Friday, April 5, 2019

कहानी -- हिंदी फिल्म -- रोमियो अकबर वॉल्टर

कहानी -- हिंदी फिल्म -- रोमियो अकबर वॉल्टर 
रिलीज़ -- ५ अप्रैल 
बैनर -- वायाकॉम १८ मोशन पिक्चर्स,कत्या प्रोडक्शंस 
निर्माता -- वायाकॉम १८ मोशन पिक्चर्स, अजय कपूर,धीरज वधावन, वेनेसा वालिया, गैरे ग्रेवाल
निर्देशक --रॉबी  ग्रेवाल 
लेखक -- रॉबी ग्रेवाल, इशराक इबा , श्रेयांश पांडेय   
कलाकार -- जॉन अब्राहम, मौनी रॉय, जैकी श्रॉफ, सिकंदर खेर।     
संगीत -- अंकित तिवारी, सोहैल सेन, शब्बीर अहमद, राज आशू 
बैक ग्राउंड संगीत -- हनीफ़ शेख    
 फिल्म "रोमियो अकबर वॉल्टर "के निर्देशक हैं रॉबी ग्रेवाल। रॉबी ने करीब १० साल बाद कोई फिल्म निर्देशित की है इससे पहले २००९ में इन्होने फिल्म "आलू चाट " निर्देशित की और इससे पहले  २००३ में "समय" २००७ में "एम पी थ्री : मेरा पहला
 पहला प्यार" आदि फ़िल्में निर्देशित की । २००५ में आयी लोकप्रिय फिल्म "यहाँ " के निर्माता भी रॉबी ही थे. 
सन २००३ में फिल्म "जिस्म " से दर्शकों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने वाले अभिनेता जॉन अब्राहम ने साया , 
काल, ऐलान, धूम, मदहोशी , वाटर , गरम मसाला,जिन्दा , टैक्सी नंबर - २०११,  काबुल एक्सप्रेस , दोस्ताना,
न्यूयॉर्क, सात खून माफ़,फोर्स , देसी बॉयज,हाउसफुल - २, शूट आउट एट वडाला, मद्रास कैफे,वज़ीर , रॉकी हैंडसम, 
ढिशूम ,फोर्स - २ , परमाणु और सत्यमेव जयते आदि फिल्मों में अभिनय किया है.  फिल्मों में बैक ग्रॉउंड डाँसर के रूप में 
काम कर चुकी  मौनी ने २००७ में "क्योंकि सास भी कभी बहू थी " से अपना अभिनय सफर शुरू किया। इसके बाद 
इन्होने कस्तूरी, दो सहेलियाँ , श्श्श्श कोई है ,देवों के देव महादेव ,नागिन के अलावा अनेकों रियल्टी शो में काम किया है. 
मौनी की पहली फिल्म "गोल्ड " थी. 
'रोमियो अकबर वॉल्टर’ यानि रॉ की कहानी एक सच्चे जासूस की कहानी है. कहानी है एक सीक्रेट एजेंट रोमियो 
अकबर वॉल्टर ( जॉन अब्राहम ) की। जो कि ७० के दशक में पाकिस्तानी सेना में शामिल होकर हिन्दुस्तानी सेना के 
लिये जासूसी करता है।  अपनी देशभक्ति, बहादुरी और बलिदान के साथ देश की सेवा करता है।उसकी जिंदगी कई बार ऐसे भी अवसर आते हैं जब पाकिस्तान अधिकारी  उसे पहचान कर पकड़ने की कोशिश भी करते हैं । 
ऐसे में कैसे रोमियो ,अकबर या वॉल्टर बन कर वो जासूस अपने देश के लिये काम करता है और कैसे भारत-पाकिस्तान 
के बीच हुई जंग में पाकिस्तान को भारतीय सेना के  सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर देता है।

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