अमित कुमार ने अपने पिता किशोर कुमार के साथ 1965 में अपना संगीत कैरियर शुरू कर दिया था। अपने पिता की तरह अमित को गायन से प्यार था और बचपन में वह कोलकाता में दुर्गा पूजा के कार्यक्रम में गाना गाते थे। एक बार बंगाली अभिनेता उत्तम कुमार द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा समारोह में मंच पर प्रदर्शन किया था, तब लोगों ने फिर से गाना गाने का अनुरोध किया था और यह बात उनकी मां को पता चल गई। तब मां ने किशोर कुमार से शिकायत की कि उनका बेटा फिल्मी गीत गाता है। शिकायत सुनने के बाद किशोर कुमार ने उसे मुंबई लेकर जाने का फैसला किया। वह उसे बाल गायक के रुप में ब्रेक देना चाहते थे। वह फिल्में थी ‘दूर गगन की छांव में’ और ‘दूर का राही’। गीत के बोल थे ‘आ चलके तुझे, मैं लेके चलूं’, किशोर कुमार ने अपने ग्यारह वर्षीय पुत्र अमित कुमार के साथ यह गाना गाया था।
साल १९९४ में आर डी बर्मन की मृत्यु के बाद अमित कुमार फिल्म इंडस्ट्री से अलग हो गए, क्योंकि उनके साथ उनका अच्छा तालमेल था। मगर उन्होंने आर्केस्ट्रा में गाना जारी रखा और अब तक जारी है। साथ ही अमित कुमार ने कई फिल्मों में कई उल्लेखनीय गीत गाए है – आंधी, आप के दिवाने, खट्टा मिठा,गोल माल, देस परदेस, गंगा की सौंगध, दिवानगी (१९७६), दुनिया मेरी जेब में, परवरिश, हमारे तुम्हारे (१९७९) और बातों बातों में। उन्होंने लता मंगेशकर के साथ फिल्म बातों बातों में – ‘उठे सबके कदम’ और फिल्म दुनिया मेरी जेब में ‘देख मौसम के राही है’ गीत गाया। साथ ही आशा भोंसले के साथ फिल्म लाल खोटी में ‘ढल दिन कैसे’ गीत गाया, जो उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था। साल १९८० में अभिनेता फिरोज खान द्वारा निर्मित फिल्म कुर्बानी का लोकप्रिय गाना ‘लैला ओ लैला’ अमजद खान पर फिल्माया था, जिसके लिए अमित कुमार ने आवाज दी थी।
अब अमित कुमार अपने गायन कैरियर के ५० साल सेलेब्रेट कर रहे है। अमित कुमार अन्य गायकों के साथ ९ दिसंबर को शाम ६.३० बजे सायन, किंग सर्कल स्थित षण्मुखानंद हॉल में लाइव परफॉर्म करेंगे। टिकट दरें – ५०००, ३०००, २०००, १००० और ५०० रुपए।
५० साल के गोल्डन ईयर के संगीतमय कार्यक्रम में अमित कुमार के साथ म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लाहिरी, कविता कृष्णमूर्ति, अनुराधा पौडवाल, सपना मुखर्जी, सुमीत कुमार, सुदेश भोंसले, सुरेश वाडकर, सिद्धांत भोंसले, शैलेजा सुब्रमण्यम, बाबुल सुप्रियो और जॉनी लीवर है। टिकट के लिए आप संपर्क करें – 9561795704 / 9545760583.इस कार्यक्रम को गोपकुमार पिल्लै अपनी पीपल आर्ट्स सेंटर कर रहे हैं।
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