उत्तर प्रदेश का एक गाँव " बदलापुर " , इस गाँव के लड़के कबड्डी खेलते हैं लेकिन इस खेल में वो कभी भी जीतते नहीँ इसके बावजूद वो उनके हौंसलों में कोई कमी नहीं है. जैसे - तैसे करके वो प्रदेश में हो रही कबड्डी प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं और जीत जाते हैं। इसी गाँव का लड़का है विजय , जिसके पिता ने गाँव में नहर बनाने के लिए अपने परिवार की भी परवाह नही की और आत्मदाह कर लिया। हर वक्त विजय अपने बाबा के बारें में ही सोचता है कि उसके बाबा ने गाँव के लिए ही सब कुछ किया लेकिन फिर भी मरने के बाद भी कोई उन्हें सम्मान नही देता । सब उन्हें पागल कहते हैं। विजय भी अपने गाँव की कबड्डी टीम का एक खिलाड़ी है वो कबड्डी खेलता है जिससे वो मुख्य मंत्री से मिल सके और उनसे कह कर अपने बाबा का सपना पूरा कर सके. उसकी वजह से उसके गाँव की टीम "बदलापुर बॉयज" जीत जाती है और उसके बाबा का सपना पूरा हो जाता है.
एक अच्छी कहानी है फिल्म "बदलापुर बॉयज की, जो कि दर्शकों को शुरू से लेकर आखिरी तक बांधे रखती है। बड़े सितारे नहीं हैं फिल्म में, फिर भी कहीं कोई बोरियत नही. एक छोटा सा गाँव है उसके लोग भी बहुत ही साधारण हैं , लेकिन फिर भी वो अपने सपनों को पूरा करने का दम रखते हैं. सभी कलाकारों ने अच्छा काम किया है। उम्दा अभिनय , उम्दा कहानी, सीधे सादे संवाद लेकिन फिर भी दिल को छू लेगी यह फिल्म , कबड्डी के खेल पर आधारित है यह फिल्म ,लेकिन सिर्फ स्पोर्ट्स ही देखने को नही मिलेगा , भरपूर मनोरंजन के साथ भरपूर इमोशन्स भी हैं फिल्म। फिल्म का क्लाईमैक्स तो दर्शकों के दिलों दिमाग पर काफी असर करेगा।
अभिनेता निशान फिल्म के नायक हैं निशान ने मलयालम,तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम किया। इस फिल्म में दर्शकों को निशान का अभिनय निस्सन्देह रूप से पसंद आयेगा
सरन्या मोहन की यह पहली ही हिंदी फिल्म है इससे पहले वो मलयालम, तमिल और तेलुगु फिल्मों में काम कर चुकी हैं यह इत्तेफ़ाक़ की बात है कि सरन्या सन २००९ में तमिल भाषा में कबड्डी पर आधारित फिल्म "वेन्निला कबडी कुज़हु " और २०१० में बनी तेलुगु भाषा में बनी फिल्म "भीमिली कबड्डी जट्टू " में भी मुख्य नायिका थी।
अभिनेता अन्नू कपूर ने भी हमेशा की तरह प्रभावशाली अभिनय किया है।
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