Friday, August 8, 2014

हिंदी फिल्म -- एंटरटेनमेंट

हिंदी फिल्म -- एंटरटेनमेंट 
रिलीज़  -- ८ अगस्त 
निर्माता --- रमेश एस तौरानी और जयंतीलाल गाडा 
स्क्रीन प्ले और निर्देशन  -- साज़िद  -- फरहाद
कहानी -- के सुभाष  
कलाकार -- अक्षय कुमार, तमन्ना भाटिया, मिथुन चक्रवर्ती, जॉनी लीवर, कृष्णा अभिषेक, प्रकाश राज, सोनू सूद, हितेन तेज़वानी और बृजेश हीरजी। 
संगीत -- सचिन  - जिगर 

फिल्म "एंटरटेनमेंट " का नाम पहले  "इट्स एंटरटेनमेंट " था। फिल्म के बहुत सारे संवाद ऐसे हैं जिन्हें सुनकर दर्शक हँसते - हँसते लोट - पोट हो जायेगें। पूरी तरह से यह फिल्म अक्षय और कुत्ते की ही फिल्म है।  पहले भी हमारी कई फिल्मों में कुत्ता हीरो होता था लेकिन इस फिल्म का नाम तो कुत्ते के ही नाम पर रख दिया गया है। 

गोलमाल, बोल बच्चन और चेन्नई एक्सप्रेस जैसी ब्लॉक बस्टर फिल्मो का लेखन कर चुके साज़िद -- फरहाद की एक निर्देशक के रूप में यह पहली ही फिल्म है. जैसा कि फिल्म का नाम है "एंटरटेनमेंट " तो फिल्म पूरी तरह से हास्य फिल्म है।  अक्षय कुमार तो मुख्य भूमिका में हैं ही उनके अलावा एक गोल्डन रिट्रीवर नस्ल का कुत्ता भी इस फिल्म में है। फिल्म की कहानी इस प्रकार है --- 

कहा जाता है कि असफलतायें ही इंसान को सफलता की ओर ले जाती है लेकिन अखिल ( अक्षय कुमार ) के जीवन में इसका बिलकुल ही उल्टा है उसका हर कदम विफलता की ओर ही बढ़ रहा है। अखिल अपने बीमार पिता के लिए सब कुछ करना चाहता है जो की अस्पताल में भर्ती हैं. लेकिन एक दिन वो अपने पिता और अस्पताल की नर्स के बीच हुई बातचीत को सुन लेता है जिसमें उसके पिता कह रहे होते हैं कि  अखिल उनका अपना बेटा नही है. वो तो अपने बेटे की  मौत का  मुआवजा सरकार से  लेना चाहता है, जिसकी रेल हादसे में मौत हो चुकी है . यह सुनकर अखिल को बहुत सदमा लगता है, बाद में उसे पता चलता है कि उसके असली पिता तो सबसे अमीर हीरा व्यापारी, 'पन्नालाल जौहरी' हैं .  यह जान कर  उत्साहित अखिल यह बात सबसे पहले अपने दोस्त  'कृष्णा' (कृष्णा अभिषेक )   को बताता है. यह बात जान कर कृष्णा उसे बताता है कि पन्नालाल तो मर चुका है यह सुनकर उसकी उदासी ख़ुशी में बदल जाती है यह सोच कर वो अपने अमीर पिता का अकेला वारिस होगा। जब उसकी प्रेमिका सोनिया (तमन्ना ) के पिता (मिथुन ) को पता चलती है तो वो अखिल के साथ अचानक प्यार जताना शुरू कर देते हैं। 

अपनी माँ को धोखा देने के लिए वो अपने मृत पिता से नफरत करता है लेकिन वह उनके अंतिम संस्कार में आता है और  मगरमच्छ के आँसू बहाता है  लेकिन अंदर से वो मुस्कुराता है. उसे एक और बड़ा झटका लगता है जब  उसके पिता का पारिवारिक वकील उसे बताता है  कि उसके पिता ने अपनी सारी धन - दौलत अपने  वफादार कुत्ते एंटरटेनमेंट के नाम छोड़ी है. अखिल का दोस्त उसे कुत्ते की हत्या करने की सलाह देता है जो कि  अखिल की जिंदगी जी रहा है जबकि अखिल एक कुत्ते के जीवन जीने को मजबूर है।  

अखिल कुत्ते को खत्म करने की योजना बनाता  है जिसके लिए अखिल वकील से नौकरी देने के लिए कहता है।
वकील कुत्ते के देख रेख का काम करने की नौकरी अखिल को देता है. अब अखिल और उसका  दोस्त कुत्ते को मारने की कोशिश करते हैं लेकिन कुत्ता उनसे कहीं ज्यादा बुद्धिमान होता है उन्हें बार -- बार उल्टा ही भुगतना पड़ता है।  

जब अखिल कुत्ते को खत्म करने की कोशिश करता है इसी दौरान  उसे पन्नालाल के दूर के रिश्तेदारों करन अर्जुन के बारे में पता चलता है जो की पन्नालाल के धन पर अपनी नज़रे लगाये हुये है।  इन दोनों को पता  है की कुत्ते का जीवन तो बस १२ साल का ही होता है इसलिए उनका असली दुश्मन तो अखिल है तो उसे अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाते हैं.
क्या करन अर्जुन अखिल को अपने रास्ते से हटाने में सफल हो पाते हैं ? 
क्या अखिल इन दोनों और कुत्ते को मार कर पन्नालाल की दौलत का असली वारिस बन जाता है ? 

फिल्म के दो गीत जॉनी जॉनी और तेरा नाम दूँ श्रोताओ में लोकप्रिय हैं। 

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