बैनर --- इंटरपिड पिक्चर्स , बी फॉर यू , ज़ाहक फिल्म्स लिमिटेड , रिलेटिविटी मीडिया।
रिलीज़ -- २ जून
निर्माता -- प्रवाल रमन, ईशान सक्सेना, विक्रम खाखर और सुनील शाह।
स्क्रीन प्ले और निर्देशन -- प्रवाल रमन
२०१३ में रिलीज़ हुई सुपर नेचुरल फिल्म ओक्युलस पर आधारित।
कलाकार --- हुमा कुरैशी ,साक़िब सलीम , लिजा रे , आदिल हुसैन और रिया चक्रवर्ती।
संगीत -- अरको प्रवो मुखर्जी।
राम गोपाल वर्मा के सहायक रह चुके निर्देशक प्रबाल रमन ने इस फिल्म से पहले डरना मना है (२००३ ) गायब ( २००४ ) डरना ज़रूरी है ( २००६ ) ४०४ (२०११ ) मैं और चार्ल्स ( २०१५ )आदि फिल्मों का निर्देशन किया है। २०१३ में रिलीज़ हुई सुपर नेचुरल फिल्म "ओक्युलस" पर आधारित इस फिल्म "दोबारा : सी योर इविल" में हुमा क़ुरेशी और साक़िब सलीम दोनों सगे बहन भाई फ़िल्म में भी बहन भाई का किरदार अभिनीत कर रहे हैं।
इस फिल्म की कहानी के केंद्र में है एक आईना , जिसके बारें में यह माना जाता है कि वो भूतिया आईना है। फ़िल्म की कहानी दो अलग अलग समय की है. वर्तमान से शुरू होती है और बीच - बीच में ११ साल पहले की घटना को भी दिखाया जाता है। एलेक्स मर्चेंट ( आदिल हुसैन ) और लिज़ा मर्चेंट ( लिज़ा रे ) अपने दोनों बच्चों नताशा मर्चेंट और कबीर मर्चेंट के साथ अपने नये घर में रहने जाते हैं। एलेक्स एक पुराना आईना ख़रीदकर लाता है और बस शुरू हो जाता है अजीबोग़रीब घटनाओं का सिलसिला। कभी एलेक्स को आईने में से निकल कर एक महिला लुभाती है , कभी लिज़ा पागलों की तरह व्यवहार करने लगती है। दोनों बच्चे भी इस आईने की वजह से परेशान हो जाते हैं और तभी कबीर कुछ ऐसा कर बैठता है जिससे उसे जेल हो जाती है। बड़े होने पर कबीर ( साकिब सलीम ) जेल से रिहा होता है और बहुत सालों के बाद कबीर और नताशा ( हुमा कुरेशी ) दोनों भाई - बहन फिर से एक दूसरे से मिलते हैं और आईने की उलझी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश करते हैं कि क्या सच आईने में भूत है या उनके मन का वहम ? दोनों भाई - बहन अपने माता पिता को मारने वाले उस आईने को तोड़ने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से उनकी हंसती खेलती दुनिया उजड़ गयी।
क्या कबीर और नताशा उस मनहूस आईने को तोड़ पाते हैं ? क्या दोनों आईने के चँगुल में फँस जाते हैं ? जानने के लिए देखिये फिल्म " दोबारा : सी योर इविल "
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