहा ज़ारा को पसंद नहीं करती। वह देखना चाहती है कि शिराज के लिए ज़ारा स्पेशल क्यों थी, शिराज ने उसे ज़ारा के लिए धोखा क्यों दिया, वह क्यों भ्रमित था। उसने अपनी निराशा को दूर करने के लिए ज़ारा को यातना दी है। गजल कबीर को ज़ारा के बारे में बताती नहीं है। जी टीवी पर क्रिएटिव आई लिमिटेड के इस सीरियल के प्रोड्यूसर धीरज कुमार, जुबी कोचर, सुनील गुप्ता है।
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