रणदीप हुडा ने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरूआत की फ़िल्म मानसून वैडिंग से। अच्छा लगा दर्शकों को उनका अभिनय ,फिर कुछ फिल्में उन्होंने राम गोपाल वर्मा के साथ की । ये सारी फिल्में उस समय की थी जब रामू अच्छी फिल्में बनाना भूल चुके थे। फिर भी रणदीप की कुछ फिल्में जैसे डी, रिस्क दर्शकों को याद होंगी।एक समय वो भी आया जब वो सुष्मिता सेन के साथ व्यस्त हो गये। कुछ समय बाद उन्हें होश आया कि वो क्यों आये थे इंडस्ट्री में, फिर उन्होंने अच्छी फिल्में साईन की।
सन 2010 से उनकी किस्मत रंग लायी जब उन्होंने फिल्म वन्स अपॉन ए टाइम इन मुम्बई में काम किया। इसके बाद तो उन्होंने साहेब बीवी और गैंगस्टर सीरिज की फ़िल्मे फिर हाइवे, मैं और चार्ल्स, किक, कई फिल्में की हैं। उनकी तारीफ यह भी करनी होगी कि जितनी भी फिल्में वो कर रहे हैं सबकी सब अलग विषय पर हैं । कल रिलीज होने वाली फ़िल्म लाल रंग रक्तदान जैसे गंभीर विषय पर है। जहाँ खून देने से किसी मरीज की जान बचाई जाती है वहीं इसके पीछे भी माफिया काम करता है कम कीमत पर लोगों का खून लेकर उसकी काला बाज़ारी करना।
सन 2010 से उनकी किस्मत रंग लायी जब उन्होंने फिल्म वन्स अपॉन ए टाइम इन मुम्बई में काम किया। इसके बाद तो उन्होंने साहेब बीवी और गैंगस्टर सीरिज की फ़िल्मे फिर हाइवे, मैं और चार्ल्स, किक, कई फिल्में की हैं। उनकी तारीफ यह भी करनी होगी कि जितनी भी फिल्में वो कर रहे हैं सबकी सब अलग विषय पर हैं । कल रिलीज होने वाली फ़िल्म लाल रंग रक्तदान जैसे गंभीर विषय पर है। जहाँ खून देने से किसी मरीज की जान बचाई जाती है वहीं इसके पीछे भी माफिया काम करता है कम कीमत पर लोगों का खून लेकर उसकी काला बाज़ारी करना।
रणदीप रोहतक हरियाणा के रहने वाले हैं , फिल्म "लाल रंग " में भी वो इसी शहर के युवक की भूमिका में हैं। फिल्म "सरबजीत " की भी बहुत चर्चा हो रही है क्योंकि इस फिल्म में रणदीप ने सरबजीत की भूमिका की है और इसके लिये उन्होंने अपना १८ किलो वजन काम किया है। पाकिस्तान की जेल में कैद भारतीय सिपाही के जीवन पर बनी इस फिल्म का सभी दर्शक बेताबी से इंतज़ार कर रहे हैं. सुल्तान और दो लफ्जों की कहानी रणदीप वाली फ़िल्में हैं।
No comments:
Post a Comment