अभिनेत्री भारती आचरेकर के अभिनय ने हम सभी को बहुत प्रभावित किया है चाहे वो लोकप्रिय धारावाहिक "सोन परी" की स्ट्रिक्ट स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका हो या "वागले की दुनिया" की राधिका वागले की भूमिका हो या धारावाहिक "सुमित संभाल लेगा " की मॉडर्न सास डॉली की भूमिका हो या हास्य धारावाहिक "चिड़िया घर " में बुआ का किरदार हो। वैसे तो सभी किरदारों में उन्होंने हमेशा ही दर्शकों का मनोरंजन किया है लेकिन दर्शक विशेष रूप से उनके हास्य अभिनय को बहुत पसंद करते हैं।
१५ अक्टूबर १९५९ में जन्मीं भारती ने १७ साल की उम्र से ही अभिनय करना शुरू कर दिया था। उनकी माँ माणिक वर्मा एक प्रसिद्ध गायिका थी। अपनी गायकी के लिए उन्हें पदम् श्री मिला था। जबकि पिताजी अमर वर्मा हिंदी --उर्दू के लेखक और कवि थे। इनकी तीन बहनें और भी हैं एक बहन वंदना गुप्ते भी एक लोकप्रिय मराठी अभिनेत्री हैं। दूसरी बहन रानी वर्मा भी एक गायिका हैं और तीसरी बहन हैं अरुणा जयप्रकाश। घर परिवार में संगीत - कला का माहौल था इसलिए इन्होने भी संगीत में ग्रेजुएशन किया। हालाँकि भारती अच्छी गायिका हैं लेकिन इन्होंने अभिनय को अपना कॅरियर बनाया क्योंकि अभिनय में उनकी दिलचस्पी बहुत थी। इन्होने मराठी और हिंदी रंगमंच के साथ - साथ अनेकों हिंदी - मराठी फिल्मों और टी वी धारावाहिकों में अभिनय किया है।
९० के दशक में कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण के लिखे उपन्यास पर आधारित एक शो "वागले की दुनियाँ " का प्रसारण दूरदर्शन पर होता था। इस शो में भारती ने श्री निवास वागले की पत्नी राधिका वागले की भूमिका अभिनीत की थी। उनकी इस भूमिका ने दर्शकों का मन मोह लिया था आज भी कुछ दर्शक उनकी इसी भूमिका को याद करते हैं। जबकि बस १९ एपिसोड ही बने थे इस शो के, फिर भी यह शो बहुत लोकप्रिय हुआ था। करीब ३३ सालों के बाद एक बार फिर यह शो "वागले की दुनियाँ - नई पीढ़ी नये किस्से " नये रंग रूप के साथ ८ फरवरी से सोनी सब प्रसारित हो रहा है। एक बार फिर से अपने उसी किरदार को अभिनीत कर बहुत ही खुश हैं भारती। उनका कहना है ," मैं बहुत ही खुश हूँ इस शो में काम करके। बहुत कम लोगों को मौका मिलता है किसी किरदार को दोबारा अभिनीत करने का। "
जहाँ तक हम भारती आचरेकर की हास्य अभिनय की बात करें तो उन्होंने हमेशा ही दर्शकों को हँसा - हँसा कर लोट - पोट किया है। बड़े परदे पर तो उन्होंने अनेकों प्रकार की भूमिकायें अभिनीत की हैं लेकिन छोटे परदे पर उन्होंने ज्यादातर हास्य भूमिकायें ही अभिनीत की हैं। उन्होंने आ बैल मुझे मार , कच्ची धूप , वागले की दुनियाँ , चोर पड़ोसन ,श्रीमती शर्मा ना कहती थीं , सोन परी ,तेरी भी चुप मेरी भी चुप , लापतागंज,मैं कब सास बनूगीं , क्या होगा निम्मो का ,चिड़िया घर , सुमित संभाल लेगा , सिया के राम आदि धारावाहिकों में अभिनय किया है।
फिल्मों की बात करें तो पिछले दिनों ओ टी टी पर रिलीज हुई निर्देशक डेविड धवन की फिल्म "कुली नंबर - १ " में दादी की भूमिका अभिनीत की थी। उन्होने अपना फ़िल्मी सफर १९८० में फिल्म "अपने पराये " से शुरू किया था। उनकी कुछ मुख्य फ़िल्में इस प्रकार हैं -- ब्रज भूमि ,संजोग , सुर संगम ,चमेली की शादी , ईश्वर ,बेटा , फिर भी दिल हैं हिन्दुस्तानी ,हाल ए दिल ,लिटिल जॉन ,जिंदगी खूबसूरत है , दिवसेन दिवस ( मराठी )फ्लेवर्स (अंग्रेजी )
सातच्या आत घरात (मराठी )सनाई चौघडे (मराठी ) वालू (मराठी ) अर्धांगी ( मराठी ) अगली और पगली ,आगे से राइट ,देसी बॉयज , रास्कल्स ,चश्मेबद्दूर , लंच बॉक्स ,पटेल की पंजाबी शादी और पोस्टर बॉयज आदि।
रती ने १० साल तक टी वी चैनल्स की तरफ से प्रोड्यूसर का काम भी किया खुद भी कुछ धारावाहिकों का निर्माण किया लेकिन इसमें उन्हें कुछ विशेष सफलता नहीं मिली। अमिताभ बच्चन , रणबीर कपूर , आलिया भट्ट ,अक्षय कुमार , दीपिका पादुकोण, करीना कपूर की प्रशंसक भारती को अपने खाली समय में इन कलाकारों की फ़िल्में देखना , घूमना , नाटक देखना और अपनी बहनों से मिलना बहुत पसंद है। थियेटर में भारती ने लगभग सभी बड़े कलाकारों के साथ काम किया है और वो आज भी अपने साथी कलाकारों को याद करती हैं। टी वी और फिल्मों के साथ - साथ आज भी भारती को थियेटर करना बहुत पसंद है।
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