रिलीज़ -- २७ अप्रैल
बैनर -- स्टॉर्म मोशन पिक्चर्स और सप्तऋषि सिनेविजन प्रोडक्शन।
निर्माता -- संजीव कुमार, गौरव शर्मा, मनोहर पी क़ानूनगो।
निर्देशक -- सुधीर मिश्रा
स्क्रीन प्ले -- सुधीर मिश्रा और जयदीप सरकार
कलाकार --- ऋचा चड्डा, राहुल भट्ट, अदिति राव हैदरी, सौरभ शुक्ला, विनीत कुमार सिंह, दिलीप ताहिल और अनुराग कश्यप।
संगीत --- विपिन पटवा, सन्देश शांडिल्य, अर्को पर्वो मुखर्जी,शमीर टंडन और अनुपमा राग।
गीत -- डॉ सागर ,अर्को , मुनीर रियाज़ी,दीपक रमोला, गौरव सोलंकी।
आवाज़ -- रेखा भारद्वाज, आतिफ़ असलम,स्वानंद किरकिरे ,जावेद बशीर,अर्को और नवराज हँस।
रोमांटिक, पॉलिटिकल, थ्रिलर फिल्म "दास देव " के निर्देशक हैं सुधीर मिश्रा। सुधीर मिश्रा धारावी, मैं ज़िंदा हूँ , इस रात की सुबह नहीं, हजारों ख्वाहिशें ऐसी ,चमेली, खोया खोया चाँद ,ये साली जिंदगी , इंकार जैसी फिल्में बना चुके हैं। सुधीर ने कुंदन शाह, सईद अख़्तर मिर्ज़ा और विधु विनोद चोपड़ा के सहायक निर्देशक के रूप में भी काम किया है. सुधीर की फिल्मों का अपना कंटेंट होता है, जिसका अपना एक अलग दर्शक वर्ग है। सुधीर मिश्रा की इस फिल्म ‘दास देव’ का भी लंबे वक्त से इंतजार किया जा रहा है। यह फिल्म क्लासिक देव दास के उलट आज के मॉडर्न देव दास की कहानी कहती है। फिल्म एक पॉलिटिकल ड्रामा है, जिसके सुधीर मिश्रा मास्टर माने जाते हैं।
अभिनेत्री ऋचा चड्डा ने २००८ में फिल्म "ओये लकी लकी ओये" से अपना फ़िल्मी सफर शुरू किया। इसके बाद गैंग्स ऑफ़ वासेपुर , फुकरे, गोलियों की रास लीला - राम लीला,तमंचे ,मसान, मैं और चार्ल्स ,सरबजीत,जिया और जिया ,फुकरे रिटर्न्स आदि फ़िल्में की हैं। अदिति राव हैदरी ने मलयालम, तमिल , मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया है. अदिति ने २००९ में फिल्म "दिल्ली- ६ " से हिंदी फिल्मों में काम शुरू किया। इसके बाद ये साली जिंदगी, रॉक स्टार,लंदन पेरिस न्यूयार्क, मर्डर - ३ , बॉस,गुड्डू रंगीला, वज़ीर , फितूर ,भूमि और पद्मावत आदि फिल्मों में अभिनय किया। अभिनेता राहुल भट्ट ने लोकप्रिय टी वी धारावाहिक "हिना " में काम किया। इसके बाद २००२ में ये मोहब्बत है, २००३ में नयी पड़ोसन ,२०१४ में अग्ली, २०१६ में फितूर , जय गंगाजल आदि फिल्मों में काम किया।
फिल्म "दास देव " प्यार के साथ - साथ शक्ति और ताकत की कहानी है। पारो (ऋचा चड्डा ) और देव ( राहुल भट्ट ) दोनों ही एक दूसरे से प्यार करते हैं लेकिन जब सत्ता और ताकत की बात आती है तब पारो देव को छोड़कर एक ऐसे राजनेता से शादी कर लेती है जिससे उसके हाथ में राजनीति की बागडोर आ जाती है। ऐसे में देव भी पारो के बिना अपनी जिन्दगी की नयी शुरुआत करता है और अपने पिता की विरासत को संभालने के लिए आगे आता है और अपने विरोधी के रूप में पारो को सामने खड़ा देखता है। ऐसी परिस्थिति में उसका साथ देने आती है चाँदनी (अदिति राव हैदरी ) , जो देव को प्यार करती है जबकि उसे यह भी मालूम है कि देव उससे प्यार नहीं करता है।
क्या होता है जब देव और पारो एक दूसरे के विरोध में आमने - सामने खड़े हो जाते हैं ? क्या फिर कभी देव और पारो एक हो पायेगें ? चाँदनी का क्या होगा ? यही इस फिल्म में दिखाया गया है।
No comments:
Post a Comment